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बिहार के विकास में 2022 तक के बजट में जुड़ रहे नए आयाम

बिहार विधानसभा में 4 मार्च को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में बजट पर बहस के दौरान डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि सूबे की सरकार सतत एवं समावेशी विकास की नीति पर चलकर राज्य के हर वर्ग का विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में प्रतिवर्ष नए-नए आयाम जुड़ रहे हैं।

जानिए कि वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार विकास के छह सूत्रों पर काम कर रही है। वे हैं- शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि, आधारभूत संरचना तथा विभिन्न वर्गों का कल्याण।

डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि कोरोना संकट के समाधान के बाद राज्य सरकार स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने में जुटी हुई है। यह भी कि चालू वित्त वर्ष की तुलना में 22% अधिक राशि दी गई है।

 

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‘हिन्दी दिवस’ और ‘विश्व हिन्दी दिवस’

आज दुनिया भर में भारत की पहचान जितनी अपनी सांस्कृतिक विविधताओं और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए है, उतना ही इसे हिन्दी के लिए भी पहचाना जाता है। किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष भारत आएं और उन्हें भारत से निकटता प्रदर्शित करने के लिए कोई एक शब्द या वाक्य बोलना हो तो वो हिन्दी का होता है और दुनिया की बड़ी से बड़ी कंपनी के लिए भारत के बाजार में अपनी पैठ बनाने के लिए हिन्दी का सहारा लेना अनिवार्य-सा है। कारण स्पष्ट है कि हमारे देश में 77% लोग हिन्दी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं।

भारत की अनेकता में एकता का स्वर हिन्दी के माध्यम से जैसे आज गूंजता है वैसे ही 1947 से पहले भी गूंजा करता था। यही कारण है कि 1946 में स्वतंत्र भारत के संविधान के लिए बनी समिति के सामने जब राष्ट्र की भाषा का सवाल खड़ा हुआ तब संविधान निर्माताओं के लिए हिन्दी ही सबसे बेहतर विकल्प थी। यह अलग बात है कि हिन्दी को सम्पूर्ण राष्ट्र की भाषा बनाए जाने को लेकर कुछ लोग विरोध में भी थे। इसलिए हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा दे दिया गया। खैर, जिस दिन देश को राजभाषा का दर्जा दिया गया था वो 14 सितंबर 1949 का था और इस दिन को हम आज हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं।

गौरतलब है कि पहली बार राजभाषा घोषित किए जाने के 4 साल बाद यानि 14 सितंबर 1953 को हिन्दी दिवस मनाया गया था। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस दिन के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यह फैसला किया था। इस दिन विभिन्न सरकारी संस्थानों में हिन्दी को लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लेकिन यहां यह जानना दिलचस्प होगा कि भारत में जहां 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है वहीं दुनिया भर में हिन्दी दिवस मनाने की तारीख अलग है और वो तारीख है 10 जनवरी।

दरअसल, दुनिया भर में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के तत्वाधान में हुआ था, उद्घाटन किया था तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने, मुख्य अतिथि थे मॉरीशस के प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम और सम्मेलन से संबंधित राष्ट्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष थे तत्कालीन उपराष्ट्रपति बी.डी. जत्ती। तब से अब तक कुल 11 विश्व हिन्दी सम्मेलन हो चुके हैं। भारत और मॉरीशस ने तीन-तीन बार इस सम्मेलन की मेजबानी की है, जबकि त्रिनिदाद और टोबैगो, यूनाइटेड किंगडम, सूरीनाम, संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में इस सम्मेलन का आयोजन एक-एक बार हुआ है। ध्यातव्य है कि पहले दो सम्मेलनों का आयोजन पूर्णत: गैरसरकारी था, जबकि तीसरे सम्मेलन का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने किया और उसके बाद से इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार का विदेश मंत्रालय करता आ रहा है। कहने की जरूरत नहीं कि यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन हिन्दी का सबसे बड़ा सम्मेलन है और चूंकि इस सफर की शुरुआत 10 जनवरी को हुई थी, इसलिए इस दिन के खास महत्व को ध्यान में रखते हुए 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने दुनिया भर में 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस मनाने की घोषणा की थी। तब से इस दिन विदेशों में भारतीय दूतावास विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इस तरह पहले विश्व हिन्दी सम्मेलन की वर्षगांठ को रेखांकित करने और हिन्दी को वैश्विक भाषा के रूप में प्रचारित करने के लिए हर साल 10 जनवरी को हम ‘विश्व हिन्दी दिवस’ मनाते हैं।

– डॉ. अमरदीप
10 जनवरी 2022

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जाम से निजात पाने का एक ही उपाय है पांच मंजिला सड़क

यदि एक-एक घर में दो-दो कारें और चार-चार बाइकें होने लगे और सड़कों को अतिक्रमण कर पगडंडी बनाने में लगे रहें लोग तो प्रतिदिन प्रत्येक शहर में भीषण जाम नहीं लगेगा… भीषण जाम में लोग जुझेंगे नहीं….. तो क्या करेंगे ?

बता दें कि लोगों की जनसंख्या और गाड़ियों की संख्या इतनी तेज रफ्तार से बढ़ती जा रही है कि शहरों में फोरलेन सड़क के लिए भूमि अर्जित करना सरकार के बस की बात नहीं रही। ऐसी परिस्थिति में बस एक ही उपाय है पांच मंजिला सड़क।

देश में जल्द ही दिखेंगी बहुमंजिला सड़कें, क्योंकि महंगी जमीन से बढ़ती है परियोजना की लागत। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एक किताब “बिल्डिंग ब्रिजेज सेविंग द फ्यूचर” के विमोचन पर बोले कि शहरों में तीन या चार मंजिला सड़कें बनाने की जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसका कारण बताते हुए यही कहा कि शहरों में जमीन की कीमत महंगी होने के कारण सरकार को अधिग्रहण में परेशानी होगी। गडकरी ने कहा कि नागपुर में दो मंजिला सड़क के ऊपर मेट्रो चलाने के लिए परियोजना बनाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पुणे में चार मंजिला सड़क प्रोजेक्ट की तैयारी कर ली गई है जिसका अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से निर्माण होगा।

चलते-चलते यह भी कि हम सब अपने शहर की सड़कों का अतिक्रमण न करें तथा ट्रैफिक के नियमों का धैर्य पूर्वक पालन करें तो जाम से छुटकारा मिलता रहेगा और जब तक आपके शहर में गाड़ियों की संख्या बढ़ेगी तब तक दो-तीन मंजिला सड़क भी सरकार द्वारा बनाया जाना लगेगा।

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कोरोना के मद्देनजर 28 फरवरी तक डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी रद्द

कोरोना की तीसरी लहर से सारा विश्व परेशानियों से जूझ रहा है। बिहार में भी कल रात से रात 10:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक का नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को भी 21 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। नौ से बारहवीं तक एवं कॉलेज 50% उपस्थिति के साथ खुलेंगे। सिनेमा हॉल, क्लब, मॉल, जिम व पार्क भी बंद रहेंगे।

सरकारी व निजी दफ्तर 50% क्षमता से चलेंगे। शादी में 50 और श्राद्ध में 20 की मंजूरी दी गई है। दुकान 8:00 बजे रात के बाद बंद रहेगी। कोर्ट भी आधा फिजिकल और आधा वर्चुअल होगा। लॉक डाउन की स्थिति बनती नजर आ रही है, इसलिए बाहर काम कर रहे मजदूर घर लौटने लगे हैं।

बता दें कि बिहार में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने सभी डाक्टरों एवं सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी 28 फरवरी तक रद्द कर दी है। केवल अध्ययन अवकाश और मातृत्व अवकाश को छोड़कर अन्य सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई है।

जानिए कि घर-घर कोरोना की दवा पहुंचाने के लिए एमओयू जल्द होने वाला है। डाक विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच जैसे ही एमओयू हुआ कि प्रशिक्षित डाकिया घर-घर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दवाइयां पहुंचाने लगेंगे। उम्मीद है इस सप्ताह में एमओयू हो जाएगा और कोरोना संक्रमितों को बाजार कीमतों के अनुरूप घर पर ही दवाएं मिलने लगेगी। घर पर दवाएं  मिलने से मरीजों को राहत मिलेगी।

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कोरोना की तीसरी लहर, 26 जिलों में पहुंचा कोरोना

एक दिन में 77% कोरोना के मामले तीसरी लहर की पुष्टि करने का ऐलान कर दिया है। सूबे बिहार में पिछले चौबीस घंटों के दौरान 281 नए कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। एक दिन में इसके प्रसार की संख्या में 77% की वृद्धि दर्ज की गई है।

बता दें कि एक दिन में कोरोना का फैलाव 21 जिलों से बढ़कर 26 जिलों में हो गया है। राज्य में सबसे अधिक 136 नए संक्रमित पटना जिले में मिले हैं जबकि गया जिले में 70 नए मरीज पाए गए हैं।

यह भी जानिए कि मधेपुरा जिला में आठ, भागलपुर में तीन, भोजपुर में तीन, मुंगेर में नौ, लखीसराय में सात, नालंदा में चार, रोहतास में तीन और शेष जिलों में दो-दो एवं एक-एक हैं।

चलते-चलते यह भी जानिए कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशानुसार कोरोना के संक्रमण को देखते हुए गांव, टोला और स्लम क्षेत्रों में में चलंत टीम बनाकर लोगों की स्क्रीनिंग करना आरंभ कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग अपने मोबाइल वैन के जरिए कोविड टीकाकरण में जुटा है।

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महिलाओं के उत्थान से ही समाज व देश का विकास- सीएम नीतीश कुमार

सूबे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बेटियों और महिलाओं के उत्थान से ही समाज और देश का विकास संभव हो पाएगा। उन्होंने विस्तार से बताया कि इसके लिए समाज के प्रत्येक तबके को आगे आना होगा।

बता दें कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि सभी लोग साथ मिलकर समाज में फैली दहेज और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आरंभ से ही इस दिशा में काम कर रही है।

अंत में सीएम ने यह कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में उनकी सरकार ने 50% आरक्षण महिलाओं को देने की व्यवस्था की है। जिसका लाभ आज दिख रहा है। जीविका दीदियों की इसमें अहम भूमिका है। शराब बंदी के कारण आपराधिक घटनाएं और घरेलू हिंसा के मामलों में कमी आई है।

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दुनिया में दोबारा रिकॉर्ड तोड़ने लगा है कोरोना

फ्रांस में कोरोना संक्रमण के लगभग 1 लाख 50 हजार नए मामले शनिवार को आए जबकि वहां 76 फ़ीसदी से ज्यादा आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। इटली में लगातार तीसरे दिन कोरोनावायरस 50 हजार से ज्यादा नए मामले आए हैं। ब्रिटेन में दूसरे दिन एक लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमितों के नए मामले सामने आए। अमेरिका भी परेशानी झेल रहा है। ईरान चिंताओं के बीच सीमाएं बंद कर ली है।

बता दें कि भारत में कोरोना के नए वेरिएंट आॅमिक्रोन के नए मामले 500 के करीब पहुंच चुके हैं। फलस्वरूप भारत की कर्नाटक, उत्तराखंड, दिल्ली आदि कई स्टेटों में नाइट कर्फ्यू लगाने को विवश हो गया है। महाराष्ट्र में भी लॉक डाउन की स्थिति बन रही है जहां पर 110 नए केस सामने आए हैं।

बिहार राज्य के मुंगेर ने तो कोरोना के मामले में विस्फोट कर डाला है। 8 जवान सहित 11 कोरोना पॉजिटिव मिले वहां। जानकारों का कहना है कि तेज, मगर छोटी होगी तीसरी लहर। परंतु, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह कहते हैं- आॅमिक्रोन से जंग में स्वयं की सजगता व अनुशासन देश की बड़ी ताकत बनेगी।

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प्रत्येक भारतीय की नाज बनीं हरनाज

खुद पर भरोसा करने वाली चंडीगढ़ की हरनाज कौर संधू ने मिस यूनिवर्स- 2021 का खिताब जीतकर प्रत्येक भारतीय को एक बार फिर से खुद पर नाज करने का मौका दिया है। हरनाज संधू ने न सिर्फ अपनी खूबसूरती, बल्कि अपने आत्मविश्वास एवं प्रखर बौद्धिकता से भी जजों को बेहद प्रभावित किया। हरनाज की यह सफलता भारत की बेटियों के लिए प्रेरणा का बीज है।

बता दें कि मिस यूनिवर्स का खिताब बाहरी खूबसूरती के आधार पर नहीं मिलता बल्कि इसके लिए बुद्धि, मेहनत, खूबसूरती आकर्षक, व्यक्तित्व एवं हाजिर जवाबी भी होना उतना ही अनिवार्य होता है। भारत की बेटी हरनाज में ये सारी खूबियां मौजूद हैं।

चलते-चलते यह भी जानिए कि हरनाज को शतरंज खेलना और घुड़सवारी करना बेहद पसंद है। कई अध्ययनों एवं शोध से भी यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि शतरंज खेलने से दिमाग की कसरत होती रहती है। इसलिए तो हरनाज को “ब्यूटी विद ब्रेन” की वास्तविक प्रतिनिधि मानी जाती है।

 

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वर्ष 2022 में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बाजार में छा जाएंगी

अन्य कारण जो भी हो, परंतु बढ़ते प्रदूषण ने इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ाने में बड़ी भूमिका अदा की है। सभी जान रहे हैं कि साल 2021 पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियों के लिए अच्छा नहीं रहा है। कंपनियों को नुकसान भी उठाना पड़ा है। वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए यह वेहतर साल रहा है।

जानिए कि कोरोना वायरस सब कुछ को तहस-नहस कर दिया। साल 2020 में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में 26 फ़ीसदी की बड़ी गिरावट आई। वहीं 2021 के जनवरी से नवंबर तक भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का साइज दोगुना रहा है। इस वर्ष तो इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बाजार में खूब हलचल रही है।

चलते-चलते यह भी जानिए कि वाहन विशेषज्ञों का कहना है कि वर्ष 2022 में भारत इलेक्ट्रिक गाड़ियों के नाम होने वाला देश में शुमार किए जाने वाला देश बनेगा।

 

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केंद्र सरकार देगी भारत के किसानों को विशिष्ट पहचान पत्र

देश के किसानों को ताकतवर बनाने एवं खेती को समुन्नत बनाने की कोशिश के तहत केंद्र सरकार द्वारा भारतीय किसानों को पहचान पत्र निर्गत किए जाने की योजना बनाई है। सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु सरकार देश के किसानों को विशिष्ट पहचान पत्र जारी करेगी।

बता दें कि विशिष्ट पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया देश भर में चल रही है। देशभर के किसानों का डाटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया जारी है।

जानिए कि अब तक लगभग 10 करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार हो चुका है। किसानों के लिए विशेष पहचान पत्र 12 अंकों का होगा। जिस पहचान पत्र के माध्यम से किसान केंद्र व राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं का लाभ बिना किसी झंझट के प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही भारतीय किसान को किसी बिचौलिए की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। हां! डेटाबेस में शामिल किसानों को ही इस योजना का लाभ मिल पाएगा।

 

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