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बिहार को मिला मधेपुरा रेल इंजन कारखाने का उपहार

‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह’ कार्यक्रम के तहत बिहार के मोतिहारी आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को बिहारवासियों को दो बड़े उपहार दिए। मधेपुरा के लिए विशेष खुशी की बात यह कि इनमें से एक उपहार के साथ उसका नाम भी जुड़ा है। जी हाँ, सर्वप्रथम जानें कि प्रधानमंत्री मोदी ने मधेपुरा स्थित देश का पहला विद्युत रेल इंजन कारखाना राष्ट्र को समर्पित किया और दूसरा यह कि उन्होंने दिल्ली के लिए एक नई ट्रेन हमसफर एक्सप्रेस और नए स्वरूप में बापूधाम मोतिहारी रेलवे स्टेशन का भी लोकार्पण किया। बता दें कि प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कटिहार-नई दिल्ली के बीच हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई और फिर मधेपुरा रेल इंजन फैक्ट्री का भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही लोकार्पण किया। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक, केन्द्रीय मंत्री श्री रामविलास पासवान व सुश्री उमा भारती सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।

मधेपुरा विद्युत रेल इंजन फैक्ट्री के लोकार्पण का इंतजार यूं तो पूरे बिहार को था, लेकिन मधेपुरा के लिए इस इंतजार के मायने कुछ ज्यादा ही खास थे। हो भी क्यों ना! अब इसमें भला किसे दो राय हो सकती है कि इस फैक्ट्री के चालू होने से कोसी के इलाके में औद्योगिक विकास की रफ्तार और तेज होगी। उल्लेखनीय है कि दस साल के लंबे इंतजार के बाद यह कारखाना शुरू होने जा रहा है और इस संदर्भ में जमीन अधिग्रहण को लेकर लगातार उत्पन्न विवादों के बाद भी कारखाना निर्माण में बाधा उत्पन्न नहीं होने देने में जिला प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

बता दें कि मधेपुरा के श्रीपुर चकला में बने इस कारखाने में पांच लोकोमोटिव इंजन साल 2019 में, 35 इंजन 2020 में और 60 लोकोमोटिव इंजन साल 2021 में बनाये जाएंगे। इसके बाद 800 लोकोमोटिव्स का लक्ष्य पूरा होने तक हर साल 100 लोकोमोटिव इंजन का निर्माण कारखाने में किया जाएगा। 26 हजार करोड़ की इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत 12 हजार हॉर्स पावर वाले लोकोमोटिव इंजन का निर्माण होगा और इस कारखाने से निकलने वाले इंजन 9000 टन वजनी मालगाड़ी को लेकर चलने की क्षमता वाले होंगे। चलते-चलते बता दें कि वित्तीय वर्ष 2007-08 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने मधेपुरा में विद्युत रेल इंजन कारखाना लगाने की घोषणा की थी।

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मधेपुरा में बनने वाले इंजन पर ‘मधेपुरा’ अंकित होगा – सीएओ आर.के.गुप्ता

यह सच है कि मधेपुरा के किसानों की जमीन पर मधेपुरा के ही सांसद रहे लालू प्रसाद के रेल मंत्रित्वकाल में मधेपुरा को रेल इंजन कारखाना बनाने की स्वीकृति मिली जिसे डायनेमिक डीएम मो.सोहैल एवं समस्त रेल पदाधिकारियों व कर्मियों की मेहनत व लगन ने समय से पूर्व तैयार कर दिया और इंजन को पटरी पर दौड़ा दिया |

यह भी बता दें कि फैक्ट्री से निकलकर ट्रायल के लिए मधेपुरा स्टेशन तक आये इंजन पर ‘मधेपुरा’ अंकित नहीं देखने पर मधेपुरा के युवाओं के दिल की धड़कन को महसूस किया मधेपुरा के भीष्म पितामह कहे जाने वाले समाजसेवी डॉ.मधेपुरी ने | फिर क्या था, समाजसेवी डॉ.मधेपुरी ने इस आशय- “मधेपुरा रेल फैक्ट्री से निकले इंजन पर मधेपुरा अंकित हो” का आवेदन जिले के डायनेमिक डीएम मो.सोहैल (भा.प्र.से.) को प्रेषित करने से पूर्व ही मधेपुरा अबतक को हस्तगत करा दिया |

जानिए कि मधेपुरा अबतक द्वारा इस दिशा में पहल किये जाने पर रेल कारखाना के मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी आर.के.गुप्ता ने जहां मधेपुरा अबतक को आश्वस्त किया कि मधेपुरा रेल इंजन कारखाना में बनने वाले प्रत्येक इंजन पर अब मधेपुरा का नाम अंकित रहेगा, वहीं श्री गुप्ता ने यह भी बताया कि फिलहाल भारतीय रेल एवं अल्सटॉम कंपनी द्वारा एसम्बल्ड इस इंजन को कारखाना परिसर में 30 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ही चलाया जा रहा है | आगे मेन लाइन पर 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर ट्रायल किया जाएगा | फिर अप्रैल-मई में यूपी के सहारनपुर भेजकर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की फुल स्पीड से चलाकर ट्रायल किया जायगा, क्योंकि वहां पर इंजन के मेंटेनेंस के लिए फ्रांस की एल्सटॉम कंपनी द्वारा डिपो बनाया गया है | उन्होंने मधेपुरा अबतक को यह भी बताया कि सहारनपुर में आरडीएसओ की टीम की देख-रेख में और कई प्रकार के ट्रायल किये जायेंगे |

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मधेपुरा रेल फैक्ट्री से निकले इंजन पर ‘मधेपुरा’ तो अंकित हो !

मधेपुरा जिले के किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन पर इलेक्ट्रिक रेल इंजन कारखाना बनाने की स्वीकृति तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में मिली थी | फिर मधेपुरा जिले के डायनेमिक डीएम मो.सोहैल के सफल सहयोग एवं डिप्टी चीफ इंजीनियर के.के.भार्गव सहित उच्चाधिकारियों व सभी कनीय पदाधिकारियों के कठिन परिश्रम के चलते यह रेल फैक्ट्री निर्धारित समय से 6 माह पूर्व ही सारा कार्य पूरा कर लिया | फ्रांस की अल्सटॉम कंपनी के सहयोग से तैयार किया गया | 12 हज़ार HP का विद्युत रेल इंजन राष्ट्र को समर्पित होने के लिए भारत के PM मोदी और फ्रांस के प्रेसिडेंट मैक्रॉन का 28 फरवरी से इंतजार कर रहा है |

बता दें कि 28 फरवरी 2018 को उद्घाटन होना था लेकिन मानसी-सहरसा के बीच रेल विद्युतीकरण कार्य अधूरा रहने के कारण उद्घाटन नहीं हो सका | इस बीच रेल फैक्ट्री से दौरम मधेपुरा स्टेशन तक लगभग 2 किलोमीटर की रेल पटरी पर इंजन दौड़ लगाती हुई आई-गई |

यह कि युवाओं द्वारा जहाँ खुशी जाहिर करते हुए नये रेल इंजन के फोटो को कैमरे में कैद किया जाने लगा वहीं इंजन पर ‘मधेपुरा’ लिखा नहीं देखने पर सभी मायूस हो गये | जानिये कि कुछ बोल गये कि दिल्ली से आते समय कहीं इंजन पर गोंडा अंकित देखा तो कहीं ‘गोरखपुर’….. ‘सहारनपुर’ या ‘समस्तीपुर’ भी |

यह भी जानिये कि जिस तरह भारत के विकसित होने की चिंता भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम को हुआ करती थी उसी तरह डॉ.कलाम के करीबी रह चुके व मधेपुरा के भीष्म पितामह कहे जाने वाले डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी को इस बात की चिन्ता सता रही है कि मधेपुरा रेल फैक्ट्री में उद्घाटन के लिए रखे गये तैयार दो इलेक्ट्रिक रेल इंजन के किसी कोने में भी ‘मधेपुरा’ क्यों नहीं लिखा गया है |

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मधेपुरा रेल फैक्ट्री से ट्रायल पर बाहर निकला पहला इंजन

मधेपुरा ग्रीन फील्ड रेल फक्ट्री में बना पहला AC विद्युत इंजन आखिर ट्रायल पर कारखाने से बाहर निकल ही गया | बता दें कि दौरम मधेपुरा स्टेशन के मुख्य रेल लाइन से कारखाना जानेवाला 2 किलोमीटर लंबी ट्रैक पर ट्रायल पर निकला पहला एससी विद्युत इंजन को देखने के लिए आसपास के नर-नारियों एवं बच्चे-बूढ़ों की भीड़ जुट गई जबकि 120 किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाला इंजन ट्रायल के समय मात्र 30 किलोमीटर की रफ्तार से ही दौड़ रहा था | ट्रायल के बाद इंजन पुन: रेल कारखाना लौट गया |

मधेपुरा रेल फैक्ट्री के डिप्टी चीफ इंजीनियर के.के.भार्गव ने ट्रायल को सफल बताते हुए मधेपुरा अबतक को बताया कि दो पार्ट में बटे इंजन को जोड़कर एक इंजन तैयार किया गया है | 12,000 हॉर्स पावर का एक एसी विद्युत इंजन तैयार किये जाने की जगह छह-छह हज़ार हार्स पावर के दो पार्ट को मिलाकर तैयार किया गया है | श्री भार्गव ने कहा कि इंजन चलाने के लिए चालक दोनों तरफ होते हैं, बीच में नहीं | उन्होंने यह भी कहा कि पहले जहाँ भारत में साढ़े तीन हजार टन वजन खींचने वाला इंजन बनता था वहीं मधेपुरा रेल फैक्ट्री में यह 6,000 टन वजन खींचने वाला इंजन बनकर ट्रायल पर निकला है |

यह भी जानिए कि ट्रायल पर निकले इस रेल इंजन की लंबाई लगभग 35 मीटर है जो दो पार्ट में बना है | अलग तरह का रेल इंजन चलता देखकर लोगों की भीड़ जुटना स्वाभाविक है | तभी तो दर्शक दनादन इस इंजन का अपने-अपने मोबाइल में तस्वीर कैद करने लगे |

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एक जान बचाने के लिए कोसी को अब मिली 7 करोड़ की राशि

मधेपुरा-सहरसा-सुपौल व पूर्णिया यानि कोसी-सीमांचल क्षेत्र में 142 मानव रहित रेल फाटकों को मानवसहित फाटक बनाकर एक-एक कीमती जान बचाने के लिए 7 करोड़ की राशि रेल मंत्रालय ने अब दिया है जबकि कितनी बेशकीमती जानें जा चुकी हैं |

बता दें कि जहाँ सहरसा-फारबिसगंज के बीच कुल 82 मानवरहित रेल फाटकों को मानव सहित करने के लिए दो करोड़ की राशि दी गयी है वहीं सकरी-निर्मली के बीच कुल 16 अनमैंड फाटक समाप्ति के लिए दो करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है |

यह भी बता दें कि बनमनखी-बिहारीगंज के बीच 22 मानवरहित फाटक समाप्ति के लिए जहाँ दो करोड़ का प्रावधान किया गया है वहीं बनमनखी-पूर्णिया के बीच उतने ही मानवरहित यानि 22 फ़ाटक को मानवसहित बनाने के लिए एक करोड़ का आवंटन दिया गया है |

यह भी जानिये कि जहाँ कोसी-सीमांचल में अब 7 करोड़ से 142 फाटक मानवसहित होगा वहीं इस क्षेत्र में अब लगभग 563 करोड़ की राशि से रेल मंत्रालय द्वारा 15 परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाएगा | इन 15 परियोजनाओं में बनमनखी-बिहारीगंज आमान परिवर्तन, सरायगढ़ में रेल महासेतु निर्माण, सहरसा-फारबिसगंज-सकरी-लौकहा-निर्मली तक 400 करोड़ मात्र की राशि से ब्रॉडगेज, सुपौल-अररिया नई रेल लाइन के साथ-साथ बिहारीगंज-कुरसेला नई रेल लाइन एवं मानसी-सहरसा-पूर्णिया रेल खंड में सिग्नल दूर संचार संबंधी ऑप्टिक फाइबर केबल कार्य के लिए 50 लाख की राशि स्वीकृत की गई है |

फिलहाल मधेपुरा विद्युत रेल इंजन फैक्ट्री को 18 करोड़ और 127 किलोमीटर नई रेल लाइन के कार्यारंभ के लिए दो करोड़ 10 लाख के अतिरिक्त जोगबनी-विराटनगर, अररिया-गलगलिया, खगड़िया-कुशेश्वर स्थान, दरभंगा-कुशेश्वर स्थान रेल लाइन निर्माण हेतु कार्यारम्भ के लिए 61 करोड़ की राशि आवंटित कर दी गई है | देर से ही सही, मधेपुरा से सिंघेश्वर स्थान होते हुए वीरपुर यानि नेपाल की सीमा तक भारतीय रेल आज नहीं तो कल अवश्य पहुंचेगी |

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मधेपुरा को मोदी और मैक्रॉन का इंतजार

मधेपुरा ग्रीनफील्ड विद्युत रेल इंजन फैक्ट्री निर्माण हेतु डायनेमिक डीएम मो.सोहैल की उपस्थिति में जीईएलएफ के डिप्टी चीफ इंजीनियर के.के.भार्गव ने 2016 के मई महीने के प्रथम सप्ताह में भूमि पूजन की थी | इनकी मुस्तैदी ऐसी रही कि निर्धारित समय से पूर्व ही फैक्ट्री बनकर तैयार हो गई और अगले माह फरवरी की 28 तारीख से पूर्व 28 करोड़ कीमत वाला 12,000 हॉर्स पावर (H.P.) का पहला विधुत रेल इंजन तैयार होकर राष्ट्र के नाम समर्पित होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं फ्रांस के प्रेसिडेंट इमानुएल मैक्रॉन  के आगमन का इंतजार कर रहा है |

बता दें कि उक्त कार्यक्रम का जायजा लेने के लिए अल्सटॉम कंपनी के वरीय कार्यपालक अधिकारी आज मधेपुरा रेल फैक्ट्री में हेलीकॉप्टर से पहुंच रहे हैं जिसकी अनुमति डीएम मो.सोहैल ने दे दी है | यह भी जानिये कि आल्सटॉम के साईट मैनेजिंग डायरेक्टर सचिन गोयल के पत्र के आलोक में जिलाधिकारी ने विद्युत इंजन कारखाना के पास हेलीकॉप्टर उतारने के लिखित अनुमति दी है |

यह भी बता दें कि अल्सटॉम के सीनियर एग्जिक्यूटिव अफसर 23 को आयेंगे और मुआयना करके 24 जनवरी को ही वापस हो जायेंगे | उनकी चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के लिए डीएम द्वारा निर्देश जारी कर दिये गये हैं |

डीएम मो.सोहैल जहाँ भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को रेल फैक्ट्री के संबंधित पदाधिकारी से मिलकर अक्षांश-देशांतर आदि नियमानुसार हेलीपेड निर्माण कार्य करने का निर्देश दिया वहीं अग्निशामक के वरीय पदाधिकारी को उक्त स्थल व तिथि को अग्निशामक वाहन तैयार हालात में रखने को पत्र प्रेषित किया है | साथ ही डीएम द्वारा सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि 23 और 24 जनवरी को उक्त निर्धारित स्थल पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करें और आवश्यक जीवन रक्षक दवा सहित चिकित्सक, नर्स, स्टाफ आदि सारी सुविधाएं सदैव उपलब्ध रखें | यहाँ तक कि एसडीएम संजय कुमार निराला को निर्देश दिया गया है कि वे उक्त स्थल पर विधि व्यवस्था हेतु दंडाधिकारी सहित पुलिस बल की व्यवस्था सुनिश्चित करें | ऐसी व्यवस्था के बीच मधेपुरा आगे बढ़ता ही रहेगा |

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मधेपुरा में फरवरी 19 तक चार और विद्युत रेल इंजन बनेगा

मधेपुरा के ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाने में विगत माह से ही एल्सटॉम कंपनी के 70 पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा पहला इंजन तैयार होना शुरू हुआ और अब फरवरी 2019 तक 4 और विद्युत रेल इंजन बनकर (ट्रायल में) फैक्ट्री से मधेपुरा स्टेशन तक बीछ रही रेल लाईन पर दौड़ने लगेगी |

बता दें कि एल्सटॉम कंपनी द्वारा इंजनों के निर्माण हेतु गत सप्ताह में पदाधिकारियों व कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है तभी तो स्थानीय मधेपुरा होटल से प्रतिदिन लगभग 300 लोगों का भोजन फैक्ट्री में ससमय भेजा जाने लगा है |

जानिए कि रेलवे ट्रैक पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली (12 हजार H.P. की) 800 विद्युत रेल इंजन 11 साल के अंदर तैयार कर एल्सटॉम कंपनी द्वारा भारतीय रेल को हस्तगत करानी होगी और इसके ऐवज में भारतीय रेल उसे लगभग 19,000 करोड रुपये देगी |

भारतीय रेल ने एल्सटॉम के सामने लक्ष्य रखा है-

  1. मार्च 2018 से फरवरी 2019 तक 4 इंजन
  2. मार्च 2019 से मार्च 2020 तक 35 इंजन
  3. अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक 65 इंजन और
  4. अप्रैल 2021 से प्रतिवर्ष…… 100 इंजन तैयार होगा |

मधेपुरा रेल इंजन कारखाने के डिप्टी चीफ इंजीनियर के.के.भार्गव ने मधेपुरा अबतक को बताया कि पटना से आये डिप्टी चीफ इंजीनियर द्वारा भी एसेंबल हो रहे इलेक्ट्रिक इंजन की कार्य प्रगति को देखा गया और नई रेल लाइन के शुभारंभ के मौके पर PWI सुनील कुमार एवं अन्य कर्मचारियों की मौजूदगी में यही कहा गया कि इस कारखाने को फूल फ्लेज रूप से काम करने के लिए तत्काल लगभग 400 कर्मियों की जरूरत होगी और कारखाने में कुछ लोगों को रोजगार भी मिलेगा |

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मधेपुरा की छवि बनने लगी है देश व दुनिया में बेहतर

जहाँ एक ओर मधेपुरा के बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय में ‘हिन्दी-उर्दू एक विरासत’ पर कुलपति डॉ.ए.के. राय के नेतृत्व में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा हो एवं राज्य स्तर पर संचालित ‘कौशल विकास कार्यक्रम’ में बेहतर प्रदर्शन के लिए मधेपुरा के डायनेमिक डीएम मो.सोहैल (भा.प्र.से.) को सीएम नीतीश कुमार द्वारा सम्मानित किया जा रहा हो और मधेपुरा में भारत का सबसे बड़ा विदेशी निवेश वाला विद्युत रेल इंजन फैक्ट्री का निर्माण निर्धारित समय से छह माह पूर्व ही पूरा कर लिया गया हो……… तो बेशक, मधेपुरा की छवि देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तेजी से बेहतर होती चली जा रही है और आगे भी होती चली जायेगी……|

जानिये कि फिलहाल मधेपुरा के ग्रीन फील्ड रेल इंजन फैक्ट्री में मात्र 70 पदाधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत हैं जिनके रहने के लिए कारखाना कैंपस में ही ‘ब्लॉक हॉस्टल भवन(वन)’ का उद्घाटन 1 दिन पूर्व किया गया है | कारखाने में इंजन निर्माण की गति बढ़ने के साथ ही कर्मचारी-पदाधिकारी की संख्या 500 तक पहुंच जायेगी | जहाँ तक स्थानीय लोगों के रोजगार का सवाल है तो जानिए कि कारखाना निर्माण के दौरान प्रतिदिन 1500 लोग यहाँ कार्यरत रहे हैं |

Block Hostel Building (One) ready for officers & other employees inside the campus of Green Field Electric Engine Factory Madhepura.
Block Hostel Building (One) ready for officers & other employees inside the campus of Green Field Electric Engine Factory Madhepura.

बता दें कि एल्सटॉम द्वारा अपने स्प्लायर को सप्लाई चेन बरक़रार रखने की दिशा में तेज कदम उठाने के लिए यह कहा जा रहा है कि सभी सप्लायर इसी कारखाने के आस-पास अपना-अपना कारखाना लगायें ताकि यहाँ के लोगों को और अधिक रोजगार मिलता रहे |

यह भी जानिये कि मधेपुरा का नाम इतनी तेजी से देश और दुनिया के रंगमंच पर इसलिए रोशन होने लगा है कि मधेपुरा और छपरा दोनों जगहों पर रेल कारखाना के लिए लगभग एक साथ एग्रीमेंट हुआ था | परंतु, जहाँ छपरा में रेल कारखाना आज तक आकार भी ग्रहण नहीं किया है वहीं मधेपुरा का रेल कारखाना जिला प्रशासन से सहयोग प्राप्त कर समय से 6 माह पूर्व ही तैयार हो गया तथा फरवरी 2018 के अंतिम सप्ताह में पहला इंजन बनकर तैयार होने जा रहा है- जिसे राष्ट्र को समर्पित करने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ के स्वप्नदृष्टा पीएम नरेन्द्र मोदी के आगमन का इंतजार है |

Honourable Member of Railway Board Mr.Ghanshyam Singh and The Authority of Alstom Company Mr.B.Salhotra jointly inaugurating Block Hostel Building (One) along with DRM Mr.R.K.Jain, Senior DEN Mr.Sanjay Kumar , D.O.M. Mr.Parmodh Kumar D.S.T.E. Saurabh Kumar, T.E. Mr.Kunwar Jha, P.W.I. Mr.Sunil Kumar & others in the campus of Rail Engine Factory at Madhepura.
Honourable Member of Railway Board Mr.Ghanshyam Singh and The Authority of Alstom Company Mr.B.Salhotra jointly inaugurating Block Hostel Building (One) along with DRM Mr.R.K.Jain, Senior DEN Mr.Sanjay Kumar , D.O.M. Mr.Parmodh Kumar D.S.T.E. Saurabh Kumar, T.E. Mr.Kunwar Jha, P.W.I. Mr.Sunil Kumar & others in the campus of Rail Engine Factory at Madhepura.

चलते-चलते बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन करने हेतु मधेपुरा आगमन से पूर्व सारी तैयारियां पूरी करने के लिए पदाधिकारियों की एक टीम 2 दिन  कबल यहां पधार चुकी है जिनमें रेलवे (ट्रैक्शन) बोर्ड के सदस्य श्री घनश्याम सिंह और एल्सटॉम कंपनी के अधिकारी श्री भारत सल्होत्रा ने कारखाने के अंदर स्थापित ‘पावर ग्रिड’ एवं ‘हॉस्टल ब्लॉक भवन(वन)’ का उद्घाटन भी किया | दोनों अधिकारियों ने कार्य की प्रगति पर संतोष जताते हुए निम्नांकित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर निर्देश भी दिये- पहला यह कि मानसी-सहरसा-मधेपुरा-पूर्णिया रेल लाइन विद्युतीकरण में तेजी लायें और दूसरा यही कि देश का सर्वश्रेष्ठ हाई स्पीड लोकोमोटिव इलेक्ट्रिक इंजन निर्धारित समय से पूर्व बना लेने का लक्ष्य तय करें- क्योंकि मधेपुरा का विद्युत रेल इंजन कारखाना भारत का सबसे बड़ा विदेशी निवेश है |

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एल्सटॉम कंपनी ने लिया मधेपुरा के छह गाँवों को गोद

मधेपुरा विद्युत रेल इंजन कारखाना निर्माण में जुटा है फ्रांस की कंपनी एल्सटॉम | पहला रेल इंजन बनना चालू होने के साथ एल्सटॉम द्वारा आस-पास के 6 गाँवों- तुनियाही (उत्तरी-दक्षिणी), लक्ष्मीरामपुर (उत्तरी-दक्षिणी) एवं गणेश स्थान (वार्ड न० – 13 और 14) को गोद लिया गया है |

बता दें कि प्रोजेक्ट पदाधिकारी ऋषिकेष रंजन द्वारा मधेपुरा अबतक को यह जानकारी दी गई कि जहाँ इन गाँवों में नियमितरुप से 6 मोबाइल विकास केंद्रों में फिलहाल स्कूल नहीं जाने वाले 14 वर्ष से कम उम्र के 110 बच्चों को एल्सटॉम की ओर से NGO- प्रज्ञा’ द्वारा नियमित रूप से पढ़ाया जाता है वहीं डॉ.एम.के.झा के निर्देशन में पांच सदस्यों वाली मेडिकल टीम द्वारा गोद लिए गये गाँवों में नियमित रुप से जा-जाकर जरूरतमंद सभी मरीजों की मुफ्त जाँच की जाती है और मुफ्त दवा भी उपलब्ध कराई जाती है |

एल्सटॉम कंपनी के वरीय पदाधिकारी के.के.भार्गव ने भी बताया कि आने वाले दिनों में सामाजिक सरोकार के तहत कई और अन्य विकास के काम किए जायेंगे | तत्काल इन गाँवों के बेरोजगार युवाओं एवं महिलाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा सरकारी नौकरियों में निकलने वाली वैकेंसी के बारे में भी इन्हें जानकारी दी जा रही है | कंपनी इन्हें Job दिलाने की दिशा में हर संभव प्रयास करेगी |

इस अवसर पर मधेपुरा के शिक्षाविद-समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने मधेपुरा विद्युत रेल इंजन फैक्ट्री सहित एल्सटॉम कंपनी के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को दीपावली एवं छठ पूजा की शुभकामनाएं देते हुए यही कहा कि ‘एल्सटॉम’ एवं ‘प्रज्ञा’ द्वारा आस-पास के गोद लिए गये इन गाँवों से अशिक्षा और बेरोजगारी को दूर करने की जो मुहिम चलायी जा रही है वह निश्चिय ही ग्रासरूट पर किये जाने वाले कार्य हैं- जिनसे गाँवों का विकास होगा, क्योंकि अभी भी तो हमारा गाँव गरीब ही है | गाँधी-लोहिया-जयप्रकाश एवं भूपेन्द्र-भीम-कर्पूरी….. का भारत तो मूलरूप से गाँवों में ही बसता है |

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कोसी के युवाओं को मधेपुरा रेल फैक्ट्री में मिलेंगे रोजगार के नये अवसर

आज से मधेपुरा रेल फैक्ट्री में रेल विद्युत इंजन निर्माण कार्य शुरू होने से विकास के नये द्वार खुलने लगे हैं | 100-100 करोड़ के कई छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित होने की संभावनाएँ बन रही हैं | लोग आने लगे हैं |

बता दें कि डायनेमिक डीएम मो.सोहैल ने मधेपुराअबतक को बताया कि कुछ कंपनियों ने तो जमीन उपलब्ध कराने के लिए उनसे मुलाकात भी की है | उन्होंने यह भी कहा कि रेल विद्युत कारखाना के आस-पास अन्य प्रकार की कई फैक्ट्रियों के स्थापित होते ही पूरा क्षेत्र औद्योगिक हब के रूप में विकसित होने लगेगा | रोजगार के व्यापक अवसर पैदा होने की संभावना भी प्रबल हो गयी है जो इस क्षेत्र की बड़ी समस्या बनी हुई है | कदाचित आनेवाले समय में पलायन भी रूकेगा |

यह भी बता दें कि डीएम मो.सोहैल ने कहा कि कोसी एवं सीमांचल के ITI एवं विभिन्न ट्रेडों में पॉलिटेक्निक किये युवाओं को प्राथमिकता दी जायेगी | डीएम ने इस धरती को नमन करते हुए कहा कि 4 अक्टूबर 2016 को फैक्ट्री निर्माण के लिए डिप्टी चीफ इंजीनियर के.के.भार्गव व अन्य की उपस्थिति में भूमि पूजन किया गया था और एक वर्ष 7 दिन के बाद पहला इंजन आज से बनना तैयार हो गया है जबकि भारत सरकार से 1000 इंजन खरीदने का आर्डर भी प्राप्त हो चुका है | मधेपुरा की धरती के लिए यह अद्भुत उपलब्धि है | फैक्ट्री पर कुल 26000 करोड़ की लागत का अनुमान है |

अंत में यह भी जानिए कि मधेपुरा के समाजसेवी शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने मधेपुराअबतक के समक्ष उद्गार व्यक्त करते हुए यही कहा कि स्मरण कीजिए 26 जनवरी, 2016 को पीएम नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ने कांट्रेक्ट पर हस्ताक्षर किया था और समय से छह माह पूर्व फैक्ट्री बनकर तैयार हो गया और उत्पादन भी आज से आरम्भ हो गया- जिसमें भूमि मुहैया कराने से लेकर हर पल फैक्ट्री निर्माण हेतु विद्युत विभाग से लेकर टाटा-प्रोजेक्ट्स पर दवाब बनाये रहने वाले मो.सोहैल का “आराम हराम है” वाला जीवन-सूत्र अहर्निश कार्यरत रहा……… यही कारण है कि मधेपुरा डीएम हाल ही में सीएम नीतीश कुमार द्वारा पुरस्कृत किये गये हैं……. वह दिन दूर नहीं जब डायनेमिक डीएम मो.सोहैल पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा भी पुरस्कार ग्रहण कर मधेपुरा जिला को गौरवान्वित करेगा….. बिहार को यश दिलायेगा और स्वयं यशस्वी बनेगा |

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