Tag Archives: modi

एक चाय बेचने वाला भारत का प्रधानमंत्री कैसे बन गया ?

इस टाइटल को पढ़ने के बाद आप में से ज्यादा लोग यही सोचेंगे कि लक, किस्मत, नसीब ने नरेन्द्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनाया, साईकिल पर चढ़ कर चूरन बेचने वाले रामदेव को फ़र्स से अर्श तक पहुचाया और भारत का बिज़नस टायकुन बनाया | क्या सच में होता है किस्मत ? किस्मत या फिर लक इस दुनिया की सबसे रहस्यमयी शक्ति है | ऐसा क्यों होता है हम में से कुछ लोगों के साथ हमेशा अच्छी चीजें होती है और किसी-किसी के साथ हमेशा बुरी | तो किस्मत या लक या फिर नसीब कहलें- क्या यह सब एक ‘इत्तेफाक’ है | कोई अगर लगातार 10 बार लौटरी जीत जाये तो क्या हम इसे उसका लक कहेंगे या फिर ‘इत्तेफाक’ | अगर लक कहेंगे तो क्या सबकुछ पहले से तय है जिससे कोई बार-बार लौटरी जीत रहा है तो कोई चाय बेचते-बेचते प्रधानमंत्री बन जाता है | या फिर ये सब एक इत्तेफाक है ! क्या ये इत्तेफाक (Randomness) हमारे ब्रह्मांड पर राज करता है ??

जब हमारी जिंदगी में सारी परिस्थितियां अनुकूल होती है तो हम इसे अपना गुड-लक मानते हैं और जब परिस्थितियां बुरी होती है तो हम उसे अपना बैड-लक मानते हैं | पर आखिर ऐसा क्यों होता है हमारे साथ ? क्या कोई रहस्यमयी चीज़ है जो हमारी परिस्थितियों को नियंत्रित करती है ? तो आइये जानते हैं कि विज्ञान क्या कहता है- वो शक्ति जो हमारी गुड-लक और बैड-लक परिस्थितियों को तय करती है वो हमारी शरीर की एक अवस्था है जिसका जवाब Physics में है, जी हाँ Quantum Physics में | अगर हम Quantum Physics की बात मानें तो हम एक विशुद्ध शक्ति पुंज हैं | हम में भी ठीक उसी प्रकार कम्पन होता है जैसा की किसी भी Charged Particle में | बस सिर्फ हमें बाहर से हमारा शरीर नजर आता है | हम सबों ने अपने भीतर की उस उर्जा को कभी न कभी जरुर  महसूस किया है |

तो आज हम आपको बतायेंगे कि एक चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री कैसे बन गया- Quantum Physics के वैज्ञानिकों ने फ्रीक्वेंसी मापक यंत्र  द्वारा ये साबित कर दिया है कि एक साधारण स्वस्थ मनुष्य का शरीर 60-72 मेगाहर्ज़ पर कम्पन करता है | और गड़बड़ी तब हो जाती है जब आपके शरीर का कम्पन 60 मेगाहर्ज़ से नीचे हो जाये | इस अवस्था में आप किसी काम के नहीं होते हैं | चारों ओर असंतोष व्याप्त होने लगता है, आपके साथ हमेशा बुरा होता है, आपकी किस्मत आपको छोड़ के जा चुकी होती है, आपसे कोई प्यार नहीं करता है, आप नशे के गिरफ्त में आ चुके होते हैं, जिंदगी बोझ बन जाती है और आप बन जाते हो धरती के बोझ ! तभी तो हमारे क्रन्तिकारी मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराब बंदी करवाई जिससे की बिहार की जनता Low Frequency Zone में न जा सके…… और एक अच्छी जिंदगी बना सके |

बहरहाल अब हम बात करते हैं जब हमारे शरीर की फ्रीक्वेंसी 72 मेगाहर्ज़ से ऊपर यानि 75-80-82 हो तो हम एक खुशहाल जिंदगी की तरफ़ बढ़ रहे होते हैं, हमारा जीवन स्वस्थ होता है, लोग हमसे प्यार करते हैं, हमें एक कामयाब आदमी की पहचान मिलती है या कुल मिलाकर कहें हम एक बहुत ही कामयाब जिंदगी जी रहे होते है  और अगर ये फ्रीक्वेंसी 90 मेगाहर्ज़ के पार चले जाये तो हम बहुत ही किस्मत वाले हो जाते हैं, हमारे सारे सपने सच होने लगते हैं, हमारा प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ने लगता है | ठीक यही बात हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ घटित हुई है उन्होंने अपने आप को Low Frequency Zone से High Frequency Zone में स्थापित किया और चाय बेचते-बेचते भारत के प्रधानमंत्री बन गये | वहीँ साईकिल पर चूरन बेचने वाला रामदेव- बिज़नस टायकुन चार्टर्ड प्लेन पर चढ़ने वाले बाबा रामदेव बन गये |

महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने कहा था-  “If you want to understand this Universe then think in terms of Energy, Vibration and Frequency”

तो एक बात साबित हो ही गई कि किस्मत उनकी चमकती है, लक उनका साथ देता है,नसीब उनका बनता है, मुकद्दर का सिकंदर वो होता है जिनकी फ्रीक्वेंसी हाई होती है |

सम्बंधित खबरें


अब मोदी ने लालू को 21वीं सदी का सबसे बड़ा जमींदार बताया

भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद यादव पर फिर बड़ा हमला करते हुए कहा कि वे 21वीं सदी के सबसे बड़े जमींदार हैं। बकौल मोदी उनकी एक जगह नहीं, कई जगहों पर जमीन है। फर्जी कंपनी बनाकर वे जमीन हड़पने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो की तीस कंपनियां हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन मात्र तीन पतों पर है। ये कंपनियां काले धन को सफेद करती हैं।

गौरतलब है कि मोदी लालू और उनके परिवार पर एक के बाद एक घोटाले का आरोप लगा रहे हैं। पहले उन्होंने मिट्टी घोटाले का आरोप लगाया, फिर जमीन घोटाले की बात कही। उसके बाद कहा कि लालू ने बिहटा में शराब फैक्ट्री खुलवाकर करोड़ों की संपत्ति बनाई। सिर्फ 55 हजार निवेश कर करोड़ों की जमीन के मालिक बन गए वगैरह-वगैरह।

प्रश्न उठता है कि लालू पर लगातार हमलावर मोदी को दस्तावेजी सबूत आखिर मिल कहां से रहे हैं? कुछ लोगों का मानना है कि इसके पीछे बीएसएससी घोटाले में आईएएस सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के से उपजी आईएएस लॉबी की नाराजगी है। जेडीयू से भाजपा में आए ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू का भी कहना है कि कुछ अधिकारी मोदी के मददगार बने हुए हैं। स्वयं सुशील कुमार मोदी भी दावा कर रहे हैं कि बिहार सरकार में शामिल लोग ही उनकी मदद कर रहे हैं।

बहरहाल, इन सारे घटनाक्रम के मद्देनज़र अब कई लोग दबी जुबान से लालू-नीतीश के संबंधों में आई खटास को इन सबकी वजह बता रहे हैं। कहने की कोई जरूरत नहीं कि अगर इस कयास में थोड़ी भी सच्चाई है तो इसका अर्थ यह है कि महागठबंधन सरकार संकट में है।

उधर राजद सुप्रीमो ने अपनी पार्टी के सारे प्रवक्ताओं को बुलाकर कहा कि इन आरोपों से हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं है। बकौल लालू तेजस्वी और तेजप्रताप की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर सुशील मोदी अनर्गल और असंगत आरोप लगा रहे हैं। लालू ने यह भी कहा कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है। ये सब उनकी और उनके परिवार की छवि खराब करने की साजिश है। यही नहीं, कहा तो यहां तक जा रहा है कि लालू ने अपने सारे प्रवक्ताओं को स्वयं ट्रेनिंग भी दी कि मीडिया में इन आरोपों का किस तरह मंहतोड़ जवाब दिया जाय।

‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप

सम्बंधित खबरें


एक साथ मिलकर भी इस शख़्स से पीछे हैं मोदी, राहुल, नीतीश और बॉलीवुड के तीनों ‘खान’

साल 2015 का सबसे बड़ा न्यूज मेकर कौन है..? अगर इस सवाल के जवाब में आप देश-विदेश में छाए रहने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लेना चाहते हैं तो आप गलत हैं। कांग्रेस में नई जान फूंकने की कोशिश में लगे राहुल गांधी और बिहार चुनाव में करिश्माई जीत हासिल करने वाले नीतीश कुमार भी सही जवाब नहीं हैं। हो सकता है अब आप अपना जवाब करोड़ों दिलों पर राज करने वाले बॉलीवुड के तीनों ‘खान’ में ढूंढ़ना चाहें। तो जनाब जान लीजिए कि शाहरुख, सलमान और आमिर अलग-अलग तो क्या एक साथ मिलकर भी मुकाबले में नहीं ठहरेंगे। आपका दिल करे तो इन तीनों खान के साथ ऊपर के तीनों दिग्गज नेताओं के नाम भी जोड़ लें, फिर भी इन सबका पलड़ा हल्का पड़ेगा। हैरत में तो आप तब पड़ जाएंगे जब दूसरे पलड़े पर साधारण कद-काठी और सांवले रंग वाले महज 22 साल के एक अकेले शख़्स को देखेंगे। जी हाँ, साल 2015 के सबसे बड़े न्यूज मेकर हैं हार्दिक पटेल। गुजरात के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता।

देश के प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल एबीपी न्यूज़ पर 2015 के न्यूज़ मेकर यानि ‘व्यक्ति विशेष’, जिन्होंने आपको झकझोरा और जो पूरे साल सुर्खियों में रहे, को चुनने के लिए ऑन लाइन वोटिंग चल रही है जिसमें 32.56% वोट के साथ हार्दिक पटेल सबसे आगे चल रहे हैं। 20.23% वोट के साथ दूसरे स्थान पर हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। अपने भड़काऊ बयानों से लगातार चर्चा में रहने वाले एमआईएम के नेता असदउद्दीन ओवैसी तीसरे स्थान पर हैं। उन्हें 16.54% वोट मिले हैं। 11.76% वोट हासिल कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल चौथे पायदान पर हैं। पाँचवें, छठे और सातवें स्थान पर क्रमश: संघप्रमुख मोहन भागवत (7.58%), ‘दिलवाले’ शाहरुख खान (4.6%) और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी (3.35%) हैं।

लालू के साथ गठबंधन कर बिहार की सत्ता पर पाँचवीं बार काबिज होने वाले नीतीश कुमार आठवें पायदान पर हैं। उन्हें आश्चर्यजनक रूप से मात्र 1.41% वोट मिले हैं। उनसे भी बुरा हाल है सलमान खान और आमिर खान का। सलमान ने इस साल ‘बजरंगी भाईजान’ और ‘प्रेम रतन धन पायो’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं तो आमिर ‘असहिष्णुता’ के मुद्दे को लेकर चर्चा में रहे लेकिन न्यूज़ मेकर बनने की दौड़ में दोनों बहुत पीछे रह गए। सलमान को मात्र 1.27% मत मिले हैं और आमिर अभी तक 1% मत भी हासिल नहीं कर पाए हैं। उन्हें मात्र 0.69% मत मिले हैं।

अब थोड़ी बात सबसे बड़े न्यूज मेकर की। 20 जुलाई 1993 को चंदन नगरी, गुजरात में भरत और उष पटेल के घर जन्मे हार्दिक पटेल अहमदाबाद के सहजानन्द कॉलेज से बी.कॉम. पास हैं। कॉलेज छात्र संघ के वो निर्विरोध महासचिव रहे और साल 2012 में सरदार पटेल समूह से जुड़े। जुलाई 2015 में हार्दिक की बहन मोनिका राज्य सरकार की छात्रवृत्ति पाने में विफल हुई और इसी घटना ने उन्हें पाटीदार आरक्षण आंदोलन के लिए प्रेरित किया। जी हाँ, इसी घटना के बाद हार्दिक ने पाटीदार अनामत आरक्षण समिति की नींव रखी और गुजरात के ‘सवर्ण’ व ‘सम्पन्न’ पटेल समाज को पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने की ऐसी अलख जगाई कि कुछ ही दिनों में उसकी चकाचौंध ना केवल पूरे गुजरात बल्कि देश भर में फैल गई। इस युवक की एक आवाज पर लाखों लोगों का जुट जाना बड़ी बात ना रही। इस आंदोलन का भविष्य जो भी हो, मोदी के गुजरात में मोदी के रहते दूसरे शेर ने ऐसी ‘दहाड़’ लगा दी ये बहुत बड़ी बात है। यही कारण है कि उन्हें इस साल का सबसे बड़ा न्यूज़ मेकर माना जा रहा है।

बता दें कि एबीपी न्यूज़ ने पहले दौर में 20 लोगों की सूची जारी की थी। वोटों के आधार पर उन 20 में से 10 लोग चुने गए। जो हस्तियां अन्तिम 10 में जगह नहीं बना पाईं उनमें प्रधानमंत्री मोदी से अपनी नजदीकियों के कारण सुर्खियों में रहने वाले उद्योगपति गौतम अडाणी, फ्लिपकार्ट के संस्थापक सचिन बंसल, रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, बिहार में शानदार वापसी करने वाले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, बिहार चुनाव में नीतीश के ‘चाणक्य’ रहे प्रशांत किशोर, योगगुरू बाबा रामदेव और खेल जगत के तीन बड़े नाम विराट कोहली, सानिया मिर्जा और साइना नेहवाल शामिल हैं।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

सम्बंधित खबरें