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घर प्रथम पाठशाला है और माँ से बड़ा कोई शिक्षक नहीं- डॉ.रवि

ज्ञानभूमि पर आयोजित स्कूली बच्चों के समारोह में उद्घाटनकर्ता के रूप में भू.ना.मंडल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति व पूर्व सांसद डॉ.रमेंद्र कुमार यादव रवि, मुख्य अतिथि वर्तमान विद्वान कुलपति डॉ.अवध किशोर राय, पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.के.के.मंडल, परीक्षा नियंत्रक रहे डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, प्राचार्य डॉ.पी.एन.यादव, डॉ.बी राणा, डॉ.वाई.पी.यादव आदि ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया |

उद्घाटन के उपरांत मंच पर बच्चों के मनभावन स्वागत कार्यक्रम की समाप्ति के बाद सर्वप्रथम डॉ.मधेपुरी ने अपने 2 मिनट के संबोधन में तुलसी का बिरबा लगाने वाले संस्थापक कुलपति डॉ.रवि एवं उसी विश्वविद्यालय को नित नई ऊर्जा के साथ आगे ले जानेवाले वर्तमान कुलपति डॉ.ए.के.राय को भी बिना विस्तार से संबोधित किये ही ज्ञानभूमि पर उपस्थित सभी बुद्धिजीवियों को 1353 ई. के इतिहास की जानकारी देते हुए यही कहा कि डॉ.राणा नर्सिंग होम से पूरब रह रहे सूफी संत दौराम शाह मुस्तकिम के कारण यह ज्ञान भूमि तब से ऐतिहासिक एवं धार्मिक रूप से जाग्रत है | उन्होंने कहा कि उसी सूफी संत का नाम देकर स्टेशन का नाम “दौराम मधेपुरा” रखा गया है | डॉ.मधेपुरी ने तब और अब के गुरु-शिष्यों के बीच बढ़ते जा रहे फासले पर खेद प्रकट करते हुए अपनी चंद पंक्तियाँ सुनाकर खूब तालियाँ बटोरी- शिक्षक समाज का सृजनहार……. रे रक्षक रहवर रखवाला……..!

Honourable Vice-Chancellor Dr.Awadh Kishor Rai addressing at Gyanbhumi Samaroh.
Honourable Vice-Chancellor Dr.Awadh Kishor Rai addressing at Gyanbhumi Samaroh.

बता दें कि समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में वर्तमान विद्वान कुलपति डॉ.अवध किशोर राय ने संस्थापक कुलपति डॉ.रवि, प्रतिकुलपति रहे डॉ.के.के.मंडल व अन्य गणमान्यों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में शिक्षा का वही स्थान है जो स्थान शरीर में दिल का होता है | उन्होंने विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षा मानव जीवन की ज्योति है जिसे निरन्तर जलाये रखने वाले लोग आज भी पूज्य हैं | डॉ.राय ने यह भी कहा कि जहाँ कहीं लोग नि:स्वार्थ भाव से शिक्षण संस्थान की स्थापना करते हैं वे पुण्य के भागी बनते हैं वहीं उन्होंने छात्रों के सर्वांगीन विकास यानि पठन-पाठन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के खेलों, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि में भाग लेने की प्रेरणा देते हुए यहाँ तक कह डाला कि हम और डॉ.मधेपुरी एक ही साथ टी.एन.बी. में पढ़ते थे | वे दो क्लास आगे थे, लेकिन मधेपुरा आने के बाद से मैं हमेशा यही महसूसता रहा हूँ कि डॉ.मधेपुरी में समाहित है मधेपुरा……|

यह भी जानिये कि टी एम बी यू के पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.के.के.मंडल ने अपने संबोधन में यही कहा कि शिक्षा दान करना सबसे पवित्र काम है | इसे व्यापार नहीं बनायें | शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले कई विद्वानों के साथ-साथ चिकित्सीय सेवा के लिए डॉ.बी.राणा एवं उनके छोटे पुत्र (कनाडा में कार्यरत) डॉ.विक्रम राणा को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया |

The Founder Vice-Chancellor & Former MP Dr.R.K.Yadav Ravi giving blessings to all.....
The Founder Vice-Chancellor & Former MP Dr.R.K.Yadav Ravi giving blessings to all…..

अंत में उद्घाटनकर्ता प्रखर साहित्यकार डॉ.रवि ने वसंतोत्सव व होलीकोत्सव को साहित्यिक रंग में रंगते हुए यही कहा कि न तो माँ से बढ़कर कोई शिक्षक है और न घर से बढ़कर कोई पाठशाला | उन्होंने कहा कि जहाँ की माताएं सर्वाधिक शिक्षित होंगी उस राष्ट्र को विकसित होने से कोई रोक नहीं सकता | डॉ.रवि ने यूँ उद्घृत करते हुए कहा कि भगवान सभी जगह एक समय नहीं रह सकते इसलिए ईश्वर ने माँ को बनाया | माँ की गोद में सीखी गई भाषा ही मातृभाषा है……. माँ एवं मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं है………|

कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार, डॉ.बी.राणा, प्रभारी प्राचार्य डॉ.परमानंद यादव, डॉ.अमोल राय, डॉ.विक्रम राणा, डॉ.अशोक श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया तथा अध्यक्षता की डॉ.उदय कृष्ण एवं मंच संचालन किया यू के इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य व अन्य सहयोगी |

अन्त में सभी गणमान्यों द्वारा ‘ज्ञानरथ’ को हरी झंडी दिखाकर विदा किया गया | कार्यक्रम में मुख्यरूप से उपस्थित रहे सिंडिकेट सदस्य द्वय डॉ.जवाहर पासवान, डॉ.अजय कुमार, डॉ.अशोक कुमार अकेला सहित बच्चे-बच्चियाँ एवं उनके माता-पिता व अभिभावकगण आदि |

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मधेपुरा ने कहा महर्षि वेदव्यास के नाम पर हो केन्द्रीय विश्वविद्यालय

समाजवाद की धरती कहे जाने वाले मधेपुरा से गीता के रचयिता महर्षि वेदव्यास के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग उठी है। अवसर था महर्षि की जयंती का, जिसका आयोजन मंगलवार को स्थानीय वेदव्यास कॉलेज में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विधान मंडल में विरोधी दल के नेता डॉ. प्रेम कुमार ने किया और मुख्य अतिथि थे मधेपुरा स्थित भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति व पूर्व सांसद डॉ. रमेन्द्र कुमार यादव रवि।

अत्यन्त गरिमापूर्ण कार्यक्रम में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश के अन्दर कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो राम की जगह रावण और कृष्ण की जगह कंस को आदर्श बनाना चाहती हैं। यह प्रयास जघन्य और नकारात्मक है। राष्ट्र और राष्ट्रीयता की मजबूती के लिए हमें पुन: अपने संस्कार और संस्कृति को जगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महर्षि वेदव्यास भविष्यद्रष्टा थे और अपनी कृतियों के जरिए उन्होंने भारतीय संस्कृति की जो नींव रखी, वह सदा स्तुत्य रहेगा।

मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा, साहित्य और राजनीति में एक समान पैठ रखने वाले डॉ. रमेन्द्र कुमार यादव रवि ने कहा कि महर्षि वेदव्यास ने महाभारत एवं गीता की रचना कर जहाँ मानव-जाति का कल्याण किया, वहीं भारतीय धर्म और संस्कृति को वैश्विक पटल पर स्थापित किया। उन्होंने कहा कि गीता कृष्ण की चिन्तना की अभिव्यक्ति है, जिसके माध्यम व्यास हैं। अगर व्यास ना होते तो हमें समाज की जाग्रत चेतना का बोध ना होता और ना ही हम सत्य और असत्य, नीति और अनीति, न्याय और अन्याय, अधिकार और कर्तव्य की सही और सच्ची व्याख्या कर पाते।

इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि महर्षि वेदव्यास के नाम पर शिक्षण-संस्थान की स्थापना किया जाना सराहना योग्य है। पूर्व विधायक संजीव झा ने कहा कि महाभारत और गीता को भूलने का घातक परिणाम सांस्कृतिक अवमूल्यन और देशद्रोह के रूप में देखने को मिल रहा है। बीएनएमयू के पूर्व प्रतिकुलपति डॉ. रामदेव प्रसाद ने कहा कि महर्षि-रचित महाभारत सिर्फ महाकाव्य ही नहीं बल्कि विश्व साहित्य का अमरकोष है। वेदव्यास कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आलोक कुमार ने कहा कि महर्षि का कृतित्व आज भी प्रासंगिक है। वहीं अतिपिछड़ा आयोग के पूर्व सदस्य सूर्यनारायण कामत ने कहा कि वेदव्यास भारतीय संस्कृति के संस्थापक पुरुषों में थे। इन्हीं विचारों को आगे बढ़ाते हुए संस्थापक सचिव डॉ. रामचन्द्र प्रसाद मंडल ने कहा कि हम पूर्वजों से प्रेरणा लेकर ही वर्तमान और भविष्य का खाका तैयार करते हैं। व्यास और वाल्मीकि हमारे ऐसे ही पूर्वज हैं और ये दोनों भारतीय संस्कृति की जीवनधारा रहे हैं।

महर्षि वेदव्यास के नाम पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग इस जयंती समारोह की खास बात रही। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने महर्षि के  नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही उनकी जयंती के दिन राजकीय अवकाश की मांग भी की। मुख्य अतिथि डॉ. रवि ने कहा कि महर्षि वेदव्यास जैसे ‘प्रतीकपुरुष’ हमारी समस्त पीढ़ियों के लिए धरोहर हैं। उनके नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना कर हम उनकी ‘थाती’ को सही स्वरूप में सहेज पाएंगे। मंच पर मौजूद गणमान्य अतिथियों एवं उपस्थित विशाल जनसमूह ने इस विचार का पुरजोर समर्थन किया।

उक्त जयंती समारोह में पूर्व प्रतिकुलपति डॉ. रामदेव प्रसाद और वरिष्ठ चिकिसक डॉ. सीताराम यादव को ‘व्यास शिखर पदक’ एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जयंती के मौके पर महाविद्यालय परिसर में महर्षि वेदव्यास की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई और शहर में ‘व्यास रथ यात्रा’ भी निकाली गई।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

 

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डॉ.रवि ने किया त्रि-दिवसीय भारतीय संस्कृति के महाकुम्भ का उद्घाटन

25 मई 1943 को आम लोगों के बीच जनवादी विचारों को ले जाने के लिए देश के कुछ कलाकारों, रंगकर्मियों एवं वैज्ञानिकों ने जिस संस्था की स्थापना की उसे नाम दिया विश्व प्रसिद्द वैज्ञानिक डॉ.होमी जहाँगीर भाभा ने- I.P.T.A यानी Indian Peoples’ Theatre Association . ie’ भारतीय जन नाट्य संघ |

मधेपुरा इप्टा द्वारा बी.एन.मंडल स्टेडियम में आयोजित त्रि-दिवसीय भारतीय संस्कृति के महाकुम्भ का उद्घाटन पूर्व सांसद व मंडल वि.वि. के संस्थापक कुलपति डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि, विधान पार्षद विजय कुमार वर्मा, डी.एम. मो.सोहैल, डी.डी.सी. मिथिलेश कुमार, प्रो.श्यामल किशोर यादव, प्रो.योगेन्द्र नारायण यादव, समाज-सेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी एवं अभिषद सदस्य डॉ.नरेश कुमार आदि ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्तरूप से किया |

अपने उद्घाटन भाषण में डॉ.रवि ने विस्तार से शिक्षा मनीषी कीर्ति नारायण मंडल के त्याग एवं शिक्षा के प्रति ललक का आँखों देखा हाल दर्शकों के समक्ष परोसा जिन्हें इप्टा ने यह मंच उनके जन्मशती पर समर्पित कर दिया है | विधान पार्षद श्री वर्मा ने पूर्ण नशाबंदी के लिए सरकार की सराहना की तथा इप्टाकर्मियों द्वारा नशाबन्दी के फायदों को घर-घर तक ले जाने के लिए उन्हें साधुवाद दिया |

मुख्य अतिथि डी.एम. मो.सोहैल ने कहा की इप्टा अपने रास्ते पर अभी भी चल रहा है और जनवादी विचारों को लोगों तक पहुंचा रहा है | मौके पर डी.डी.सी. मिथिलेश कुमार डॉ.विनय कुमार चौधरी, डॉ.नायडू, प्रो.सचिन्द्र और डॉ.आलोक ने विचार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के आयोजकों का स्वागत भी किया |

समाजसेवी डॉ.मधेपुरी ने कहा कि कीर्ति बाबू को जानने के लिए महात्मा कबीर को जानना होगा और महात्मा गाँधी को भी जानना होगा | इस शिक्षा मनीषी को जानना हो तो गुरु नानक और पं.मदन मोहन मालवीय को जानना होगा | डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने विश्वविख्यात परमाणु ऊर्जा के वैज्ञानिक डॉ.भाभा के ज्ञान-विज्ञानं तथा इप्टा के प्रति समर्पण की विस्तार से चर्चा की |

असम के बिहू एवं बंगाल के ‘कृष्णा’ सहित ज्ञान विज्ञान के सचिव मुरलीधर द्वारा मधनिषेध पर आधारित नाट्य ‘सबक’ का मंचन किया गया | अंत में मो. नौशाद एवं प्रो. योगेन्द्र ना. यादव की पुस्तकों का विमोचन किया गया |

अध्यक्षीय भाषण में कार्यकारी आध्यक्ष डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि इप्टा के कार्यक्रमों के माध्यम से इसके लाभकारी विचारों को आम जन तक ले जायेंगे | प्रशान्त कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया |

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मधेपुरा ने पूरे उत्साह के साथ मनाई मनीषी भूपेन्द्र की जयंती

समाजवाद को ताजिन्दगी ओढ़ने-पहनने व बिछाने वाले मनीषी भूपेन्द्र नारायण मंडल की राजकीय जयन्ती पटना में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा, मधेपुरा के भूपेन्द्र चौक पर डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी की अध्यक्षता में बिहार सरकार के आपदा प्रबन्धन मंत्री प्रो.चन्द्रशेखर द्वारा तथा उनके पैतृक गाँव रानीपट्टी में प्रो.श्यामल किशोर यादव की अध्यक्षता में समस्त जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों द्वारा और अन्त में बी.एन.मंडल वि.वि. के ऑडिटोरियम में सम्पदा पदाधिकारी डॉ.शैलेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में संस्थापक कुलपति डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि द्वारा अनेक शिक्षाशास्त्रियों- पूर्व कुलपति डॉ.जयकृष्ण प्र.यादव, पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.के.के.मंडल, प्रतिकुलपति डॉ.जे.पी.एन.झा, अभिषद सदस्य विद्यानन्द यादव, डॉ.परमानंद यादव सहित समाजसेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी एवं शिक्षक संघ के महासचिव डॉ.अशोक कुमार की उपस्थिति में दिनभर उत्सवी माहौल में मनायी गई |

Honourable Minister Prof.Chandrashekhar along with Dr.Madhepuri and Teachers, Students with Social Activists celebrating Bhupendra Jayanti at Bhupendra Chauk, Madhepura .
Honourable Minister Prof.Chandrashekhar along with Dr.Madhepuri and Teachers, Students with Social Activists celebrating Bhupendra Jayanti at Bhupendra Chauk, Madhepura .

सर्वप्रथम भूपेन्द्र चौक पर गाजे-बाजे एवं ढ़ोल-नगाड़े के साथ आये दर्जनों सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों के बच्चे जिसमें दार्जिलिंग पब्लिक स्कूल के निदेशक किशोर कुमार, तुलसी पब्लिक स्कूल के श्यामल कुमार सुमित्र, ज्ञानदीप निकेतन के निदेशक चिरामणि यादव, यू.के.इंटरनेशनल सहित अन्य स्कूली बच्चों के बीच मंत्री प्रो.चन्द्रशेखर एवं डॉ.मधेपुरी ने सर्वप्रथम उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और मंत्री प्रो.चन्द्रशेखर ने कहा कि हमलोग भूपेन्द्र बाबू के विशाल चारित्रिक गुणों में से एक भी गुण को अपना लें तो समाज का भारी कल्याण होगा | वहीं डॉ.मधेपुरी ने कहा कि जो खुद के लिए जीता है वह मर जाता है, जो औरों के लिए जीता है वह कभी नहीं मरता ! भूपेन्द्र बाबू सदा औरों के लिए जीते रहे- वे कभी नहीं मरेंगे, सदा अमर रहेंगे——!! श्रद्धांजलि देने वालों में उनके परिवार के सदस्यों सहित दशरथ प्र.सिंह, इन्द्र ना.प्रधान, परमेश्वरी प्र.यादव, सचिन्द्र महतो, प्रो.विजेन्द्र ना.यादव, तेज ना.यादव, प्रो.एन.के.निराला, डॉ.अरुण कुमार, संतोष कुमार प्राणसुखका, योगेन्द्र महतो आदि प्रमुख थे |

Leading Schools of Madhepura Participating in Bhupendra Jayanti at Bhupendra Chauk, Madhepura .
Leading Schools of Madhepura Participating in Bhupendra Jayanti at Bhupendra Chauk, Madhepura .

वहीं वि.वि.ऑडिटोरियम में भूपेन्द्र जयंती समारोह सह वि.वि.स्थापना दिवस का उद्घाटन करते हुए संस्थापक कुलपति डॉ.रवि ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू सरीखे लोग कभी-कभी अवतरित होते हैं, उनका प्रादुर्भाव होता है—- उन्होंने भूपेन्द्र बाबू के समाजवाद पर विस्तार से चर्चा करते हुए लोगों से उनके आदर्शों के अनुरूप काम करने की बातें कही |

Honourable Founder Vice-Chancellor Dr.R.K.Ravi and Dr.J.k.Yadav (ex-V.C) along with Pro.vice-chancellors and Syndicate Members----- Celebrating Bhupendra Jayanti at B.N.Mandal University Auditorium, Madhepura .
Honourable Founder Vice-Chancellor Dr.R.K.Ravi and Dr.J.k.Yadav (ex-V.C) along with Pro.vice-chancellors and Syndicate Members—– Celebrating Bhupendra Jayanti at B.N.Mandal University Auditorium, Madhepura .

पूर्व कुलपति डॉ.जयकृष्ण प्रसाद यादव ने कहा कि वि.वि. के सबसे बड़े पर्व पर भी ऐसी उदासीनता इसके कार्य दक्षता पर सवाल खड़ा करता है | प्रतिकुलपति डॉ.जे.पी.एन.झा ने भूपेन्द्र बाबू के आचरण को अपने-अपने मन में उतारने को ही सच्ची श्रद्धांजलि कही |

जहाँ पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.के.के.मंडल, अभिषद सदस्य विद्यानंद यादव, प्रो.परमानंद यादव, शिक्षक संघ के महासचिव डॉ.अशोक कुमार आदि ने विस्तार से भूपेन्द्र बाबू के आचरण को उजागर करते हुए वि.वि. की वर्तमान स्थिति पर आक्रोश व्यक्त किया वहीं डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने वि.वि. स्थापना दिवस के बाबत खुलासा करते हुए कहा कि 1991 के 4 फरवरी को ही भूपेन्द्र चौक वाले उनकी प्रतिमा का उद्घाटन करने आये थे राष्ट्रीय नेता शरद-लालू-नीतीश | तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के द्वारा यह कहने पर कि प्रतिमा मंडप तो सुन्दर बना है परन्तु मूर्ति का साइज़ बहुत छोटा है- के जवाब में डॉ.मधेपुरी ने कहा- आप चाहेंगे तो साइज़ तुरंत बढ़ जाएगा सर ! मधेपुरा के लोग बहुत दिनों से वि.वि. के लिए संघर्ष कर रहे हैं…… आज ही घोषणा कर दीजिए ना सर !!…….. और संध्या पांच बजे उस प्रतिमा से प्रेरित होकर रासबिहारी विद्यालय के ऐतिहासिक मैदान में घोषणा कर दी मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने | इसके अतिरिक्त डॉ.मधेपुरी ने कई संस्मरणों के सहारे उनके व्यक्तित्व एवं चरित्र की ऊँचाइयों को सामने लाया |

श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए डॉ.ललितेश मिश्रा, डॉ.राम भजन मंडल, रघुनाथ यादव आदि अन्य बुद्धिजीवियों ने कहा कि समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र बाबू के आदर्शों से हम दूर होते जा रहे हैं | मौके पर वित्तीय सलाहकार सी.आर.डीगवाल, वित्त पदाधिकारी हरिकेश नारायण सिंह, डॉ.इन्द्र ना.यादव, डॉ.अब्दुल लतीफ़, डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप, डॉ.हीराकांत मंडल, डॉ.प्रज्ञा प्रसाद, डॉ.कुशेश्वर यादव, डॉ.रामेश्वर प्रसाद, डॉ.आलोक कुमार, मनोज भटनागर, डॉ.बैद्यनाथ साह, सचिव अखिलेश्वर नारायण आदि ने पुष्पांजलि-श्रद्धांजलि दिया |

प्रभारी कुलसचिव प्रो.विश्वनाथ विवेका ने अतिथियों का स्वागत किया, प्रो.दयानन्द ने मंच संचालन एवं डॉ.आर.के.पी.रमण ने धन्यवाद ज्ञापन किया |

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