जागीर गांव के शहीद कैप्टन आशुतोष को सैन्य व राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई- डीएम

मद्रास रेजीमेंट के शहीद कैप्टन आशुतोष के पार्थिव शरीर को लेकर दानापुर कैंट से सेना के जवान जब बुधवार को सुबह में पैतृक गांव जागीर पहुंचे तो पिता रविंद्र भारती द्वारा दी जा रही मुखाग्नि एवं तिरंगे में लिपटे शहीद को देखने हेतु नर-नारियों की भीड़ उमड़ पड़ी। अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी एवं सेना के जवानों के साथ अंतिम यात्रा निकली। सबों ने भारत माता की जय एवं शहीद आशुतोष के सर्वोच्च बलिदान के जयकारे लगाए।

बता दें कि एसपी योगेंद्र प्रसाद, एमएलए प्रो.चंद्रशेखर, एमपी दिनेश चंद्र यादव आदि की उपस्थिति में संवेदनशील जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला (IAS) ने राज्य सरकार की ओर से 11 लाख रूपये का चेक तथा सेना की ओर से 15 लाख  रुपये का चेक शहीद कैप्टन आशुतोष के परिजन को हस्तगत कराया।

यह भी कि शहीद कैप्टन आशुतोष को अंतिम विदाई देने आर्मी के कर्नल सहित जवान भी उनके जागीर गांव पहुंचे थे। कर्नल के नेतृत्व में सेना के जवान द्वारा शहीद कैप्टन के सम्मान में 39 चक्र गोलियों की सलामी दी गई। पहले  बीएमपी बटालियन के जवानों द्वारा और बाद में सेना के जवानों ने एक साथ गोलियों का तीन चक्र चलाकर सलामी दी।

यह भी जानिए कि शहीद को मुखाग्नि दिए जाने के बाद काफी देर तक डीएम व एसपी दाह संस्कार स्थल पर मौजूद रहे। फिर शहीद के पिता रविंद्र भारती को भरोसा दिलाते हुए संवेदनशील डीएम शुक्ला ने कहा- “आपका इकलौता पुत्र देश के लिए शहीद हुआ है लेकिन दूसरा पुत्र मैं भी हूँ। आशुतोष की पूर्ति तो नहीं की जा सकती, परंतु आपको कोई परेशानी नहीं आने दिया जाएगा……।”

मौके पर सेना के कर्नल व मेजर सहित जिले के डीडीसी विनोद कुमार सिंह, एडीएम उपेंद्र कुमार, एसडीएम नीरज कुमार, एसडीपीओ अजय नारायण यादव सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। वे तरह-तरह से शहीद कैप्टन आशुतोष की मां गीता देवी एवं बहन प्रीति-अंशु सहित अन्य परिजनों को ढाढ़स बंधाते देखे गए।

चलते-चलते यह भी बता दें कि जिला मुख्यालय में शहीद पार्क का निर्माण कराकर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने जिले के सभी शहीदों के नाम को पट्टिका पर दर्ज कराकर सम्मान देने का काम किया है। जिसमें शहीद के नाम के साथ-साथ उनके गांव का नाम एवं शहादत की तिथि अंकित है। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि उसी शहीदी पट्टिका पर शहीद कैप्टन आशुतोष का नाम….. अंकित करा कर उन्हें सदैव सम्मान दिया जाएगा।

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