कोरोना काल में बेहतर काम के लिए सूबे बिहार की नीतीश सरकार को मिला डिजिटल इंडिया अवार्ड

भारत सरकार ने गुजरे वर्ष में कोरोना के खतरे के दौरान सूबे बिहार की नीतीश सरकार की ओर से डिजिटल तरीके से प्रदेशवासियों को सहायता पहुंचाने के काम की सराहना की। फलस्वरूप, महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नीतीश सरकार के बेहतरीन प्रयासों के लिए सूबे के 5 आलाधिकारियों को डिजिटल इंडिया अवार्ड- 2020 से सम्मानित किया।

बता दें कि 30 दिसंबर, बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की उपस्थिति में सीएम नीतीश के प्रधान सचिव चंचल कुमार, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, अपर सचिव रामचंद्रडू, एनआईसी के शैलेश कुमार श्रीवास्तव और नीरज कुमार तिवारी को डिजिटल इंडिया अवार्ड- 2020 से सम्मानित किया गया।

जानिए कि लाॅक डाउन लागू होने के तुरंत बाद सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोगों से बातें कर उनका फीडबैक लिया गया और इन सभी आलाधिकारियों द्वारा ससमय उन तक राहत पहुंचाई गई। बिहार कोरोना सहायता मोबाइल ऐप के जरिए अधिक से अधिक लोगों को वित्तीय सहायता पहुंचाई गई।

इतना ही नहीं 1 करोड़ 64 लाख राशन कार्ड रखने वाले परिवारों को 3 महीने पहले का अग्रिम राशन दिया गया। साथ ही 21 लाख लोगों को खाते में एक-एक हजार रूपये की सहायता राशि का भुगतान भी किया गया। सूबे के 15 लाख से अधिक श्रमिकों को 10 हजार से अधिक केंद्रों पर सारी सुविधाओं के साथ क्वारंटाइन किया गया। इस अवधि में सभी को भोजन, आवासन एवं चिकित्सीय जांच भी कराया कराई गई। यहां तक कि बाहर से लौटे श्रमिकों को अभियान चलाकर रोजगार भी मुहैया कराया गया एवं अन्य छोटी-बड़ी सहायता व सुविधाएं भी दी गई।

चलते-चलते यह भी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों के चलते कोरोना काल में लोगों के खाते में सीधे आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए महामहिम राष्ट्रपति कोविंद द्वारा दिए गए सम्मान (डिजिटल अवार्ड-2020) से अभिभूत होकर संवेदनशील-समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री रविशंकर एवं सीएम नीतीश सहित सूबे के तमाम श्रमिक भाइयों को भी नए वर्ष की शुभकामनाएं प्रेषित की है।

 

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ब्रिटिश भारत में जन्मे रूडयार्ड किपलिंग साहित्य का प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता बने

आज ही के दिन यानि 30 दिसंबर 1865 को ब्रिटिश भारत के वर्तमान मुंबई (तब के बॉम्बे) शहर में मां एलिस किपलिंग की गोद में बालक रूडयार्ड किपलिंग का जन्म हुआ था। किपलिंग उच्च कोटि के पत्रकार, लघु कथा लेखक, उपन्यासकार और कवि के रूप में चर्चित रहे। वे बाल साहित्य, यात्रा साहित्य और विज्ञान कथाएं लिखने में प्रवीण थे।

बता दें कि मुंबई में जन्मे रूडयार्ड किपलिंग को मुख्य रूप से यह दुनिया उनकी पुस्तक “द जंगल बुक” के लिए जानती है जिसे उन्होंने 1894 में कहानियों के संग्रह के रूप में लिखकर प्रकाशित कराई थी। उनके द्वारा लिखी गई अन्य प्रमुख पुस्तकें “द मैन हु वुुड बी किंग” वर्ष 1888 में, “गंगा दीन” वर्ष 1890 में, साहसिक कहानियां “किम” वर्ष 1901 में और “इफ” वर्ष 1910 में उन्हें शोहरत के शिखर पर पहुंचा दिया।

जानिए कि मुंबई में जन्म लेने के कुछ वर्षों बाद उन्हें ब्रिटेन भेज दिया गया जहां उन्होंने स्कूली शिक्षा ग्रहण की। पढ़ाई समाप्त कर वे 20 सितंबर 1882 को भारत के लिए रवाना हुए और 18 अक्टूबर को मुंबई लौट आए। भारत आते ही उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में नौकरी शुरू की तथा वे लघु कथाओं के साथ-साथ कविताएं भी लिखने लगे। सात वर्षों के बाद यानि 1889 में रूडयार्ड किपलिंग पुनः ब्रिटेन लौट गए।

यह भी जानिए कि वर्ष 1894 में उन्होंने सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक “जंगल बुक” लिखी जिसके लिए उन्हें 1907 में साहित्य के लिए पहला नोबेल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। वे अंग्रेजी भाषा के पहले युवा लेखक हुए जिन्हें यह नोबेल पुरस्कार मिला।

चलते-चलते यह भी बता दें कि रूडयार्ड  झील में उनकी साहसी माताश्री एलिस किपलिंग एवं मूर्तिकार पिताश्री लाॅकवुुड किपलिंग  एक दूसरे से प्रेम-संबंध में बंधेे थे और झील की सुंदरता से मोहित होकर उन दोनों ने अपने पहले जन्मे बच्चे का नाम उस झील को यादगार बनाए रखने के आधार पर रूडयार्ड किपलिंग रखा था। तब के मुंबई स्थित सर जेजे स्कूल आफ आर्ट में रूडयार्ड किपलिंग के पिताश्री मूर्तिकला के प्रोफेसर थे और परिसर में जहां रहते थे उस घर का जीर्णोद्धार करके एक संग्रहालय में परिवर्तित किए जाने की घोषणा भी स्कूल प्रशासन द्वारा 2007 में की गई। कदाचित उसी जगह पर लकड़ी से बना एक नई कुटीर का निर्माण किया गया है जिसे भविष्य में रूडयार्ड संग्रहालय का रूप दिया जायेगा है।

 

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आज ही के दिन जन्मे राजेश खन्ना…. अभिनय के दम पर बॉलीवुड का सुपरस्टार बने

भारतीय फिल्मी दुनिया का चमकता हुआ सितारा राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर, 1942 यानि आज के ही दिन अमृतसर में हुआ था। भारत के समस्त कलाप्रेमी आज उस अद्भुत कलाकार को याद करता है जिसका असली नाम जतिन खन्ना था। जतिन यानि राजेश खन्ना की पहली फिल्म “आखिरी खत” 1966 में रिलीज हुई थी।

बता दें कि राजेश खन्ना भारतीय बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। उन्होंने 1969-70 व71 के बीच 15 सुपरहिट फिल्में दी और सुपरस्टार बन गए। वर्ष 1970 से 1980 तक बॉलीवुड के बेशकीमती हीरा बने रहे राजेश खन्ना यानि सबसे ज्यादा मेहनताना पाने वाले अभिनेता बने रहे वे।

जानिए कि राजीव गांधी के कहने पर राजेश खन्ना ने राजनीति में प्रवेश किया और वे नई दिल्ली लोकसभा सीट से 5 वर्षों (1991-96) के लिए कांग्रेस पार्टी के सांसद बने। बाद में उन्होंने राजनीति से ही सन्यास ले लिया।

यह भी जानिए कि सुपर स्टार राजेश खन्ना का नाम 14 बार फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामित किया गया, जिनमें उन्हें तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और चार बार बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट अवार्ड दिया गया। इसके अलावा दर्जनों भिन्न-भिन्न अवॉर्डों से विभूषित किया गया। मरणोपरांत इस सुपरस्टार को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। कैंसर के कारण 18 जुलाई 2012 को मुंबई में उनकी मृत्यु हो गई।

चलते-चलते यह भी कि राजेश खन्ना के पारिवारिक जीवन में बसंत कम और पतझड़ अधिक दिखते रहे। वर्ष 1973 में डिंपल कपाड़िया से शादी हुई और 1984 में दोनों अलग हो गए। फिर 1990 में दोनों करीब आते दिखे। वर्ष 2012 आते-आते दोनों एक साथ त्यौहार मनाने लगे। उनकी ही बड़ी बेटी ट्विंकल फिल्म अभिनेत्री है जिसकी शादी अभिनेता अक्षय कुमार से हुई है। अक्षय कुमार भी फिल्मी दुनिया की एक बड़ी हस्ती है और किसी से कम नहीं…।

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अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा सिंहेश्वर स्थान

एक ओर जहां राज्य सरकार द्वारा सिंहेश्वर को नगर पंचायत घोषित किये जाने एवं उसमें सिंहेश्वर और गौरीपुर पंचायत को शामिल किए जाने से लोगों में खुशी व्याप्त है वहीं पंचायत की राजनीति करने वाले चंद लोग मायूस नजर आ रहे हैं। सिंहेश्वर के गणमान्यों ने खुशियां जाहिर करते हुए इसे नीतीश सरकार का बड़ा फैसला कहा है।

सिंहेश्वर मंदिर न्यास परिषद के सदस्य रह चुके समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, व्यापार संघ के महासचिव अशोक भगत, मारवाड़ी युवा मंच के दिलीप खंडेलवाल एवं वयोवृद्ध प्रतिष्ठित व्यापारी हरि टेकरीवाल आदि ने कहा कि अब सिंहेश्वर न केवल पर्यटन के रूप में विकसित होगा बल्कि सिंहेश्वर का चहुमुखी विकास संभव हो पाएगा।

डॉ.मधेपुरी ने केंद्रीय रेल मंत्री से मांग की है कि पूर्व में रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र के कार्यकाल में दौरम मधेपुरा से बीरपुर भाया सिंहेश्वर रेल लाइन का सर्वे भी कराया गया था, उसे अब तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। इस इलाके से होकर रेल मार्ग गुजरने पर बेहतर विकास संभव होगा तथा लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

यह भी जानिए कि जहां पंकज भगत ने पूर्व डीएम मो.सोहैल का हवाला देते हुए कहा कि सिंहेश्वर को नगर पंचायत बनाए जाने का प्रस्ताव उन्हीं के द्वारा भेजा गया था, वहीं समाजसेवी डॉ.मधेपुरी ने कहा कि डायनेमिक डीएम मो.सोहैल ने आम लोगों एवं श्रद्धालुओं की परेशानियों को दूर करने के लिए नारियल बोर्ड से लेकर दुर्गा चौक तक फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। लगता है नगर पंचायत बनने पर ये सारी योजनाएं जनहित में अवश्य पूरी की जाएंगी।

चलते-चलते यह भी बता दें कि वर्तमान में बिहार में 142 शहरी निकाय थे और अब निकायों की संख्या हो जाएगी 253, जिसमें कुछ नगर पंचायतों को नगर परिषद तथा कुछ नगर परिषद को उत्क्रमित कर नगर निगम बनाया गया है। सूबे की 300 पंचायतें शहरों का हिस्सा बनेंगी। जानिए कि नगर निकाय गठन का मुख्य मानक है- 1. नगर पंचायत के लिए आबादी 12 हजार से 40 हजार, 2. नगर परिषद के लिए 40 हजार से 2 लाख और 3. नगर निगम के लिए 2 लाख से अधिक।

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नए वर्ष में नीतीश ने जदयू को दिया नया तोहफा

जदयू का एक शख्सियत जो ज्यादा सुर्खियों में रहना पसंद नहीं करता, परंतु पार्टी के रणनीतिकार के रूप में पर्दे के पीछे रहकर चुनावी रणनीति को सफलतापूर्वक अमलीजामा पहनाने में कुशल हैै- वही तो है नीतीश कुमार के अच्छे दोस्त, सियासी सलाहकार और भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी व पार्टी के राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह, जिन्हें जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में स्वयं नीतीश कुमार ने रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रदेश मुख्यालय स्थित कर्पूरी ठाकुर सभागार में रविवार को सर्वप्रथम नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की और तत्पश्चात आरसीपी को पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी दिया। बैठक में तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, झारखंड…. आदि से आए प्रतिनिधि भी शिरकत कर रहे थे।

आज जदयू राष्ट्रीय परिषद की मुहर लगने के बाद नए वर्ष के तोहफे के रुप में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर आरसीपी सिंह के नाम की विधिवत घोषणा भी कर दी गई है।

जानकारों का मानना है कि अरुणाचल प्रदेश में जदयू के 6 विधायकों को भाजपा में शामिल कराए जाने के व्यवहार और बिहार में जदयू को 43 तो भाजपा को 74 सीटें मिलने के कारण एक पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष की जरूरत महसूस की गई और उसी के फलस्वरूप आरसीपी को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।

Dr.Bhupendra Madhepuri along with Newly appointed President (JDU) RCP Singh and Lalan Sarraf at Lalan Sarraf's House.
JDU Senior Leader Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri along with Newly appointed President (JDU) RCP Singh and MLC Lalan Sarraf at Lalan Sarraf’s House. (File Photo)

जानिए कि नीतीश के इस निर्णय को जदयू के सभी कार्यकर्ताओं ने सिर आंखों पर रख लिया है और जुनून के साथ पार्टी को मजबूती प्रदान करने हेतु संकल्प भी ले लिया। बकौल पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, एमएलसी  ललन सर्राफ के निवास पर कई बार आरसीपी से उनकी मुलाकातें हुई, देर तक बातें हुई। डॉ.मधेपुरी ने आज भरोसे के साथ कहा कि आरसीपी सरीखे राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) की काबिलियत को देखकर पार्टी ने जो निर्णय लिया है वह आने वाले दिनों में पार्टी को तीसरे नंबर से पहले नंबर पर लाने में अवश्य ही कारगर सिद्ध होगा।

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मधेपुरा में प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन पर उत्सवी माहौल रहा

मिशन अस्पताल में क्रिसमस के अवसर पर प्रभु यीशु मसीह का जन्मदिन उत्सवी माहौल के साथ मनाया गया। कई स्कूली छात्र-छात्राओं ने भी प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया, जहां ईसा मसीह के जन्म की खुशी सबके चेहरे पर छलक रही थी। चारो ओर क्रिसमस त्योहार को लेकर शुक्रवार के सवेरे से ही ईसाई धर्मावलंबियों में खासा उत्साह दिख रहा था।

बता दें कि प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए चर्च के फादर विजय टुडू ने अपने संबोधन में यही कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा के लिए ही प्रभु यीशु इस धरती पर अवतरित हुए थे। अन्याय एवं पाखंड के प्रतिकार में उन्होंने अपना प्राण न्योछावर कर दिया था। उनका सारा जीवन ही लोक कल्याण में बीता था। आज पूरे विश्व में अधिकांश लोग उनके बताए मार्ग पर चल रहे हैं।

यह भी जानिए कि स्कूली बच्चों द्वारा ईसा मसीह के जीवन पर आधारित नाटक की रोचक प्रस्तुति की गई। आदिवासी समाज के लोगों द्वारा ढोल-मंजीरे के धुनों पर पारंपरिक लोकनृत्य की प्रस्तुति की गई। इस धर्म को मानने वाले सीमावर्ती गांव के लोग भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

चलते-चलते यह भी बता दें कि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते चर्च में सार्वजनिक आयोजन नहीं किया गया। कार्यक्रमों में ज्यादा लोग एक साथ शामिल नहीं हो इसका पूरा ख्याल रखा गया। इस बार कार्यक्रमों में प्रवेश पर रोक लगी रही। अंत में पास्टर रघु मुर्मू “प्रेम” शब्द को जीवन में उतारने की जरूरत बताते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कही। श्री मुर्मू ने कहा कि प्रभु यीशु ने लोगों को आपस में प्रेम और सद्भावना बनाए रखने का संदेश दिया है।

 

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मधेपुरा समाहरणालय में अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती मनी

मधेपुरा समाहरणालय के सभाकक्ष में आज प्रातः 10:30 बजे डीडीसी सह जिला पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह की अध्यक्षता में देश के प्रखर वक्ता, उत्कृष्ट कवि एवं सर्वमान्य राजनीतिक शख्सियत के रूप में तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे हर दिल अजीज अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती सादगी के साथ मनाई गई। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार (IPS), एडीएम उपेन्द्र कुमार, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ भूपेन्द्र मधेपुरी, प्राचार्या डॉ.शांति यादव, शौकत अली,  शशि प्रभा सहित समाहरणालय के अधिकारी, पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

सर्वप्रथम, विश्व दृष्टि रखने वाले अटल जी के आकर्षक तैल चित्र पर डीडीसीए, एडीएम, मधेपुरी आदि ने माल्यार्पण व पुष्पांजलि की। पुलिस अधीक्षक ने भी माल्यार्पण किया।

विषय प्रवेश करते हुए एडीएम उपेंद्र कुमार ने विस्तार से अटल जी के प्रति उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि वे एक सर्वमान्य नेता थे और उनकी भाषा शैली से प्रभावित होकर विरोधी पार्टियों के सांसदगण भी उनके भाषण को बड़ी उत्सुकता से सुनते व प्रभावित होते थे।

Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri delivering speech on Atal Jayanti at Samaharnalya Madhepura.
Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri delivering speech on Atal Jayanti at Samaharnalya Madhepura.

इस अवसर पर उद्गार व्यक्त करते हुए डॉ.मधेपुरी ने अटल जी को एक अच्छे वक्ता, प्रखर कवि एवं समाचार पत्रों के सफल संपादक के रूप में याद किया। डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम और अटल जी के संबंधों को विस्तार से बताते हुए डॉ.मधेपुरी ने कारगिल विजय एवं पोखरण परीक्षण में उनके अटल निश्चय की चर्चा की। मौके पर विदुषी डॉ.शांति यादव एवं समाजसेवी शौकत अली ने भी विस्तार से अटल जी के प्रति उद्गार व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी।

अंत में पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार ने अटल जी की विकासोन्मुखी नजरियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए सर्व-शिक्षा अभियान, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, अंत्योदय अन्न योजना आदि की चर्चा की। अध्यक्षीय भाषण देते हुए डीडीसी सह डीएम श्री विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अच्छी अंग्रेजी होने के बावजूद भी अटल जी UNO में हिन्दी में ही भाषण दिए थे। धन्यवाद ज्ञापन किया समाहरणालय के सामान्य शाखा के डिप्टी कलक्टर श्री दास ने।

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चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता व ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया- डॉ.मधेपुरी

पचासी वर्षों तक जीवन के बसंत और पतझड़ के बीच जीवन को सहजता के साथ जीते हुए भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह भारतीय किसानों के रक्षक, रहवर और रखवाला माने जाते रहे। पांच बार यूपी विधानसभा के लिए छपरौली सीट से विधायक बनकर पंडित गोविंद बल्लभ पंत, डॉ.संपूर्णानंद, श्री सीपी गुप्ता एवं श्रीमती सुचेता कृपलानी सरकार में विभिन्न विभागों के मंत्री पदों को बखूबी संभालते रहे वे। उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार का पूरा श्रेय उन्हें ही जाता है। चौधरी साहब ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता एवं ग्रामीण परिवेश की मर्यादा को अक्षुण्ण बनाए रखने में लगा दिया। ये बातें, उनकी 119वीं जयंती ऑनलाइन मनाते हुए समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कही।

डॉ.मधेपुरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में स्कूली बच्चों से कहा कि देश में गिने-चुने ही राजनेता ऐसे हुए जिन्होंने लोगों के बीच सहजता एवं सरलता से कार्य करते हुए इतनी लोकप्रियता हासिल की। सामाजिक न्याय में दृढ़ विश्वास रखने वाली चौधरी चरण सिंह को भारतीय किसानों ने अपना रहवर मान लिया था, क्योंकि चौधरी साहब का मानना था कि देश की उन्नति का रास्ता किसानों के खेत व खलियान होकर गुजरता है। देश तभी मजबूत होगा जब किसान खुशहाल होंगे।

अंत में बच्चों से उन्होंने यही कहा कि प्रतिभा संपन्न हुआ व्यवहारवादी सीएम रहे श्री चरण सिंह के पहल पर ही उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के वेतन एवं उन्हें मिलने वाले अन्य लाभों को काफी कम कर दिया गया था। डॉ.मधेपुरी ने उनके अवदानों की विस्तार से चर्चा करते हुए उनके द्वारा लिखी पुस्तकों- जमींदारी उन्मूलन, भारत की गरीबी और उसका समाधान, किसानों के लिए भूमि आदि पर भी प्रकाश डाला।

चलते-चलते यह भी कि लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह दल के प्रत्याशी के प्रचार में जब मधेपुरा आए थे तो उनके संग लोक दल के तत्कालीन वरिष्ठ नेता डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, जिलाध्यक्ष विजय कुमार वर्मा आदि हुआ करते थे। उनकी योग्यता और अनुभव की छाप हमें आज भी सत्य की राह पर चलने को प्रेरित करती है।

 

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कोरोना के नए रूप से दुनिया में हड़कंप

दुनिया के 5 देशों में कोरोना के नए रूप को देखकर भारत का चिंतित होना स्वाभाविक है। ब्रिटेन में तो वायरस का नया स्ट्रेन 70% तेजी से फैल रहा है। फलस्वरूप भारत ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ाने 31 दिसंबर तक रोक दी है।

बता दें कि भारत ने आपात बैठक कर आज से 31 दिसंबर तक ब्रिटेन-भारत के बीच की सारी हवाई उड़ानों पर रोक लगा रखी है। जहाँ ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि कोरोना के नए प्रकार पहले के वायरस के मुकाबले 70% अधिक तेजी से फैल रहा है, जो बेकाबू है वहीं भारत के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन कहते हैं कि सरकार जागरुक है, घबराने की कोई जरूरत नहीं है। फिलहाल इस नए कोरोना के अधिक घातक होने के साक्ष्य नहीं प्राप्त हए हैं।

यह भी जानें कि जर्मनी, इटली, डेनमार्क, कनाडा आदि कई देशों ने जहां विमानों की आवाजाही पर रोक लगा दी है वहीं फ्रांस और सऊदी अरब ने अपनी सीमाएं सील कर ली है। वैज्ञानिकों द्वारा कयास लगाया जा रहा है कि कोरोना का नया प्रकार या तो ब्रिटेन में किसी मरीज में उत्पन्न हुआ होगा या फिर किसी ऐसे देश से आया होगा जहां कोरोना वायरस के म्यूटेशन पर निगरानी रखने की क्षमता कम है।

चलते-चलते यह भी बता दें कि किसी भी वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है यानि इसके गुण बदलते रहते हैं। कई बार यह पहले से कई गुना खतरनाक होकर सामने आते हैं। यह प्रक्रिया इतनी तेजी से परिवर्तित होती है कि वायरस के एक रूप को समझने से पहले ही नया रूप सामने आ जाता है। वायरस का नया रूप आगे कमजोर होगा या घातक, अभी कोई अध्ययन नहीं हुआ है।

अंत में समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने दुनिया में हुई 17 लाख लोगों की कोरोना से हुई मौत पर संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि जहां दुनिया में प्रतिदिन 10 हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं वहीं भारत में औसतन प्रतिदिन 350 जानें जा रही हैं। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है…. जानलेवा बीमारी है यह। संयम ही इस संक्रमण से बचाव के उपाय है। जब तक दवाई नहीं…. तब तक ढिलाई नहीं। बाहर जाने पर मास्क लगाएं….  दूरी बनाएं…… घर आने पर  हाथ धोएं और सैनिटाइजर लगाएं।

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यह है सर्दी का सितम बिहार में गया शहर में तापमान सबसे कम

जानिए कि कड़ाके की ठंड हो या हो भीषण गर्मी, दोनों में से कोई जब खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ने लगती है तब पहले मौसम विभाग की ओर से ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया जाता है और खतरनाक स्थिति पर पहुंचने के बाद ही विभाग द्वारा ‘रेड अलर्ट’ जारी किया जाता है।

बता दें कि सूबे बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। दो दिनों में 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। पूरा प्रदेश कोल्ड वेब की चपेट में आ गया है। एक दिन कबल गया शहर में सबसे कम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बिहार के 26 जिले… गया, डेहरी, पटना, भागलपुर, पूर्णिया, आरा, बक्सर, रोहतास, भभुआ… आदि शीतलहर की चपेट में आ गया है। दिनभर कनकनी वाली हवा दो दिनों से चल रही है। गया में 14 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चली। गत वर्ष दिसंबर के अंतिम दिन, गया में न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था।

इस वर्ष उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण आने वाले दिनों में कोल्ड वेब का और अधिक गहरा असर रहेगा। फिलहाल राहत की संभावना नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले दो दिनों तक राज्य के न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट और आएगी। सुबह-शाम कोहरा का प्रकोप पूरे राज्य में रहेगा, जिस कारण सड़कों पर विजिबिलिटी कम रहेगी। लोगों एवं वाहन चालकों को देखने में भी परेशानियां होंगी। मौसम विभाग ने ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी कर दिया है। सावधान रहें ! जीवन अनमोल है… !! वाहन धीरे चलाएं…!!!

चलते-चलते यह भी कि भीषण ठंड के कारण कोल्ड डायरिया का अटैक शुरू हो गया है। कड़ाके की ठंड के चलते लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। डायबिटीज और हार्ट के मरीजों की भी ठंड में परेशानियां बढ़ने लगी है। ठंड से बचने के लिए सरकारी अस्पताल के मरीजों को अपने घरों से कंबल-रजाई मंगाने पड़ रहे हैं। शहर में अभी तक अलाव जलाने की पुख्ता व्यवस्था नजर नहीं आ रही है। अलाव के प्रति प्रशासनिक उदासीनता से लोग आक्रोशित होने लगे हैं तथा बढ़ रही भीषण ठंड में चौक-चौराहों पर अलाव जलाने की मांग भी करने लगे हैं।

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