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मंडल विश्वविद्यालय को सँवारने में प्रथम छात्रसंघ का दायित्व अहम !

भू.ना.मंडल विवि को 25 वर्ष के जीवनकाल में डॉ.ए.के.राय एक ऐसे कुलपति मिलें जिन्होंने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में ही दो ऐसे कार्यों को अंजाम दिया है जिसके चलते वे विश्वविद्यालय के इतिहास में सदा याद किये जाते रहेंगे- पहला यह कि 25 वर्षों से कार्यरत लगभग 85 कारसेवकों की सेवा नियमितिकरण कर उनके घरों में खुशियों की बहार के साथ-साथ विश्वविद्यालय कार्यों में गति देना…….. दूसरा यही कि 25 वर्षों के बाद शांतिपूर्ण ढंग से छात्र संघ का चुनाव करवा देना जो विश्वविद्यालय  के विकास कार्यों के साथ-साथ उसकी गरिमा को भी ऊंचाई प्रदान करेगा |

बता दें कि जहाँ छात्रों, अभिभावकों एवं बुद्धिजीवियों ने शांतिपूर्ण चुनाव के लिए कुलपति डॉ.अवध किशोर राय, प्रतिकुलपति डॉ.फारूक अली, मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ.जितेन्द्र प्रसाद सिंह, कुलानुशासक डॉ.अरुण कुमार सहित चुनाव समिति से जुड़े राजेश सिंह, बिट्टू कुमार, कमल किशोर ठाकुर आदि की सराहना की और साधुवाद दिया वहीं छात्र संघ के चयनित 20 में से उपस्थित 17 प्रतिनिधियों  के शपथग्रहण समारोह का उद्घाटन करते हुए विद्वान कुलपति डॉ.राय ने उन्हें शॉल देकर सम्मानित किया और साथ ही यही कहा कि विश्वविद्यालय के समस्त छात्रों ने छात्र संघ के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी दे दी है | उन्होंने कहा कि आगे उड़ान भरने के लिए उन्हें पंख की नहीं, हौसलों की जरूरत होगी |

President, Secretary, Treasure and other members of students union (BNMU) taking oath in the Auditorium Hall of BNMU Madhepura.
President, Secretary, Treasurer and other members of students union (BNMU) taking oath in the Auditorium Hall of BNMU Madhepura.

यह भी जान लें कि कुलपति ने जहाँ यह कहा कि छात्र संघ ऐसा कोई कार्य न करे जिससे विश्वविद्यालय का नाम प्रदेश व देश में कभी बदनाम हो, वहीं उन्होंने यह भी कह डाला कि हमारे लिए छात्रसंघ सर्वोपरि है न कि कोई राजनीतिक पार्टी | लगे हाथ कुलपति ने कहा कि छात्रसंघ अस्त्र-शस्त्र नहीं बल्कि बोली की मधुरता, व्यवहार, आचार व विचार से विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ायेगा……. क्योंकि नियमानुसार छात्र संघ के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल के सदस्य भी होंगे |

शपथ-ग्रहण समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रतिकुलपति डॉ.फारुख अली ने छात्रसंघ के नियम-कानून एवं अधिकारों व कर्तव्यों को विस्तार से बताते हुए इस चुनाव में प्रथम वोट डालनेवाली सोनी कुमारी को अपनी तरफ से पुरस्कार स्वरूप ₹500 का इनाम माननीय कुलपति डॉ.राय के हाथों दिलाया |

मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ.जितेन्द्र प्रसाद सिंह ने नवनिर्वाचित छात्रसंघ के अध्यक्ष कुमार गौतम, उपाध्यक्ष अमरदीप कुमार, सचिव आशीष कुमार झा, संयुक्त सचिव अमृत राज, कोषाध्यक्ष सोनी कुमारी सहित केंद्रीय काउंसिल मेंबर में नीरज कुमार निराला, अभिनंदन कुमार, दिलीप कुमार दिल, रोशन कुमार, माधव कुमार, पूजा कुमारी, आंचल सिंह, आकृति तथा राजू कुमार के साथ-साथ संकाय काउंसिल मेंबर में समर कुमार, बिट्टू कुमार, अक्षत सिद्धांत को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई | अपरिहार्य कारणवश जिन तीन सदस्यों ने उपस्थिति दर्ज नहीं कराई, वे हैं त्रिलोक नाथ झा, कृष्ण कुमार एवं रजनीश कुमार |

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मंडल विश्वविद्यालय की रजत जयंती में शामिल होंगे सत्यपाल मलिक

भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के रजत जयंती समारोह को आगामी मई माह में भव्य तरीके से मनाने के लिए कुलपति डॉ.ए.के.राय की अध्यक्षता में शनिवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में कुछ अहम निर्णय लिए गये |

बता दें कि रजत जयंती समारोह में राज्यपाल सह महामहिम कुलाधिपति सत्यपाल मलिक सहित कई गणमान्यों को बुलाने के निर्णय के साथ-साथ एक राष्ट्रीय अथवा अंतरराष्ट्रीय सेमिनार भी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है | विश्वविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन के आयोजन हेतु तैयारी शुरू करने का भी निर्णय लिया गया | इसके अलावे विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित तथा आपदा प्रबंधन को मजबूती प्रदान करने हेतु कॉलेजों के सभी एनएसएस टीमों को एक्टिवेट करने का निर्णय लिया गया |

यह भी जानिये कि रजत जयंती समारोह को भव्यता प्रदान करने हेतु नवनिर्मित नार्थ कैंपस का वास्तुविद के सहयोग से मास्टर प्लान बनाने का भी निर्णय लिया गया | साथ ही यह भी कि सिल्वर जुबली हॉल के निर्माण हेतु यूजीसी को प्रस्ताव भेजा जाय |

रजत जयंती समारोह को विश्वविद्यालय की बड़ी उपलब्धि मानते हुए कुलपति डॉ.राय ने कई उप-समितियों के गठन हेतु निर्णय लिया जिसके तहत स्वागत समिति, स्मारिका प्रकाशन समिति, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति तथा पूर्ववर्ती छात्र आयोजन समिति आदि का गठन किया जायेगा |

रजत जयंती समारोह को भव्य तरीके से आयोजित करने हेतु विभिन्न समितियों को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ देने के लिए बैठक में उपस्थित हुए – प्रतिकुलपति डॉ.फारूख़ अली, वित्त परामर्शी सी आर डीगवाल, डीएसडब्ल्यू डॉ.सुनील कांत मिश्रा, सोशल सायंस डीन डॉ.शिवमुनि यादव, वित्त पदाधिकारी एच के सिंह, बी.एन.मुस्टा के महासचिव सह अधिषद सदस्य डॉ.नरेश कुमार आदि |

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BNMU से कट कर अगले सत्र 2018-19 से चालू होगा पूर्णिया विश्वविद्यालय

जहाँ मधेपुरा का भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय स्थापना काल से वीसी, प्रोवीसी, रजिस्ट्रार सहित मात्र 8 स्वीकृत पदों के साथ 25 वर्षों तक पदहीनता का अभिशाप झेलता रहा वहीं इससे अलग होकर बन रहे नये पूर्णिया विश्वविद्यालय को नीतीश सरकार ने दिया 68 पदों का तोहफा |

बता दें कि नये बने पूर्णिया विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र 2018-19 से आरंभ हो जायेगा | महामहिम कुलाधिपति द्वारा 16 अगस्त 2016 को इसकी मंजूरी प्रदान कर दी गयी है तथा 21 नवंबर तक वीसी, प्रोवीसी पद के लिए आवेदन देने की तिथि भी निर्धारित कर दी गयी है | अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के लिए सर्चकमिटी भी गठित कर दी गई है |

जानिये कि इतनी तेजी से पूर्णिया विश्वविद्यालय के लिए सारे कार्यों का निष्पादन बिहार के शिक्षा विभाग, माननीय मुख्यमंत्री एवं महामहिम राज्यपाल के राज भवन द्वारा किया जा रहा है, परंतु कुछ महीने पूर्व ही मधेपुरा के समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी द्वारा इस विश्वविद्यालय का नाम महान आंचलिक साहित्यकार, पद्मश्री फणीश्वर नाथ रेणु के नाम करने वाले ‘अनुरोध’ पर अबतक विचार नहीं किया जाना- राज्य के समस्त कलमजीवी साहित्यकारों के लिए दु:ख की बात है |

यह भी बता दे कि हिन्दी के आंचलिक कथाकार एवं प्रख्यात साहित्यकार ‘रेणु’ पूर्व में भी प्रासंगिक रहे हैं और आगे भी रहेंगे | तभी तो 51 वर्ष पूर्व उनकी कहानी पर “तीसरी कसम” फिल्म बनी थी और पुनः इतने दिनों बाद उनकी कहानी पर एक फिल्म बनकर तैयार है जो आगामी 17 नवंबर को रिलीज होने वाली है जिसका नाम है- “पंचलैट”| रेणुजी की यह कहानी भी गांव-गंवई, जात-पात तथा तत्कालीन सामाजिक वर्जनाओं को पूरी तरह प्रतिबिंबित एवं प्रतिध्वनित करता है | रेणु जी की यह कहानी आज भी हमारे समाज में विद्यमान है- अतः यह फिल्म हिंदी सिनेमा जगत में फिर से एक नये युग की शुरुआत होगी |

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बीएनएमयू के वीसी डॉ.ए.के.राय ने वो किया जो किसी ने नहीं किया

बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय के 23वें कुलपति डॉ.अवध किशोर राय द्वारा विश्वविद्यालय की रजत जयन्ती वर्ष पर…….. स्थापना काल से ही अपनी जवानी के 25 वसंतों को पतझड के हवाले करने वाले वैसे 85-86 कर्मचारियों के घर में खुशी की लहर पैदा कर दी जिसे पूर्व के कुलपतियों द्वारा नहीं किया जा सका | वर्तमान कुलपति डॉ.ए.के.राय ने जहाँ एक ओर ‘कारसेवक’ नाम से प्रसिद्धि प्राप्त इन अस्थाई कर्मियों की विधि संगत नियुक्ति कर मंडल विश्वविद्यालय के इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज कराने की हिम्मत जुटाई वहीं दूसरी ओर 25 वर्षों से रिटायर्ड शिक्षकों व कर्मियों के पेंशन बकाये वेतनादि भुगतान के निमित्त 2 महीने कबल दिन-दिनभर पानी पी-पीकर एफओ, एफए आदि को बैठाकर सारी समस्याओं के निदान हेतु ‘पेंशन अदालत’ लगाते रहे और सभी दु:खी आत्माओं से शुभाशीर्वचन पाते रहे, शुभकामनाएं बटोरते रहे |

Educationist Dr.Bhupendra Madhepuri giving a Bouquet to the Hon'ble V.C. Dr.A.K.Ray for his courageous act in favour of so called "Karsewak" to get them sitted on the permanent post.....!
Educationist Dr.Bhupendra Madhepuri giving a Bouquet to the Hon’ble V.C. Dr.A.K.Ray for his courageous act in favour of so called “Karsewak” to get them sitted on the permanent post…..!

यह भी जानिए कि मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अवध किशोर राय ने पूरी तन्मयता के साथ उच्च वर्गीय लिपिक, निम्नवर्गीय लिपिक, पुस्तकालय लिपिक, कैटलागर, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के पदों पर 86 लोगों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी करने की स्वीकृति दी | इसी के साथ स्थायीकरण हेतु धरना-प्रदर्शन, आंदोलन पर अब लगा विराम और दूर-दराज से आनेवाले छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों का अब होगा कल्याण……… कुलपति ने अपनी पहली प्राथमिकता को अमलीजामा पहनाने के बाद यही कहा-

पूरी पारदर्शिता के साथ विधि संगत ढंग से नियमानुसार चयन समिति ने अस्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति की है | जो बच गये हैं सीट रिक्त होते ही उनकी बहाली भी कर ली जायेगी- जिसकी चर्चा संचिका में कर दी गई है |

यह भी बता दें कि जहाँ एक ओर नियुक्ति की आस में कई एक तो दुनिया से चले गये, कुछ रिटायर हो गए और इसके अलावा भी कई कर्मचारी हैं जिन्हें यह सौभाग्य नहीं प्राप्त हो सका….. वहीं दूसरी ओर इस स्थायीकरण की दौर में पिता-पुत्र और पति-पत्नी ने एक साथ ज्वाइन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है | कुलसचिव कुमारेश प्रसाद सिंह द्वारा जारी अधिसूचना में जिन 86 कर्मियों की नियुक्ति की गयी है उनमें- दशरथ यादव व पुत्र शंभू यादव, मो.इरशाद व पिता मो.सईद तथा पति गौरीशंकर पोद्दार व पत्नी शांति देवी ने एक साथ चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रूप में योगदान कर विश्वविद्यालय के इतिहास में नया कीर्तिमान कायम किया है जिसकी वजह बने हैं सुलझे सोच के नेक इंसान कुलपति डॉ.ए.के.राय और इसकी जड़ में है- पूर्व में परीक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारी डॉ.राजेश्वर राय जिसकी कर्मठता से प्रभावित होकर तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे लोहिया-भूपेन्द्र-कर्पूरी के अनुयायी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी जिन्होंने एक नहीं कई बार उनकी जयंती के अवसर पर विशेषरूप से राजेश्वर राय से यही कहते सुने गये-

गिरो उठो फिर चलना सीखो |

हक की खातिर लड़ना सीखो ||

और श्रीराय ने बहाली को लेकर कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी और कभी डिगे नहीं, बल्कि सदा यही गुनगुनाते देखे जाते रहे-

भय जिसे शूल चुभ जाने का, वह फूल भला कब पाता है |

जो ज्वार देख घबड़ाता है, वह इसी पार रह जाता हैं ||

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बीएनएमयू में हिन्दी-उर्दू एक विरासत पर हुआ राष्ट्रीय सेमिनार

मधेपुरा के बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर उर्दू विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के ‘हिन्दी-उर्दू एक विरासत’ विषय का उद्घाटन करते हुए माननीय कुलपति डॉ.अवध किशोर राय ने कहा कि हमारी सभी भाषाएं साझी संस्कृति का वाहक है तथा भारत की साझी संस्कृति अत्यन्त प्राचीन और समृद्ध है | सभी भाषाएं सगी बहनें जैसी हैं और एक दूसरे की पूरक भी हैं | डॉ.राय ने अपने संबोधन में बड़ी ही पवित्र बातें कहीं, वह यह कि जैसे कई नदियाँ मिलकर गंगा को समृद्ध करती हैं, वैसे ही सभी भारतीय भाषाएं मिलकर हिन्दी को समृद्ध करती हैं | उन्हें एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है | सभी मिलकर हिन्दी को पूर्ण बनाती है, सभी भाषाएं हमारी साझी विरासत है | किसी भी भाषा का किसी से कोई बैर नहीं है बल्कि हरेक के बीच सुमधुर समन्वय है |

Vice-Chancellor Dr.AK Ray inaugurating seminar along with other officers at B.N. Mandal Auditorium Madhepura.
Vice-Chancellor Dr.A.K. Ray inaugurating Seminar along with other officers at B.N. Mandal Auditorium Madhepura.

इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ.फारुख अली ने कहा कि आजादी की लड़ाई में हिन्दी और उर्दू दोनों ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया | उन्होंने कहा कि हिन्दी और उर्दू जहाँ एक ओर भारत माता की दो खूबसूरत आंखें हैं वहीं दूसरी ओर सभी भाषाओं के चेहरे भले ही अलग-अलग हों लेकिन दिल एक है | मुख्य अतिथि मो.अली जौहर ने उर्दू को उपेक्षित बताते हुए सम्मान दिलाने की चर्चा की |

ज्ञातव्य हो कि वहीं बिहार सरकार उर्दू निदेशालय की ओर से जिले में उर्दू को बढ़ावा देने के लिए विविध प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है | सभी प्रारंभिक विद्यालयों का नाम हिन्दी एवं उर्दू में लिखने का आदेश सभी प्रधानों एवं पदाधिकारियों को दिया जा रहा है |

बता दें कि इस आयोजन की अध्यक्षता डॉ.फसीह उद्दीन अहमद ने की और कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम में डॉ.अबुल फजल द्वारा शानदार तरीके से संपन्न किया गया | भारी संख्या में छात्र-शिक्षक एवं बुद्धिजीवियों की उपस्थिति अन्त तक बनी रही |

यह भी जानिये कि सेमिनार के दूसरे दिन विश्वविद्यालय के पी.जी. उर्दू विभाग एवं बिहार उर्दू अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में तकनीकी सत्र के दरमियान अध्यक्षता करते हुए डॉ.एहसान ने जहाँ कहा कि उर्दू का भविष्य उज्जवल है, वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली के डॉ.सैफुल्लाह सैफी ने कहा कि उर्दू सद्भावना की भाषा है |
सेमिनार में डॉ.प्रज्ञा प्रसाद, डॉ.अबुल फजल, सहनवाज आलम, मो.अशरफ, साहिल कौशर डॉ.के.सुल्ताना आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये |

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उल्लासपूर्वक मनेगी बीएनएमयू की रजत जयंती- कुलपति

जहाँ एक ओर बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय के कर्मठ कुलपति डॉ.अवध किशोर राय की अध्यक्षता में हुई सिंडिकेट की 5 अक्टूबर वाली बैठक में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 1300 करोड़ का अनुमानित बजट पेश किया गया वहीं दूसरी ओर बीएनएमयू की स्थापना के 25वें वर्ष पर उमंग के साथ रजत जयंती मनाने की घोषणा करते हुए पांच सदस्यों वाली उच्चस्तरीय समिति भी गठित कर दी गई- जिसके अध्यक्ष होंगे प्रतिकुलपति डॉ.फारुख अली तथा चार सदस्य होंगे- एफओ श्री सीके डीगवाल, डीन सोशल सायंस डॉ.शिवमुनि यादव, सीनेट सदस्य डॉ.नरेश कुमार एवं विश्वविद्यालय अभियंता उमेश कुमार |

बता दें कि कुलपति डॉ. ए.के. राय द्वारा सर्वप्रथम सिंडिकेट के सदस्यों का स्वागत किया गया और लगे हाथ उन्होंने सदस्यों द्वारा शिक्षा एवं शिक्षकों की समस्याओं से संबंधित ढेर सारे प्रश्नों में से एक के जवाब में यही कहा कि सभी सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है | विगत माह में ‘पेंशन अदालत’ लगाया था जिसमें लगभग ढाई सौ में से डेढ़ सौ मामलों पर सुनवाई पूरी हो चुकी है | आगामी अदालत में सभी एरियर वालों को चेक हस्तगत करा दिया जायेगा | अन्य सभी मामलों को तीन चरणों में- (i) आरंभ से 2000 तक (ii) 2001 से 2007 तक और (iii) 2008 से अबतक को भी पूरा कर लिया जायेगा | इसी तरह सदस्यों के अन्य प्रश्नों के भी ठोस जवाब देते गए कुलपति डॉ.ए.के. राय और उनकी पूरी टीम के पदाधिकारीगण |

यह भी जानिए कि जब मधेपुराअबतक द्वारा समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी से वर्तमान कुलपति डॉ.राय द्वारा इस विश्वविद्यालय में अब तक के किये गये कार्यों पर टिप्पणी करने के लिए यह कहते हुए कहा गया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार आप और कुलपति महोदय एक साथ प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज टी.एन.बी. (भागलपुर विश्वविद्यालय) में शिक्षा ग्रहण किये हैं और आपने उनके सीनियर के रूप में एक ही छात्रावास में रहकर अध्ययन भी किया है- तो डॉ.मधेपुरी ने संक्षिप्त टिप्पणी में यही कहा-

“बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुलपति डॉ.राय का अपने अधिकारियों, पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों से यह कहना कि लंबित संचिकाओं का निष्पादन 3 दिनों के अंदर नहीं करने पर संबंधित व्यक्ति पर विभागीय कार्रवाई आरंभ की जायेगी…… और विशेष परिस्थिति में अधिकतम समय 15 दिनों का दिये जाने का निर्णय कुलपति के दृढ़ संकल्प को ही तो दर्शाता है |”

यह भी बता दें कि मंडल विश्वविद्यालय के अधिकारी-पदाधिकारी के रूप में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके डॉ.बी.एन.यादव मधेपुरी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि कुलपति डॉ.ए.के. राय एवं प्रतिकुलपति डॉ.फारुख अली द्वारा शहीद चुल्हाय पार्क एवं कीर्ति नारायण पार्क को आदर्श पार्क के रूप में तब्दील करने और विश्वविद्यालय जिम सहित विभिन्न विषयों के सोसाइटीज आदि को पुनर्जीवित करने की योजनाओं से निश्चय ही विश्वविद्यालय परिसर गुलजार होगा |

अंत में मधेपुरा का डॉ.कलाम कहे जाने वाले डॉ.मधेपुरी ने कहा कि ऐसा लगता है कि वर्तमान कुलपति व प्रतिकुलपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम की तरह अपने कार्यकाल में कदाचित दो चार दिनों की ही छुट्टी लेंगे | जब ये दोनों विश्वविद्यालय में रहेंगे तो विश्वविद्यालय ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा ही करेगा और रजत जयंती की धूम जब मचेगी तब तक में तो विकास का परचम दूर से ही लहराता हुआ सबों को दिखने लगेगा |

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बीएन मंडल विश्वविद्यालय में नये वीसी बने डॉ.ए.के.राय

मधेपुरा के लिए यह एक सुखद संयोग है कि जहाँ एक ओर 29 मई को ‘भूपेन्द्र चौक’ पर समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र नारायण मंडल की पुण्यतिथि पर प्रातः 7:30 बजे से उनकी प्रतिमा पर शहर के गणमान्यों द्वारा माल्यार्पण किया जा रहा है तो दूसरी ओर 3:30 बजे से संत अवध बिहारी कीर्ति नारायण देवकृष्ण महाविद्यालय परिसर में उनकी पुण्यतिथि पर ‘श्रद्धांजलि सभा’ की जा रही है |

Educationist Dr.Bhupendra Madhepuri , Dr.Alok Kumar , Prof.Shyamal Kishor Yadav , Prof.Sachchidanand , Vishnudeo Vikram , Dr.Arjun , Anand , Vikash , Sant Kumar , Munna Jee and others attending Punaya Tithi Pushpanjali Samaroh of BN Mandal at Bhupendra Chowk , Madhepura .
Educationist Dr.Bhupendra Madhepuri , Dr.Alok Kumar , Prof.Shyamal Kishor Yadav , Prof.Sachchidanand , Vishnudeo Vikram , Dr.Arjun , Anand , Vikash , Sant Kumar , Munna Jee and others attending Punaya Tithi Pushpanjali Samaroh of Great Socialist  B.N. Mandal at Bhupendra Chowk , Madhepura .

और इन दोनों के बीच अवस्थित उन्हीं के नाम वाले भू.ना.मंडल विश्वविद्यालय में 23 वाँ कुलपति के रूप में डॉ.ए.के.राय द्वारा पदभार ग्रहण किया जा रहा है- 2:00 बजे अपराह्न में | नवनियुक्त कुलपति डॉ.अवध किशोर राय द्वारा- ‘आराम हराम है’ को गले लगाते हुए जिस तरह राष्ट्रपति डॉ.कलाम पदभार ग्रहण करते ही सांसदों के बीच बस यही उद्घोष किया था- “कल करो सो आज कर”……. उसी तरह सभी स्नातकोत्तर विभागों के विभागाध्यक्षों को विश्वविद्यालय पुस्तकालय में बिठाकर नये कुलपति ने बस इतना ही कहा-

‘बेपटरी हुए पठन-पाठन को सुव्यवस्थित करने  के साथ-साथ अनियमित हुए शैक्षणिक-सत्रों के नियमितीकरण के लिए हम सब मिलकर पुरजोर कोशिश करेंगे………. तभी NACC के लिए हमारे कदम आगे बढ़ सकेंगे |’

मधेपुरा अबतक द्वारा जब समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी से इस बाबत टिप्पणी करने को कहा गया तो डॉ.मधेपुरी ने बस यही कहा कि सदा पटरी पर दौड़नेवाले टी.एम  भागलपुर विश्वविद्यालय का छात्र मैं भी रहा हूं | उसी विश्वविद्यालय में पढ़े, बढ़े और शिक्षक रहकर प्रतिकुलपति बने डॉ.राय के अनुभव का फायदा इस विश्वविद्यालय को तो मिलेगा ही मिलेगा , साथ ही वहीँ से आ रहे प्रतिकुलपति डॉ.फारुख अली के सुर-में-सुर मिले होने के फलस्वरूप हर काम को तेजी से अंजाम तक पहुंचाया जा सकेगा |

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