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चारा घोटाले में लालू को अब तक की सबसे बड़ी सजा

बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले के चौथे मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दो धाराओं में 7-7 साल की सजा का ऐलान किया गया है। दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी। साथ ही उन पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना ना देने की स्थिति में 1-1 साल की सजा बढ़ जाएगी। बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को यह सजा सुनायी है। चारा घोटाले में उनको मिली यह सबसे बड़ी सजा है।

बता दें कि दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत 31 लोगों को आरोपी बनाया गया था। लालू यादव के वकीलों को उम्मीद थी कि उनकी बढ़ती उम्र और खराब तबीयत के कारण कोर्ट उनकी सजा में कुछ नरमी बरतेगा। लेकिन कोर्ट ने कोई नरमी ना बरतते हुए उन्हें चारा घोटाले में सबसे बड़ी सजा सुनायी। इन दिनों रांची की बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे लालू यादव को तबीयत खराब होने के कारण जेल से रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव इससे पहले चारा घोटाले के 3 अन्य मामलों में भी दोषी करार दिए जा चुके हैं। वे चारा घोटाले के कुल 6 मामलों में आरोपी हैं, जिनमें से पहले मामले में उन्हें साल 2013 में 5 साल की सजा, दूसरे मामले में साल 2017 में साढ़े तीन साल की सजा और तीसरे मामले में 5 साल की सजा सुनायी गई। अब चौथे दुमका कोषागार मामले में उन्हें दो धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनायी गई है। इनके अलावा लालू यादव को 2 अन्य मामलों में भी आरोपी बनाया गया है और अभी इन पर सुनवाई चल रही है।

चलते-चलते बता दें कि 1990 के दशक में बिहार में बहुचर्चित चारा घोटाला हुआ था, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को आरोपी बनाया गया था। पटना हाईकोर्ट द्वारा मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। बिहार और झारखंड के बंटवारे के बाद कुछ मामले रांची ट्रांसफर कर दिए गए थे। दुमका कोषागार मामला भी उन्हीं मामलों में से एक है।

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तो उपमुख्यमंत्री को घर में घुसकर मारेंगे तेज प्रताप !

आज की राजनीति का स्तर गिर गया है, यह कहने में कोई नई बात नहीं। लेकिन एक युवा नेता अपने पिता की उम्र के नेता के लिए, जो पद और अनुभव में भी अत्यंत वरिष्ठ हों, अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें घर में घुसकर मारने की बात करें तो क्या कहेंगे आप? क्या शर्म से सिर झुक नहीं जाएगा आपका? क्या राजनीतिक विरोध की ऐसी अभिव्यक्ति सभ्य समाज में किसी भी तरह स्वीकार्य हो सकती है? नहीं ना? लेकिन, बिहार की राजनीति में हो कुछ ऐसा ही रहा है।

जी हां, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को लेकर अत्यंत आपत्तिजनक बयान दिया है। औरंगाबाद में एक सभा में बोलते हुए तेज प्रताप ने कहा है कि वे सुशील मोदी के घर में घुसकर उन्हें मारेंगे। उन्होंने कहा कि वे अगर सुशील मोदी के बेटे की शादी में जाते हैं तो वहां उनकी पोल खोल देंगे।

जनसभा में तेज प्रताप ने कहा कि सुशील मोदी ने फोन पर बेटे की शादी का निमंत्रण दिया है। बकौल  तेज यह निमंत्रण उऩके परिवार को शादी में बुलाकर बेइज्जत करने के लिए है। उन्होंने आगे कहा कि “हम डरते नहीं हैं। हम वहीं सभा करेंगे और शादी में तोड़फोड़ करेंगे। घर में घुसकर मारेंगे।”

तेज के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुशील मोदी ने उन्हें कुंठित करार दिया। सुशील मोदी ने कहा, ‘तेज प्रताप कुंठित हैं। वे मेरे बेटे की शादी में बाधा डालना चाहते हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस मामले में वे राजनीति क्यों कर रहे हैं। मैं तो लालू प्रसाद यादव के बच्चों की शादी में सम्मानपूर्वक जाता रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि लालू यादव इस मामले में तेज से जरूर बात करेंगे।’

गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बेटे उत्कर्ष मोदी की शादी तीन दिसंबर को है। मोदी ने बेटे की शादी में कोई भी तामझाम नहीं करने का ऐलान किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस शादी में ना तो बैंड बजेगा और ना ही मेहमानों और बारातियों का स्वागत किया जाएगा। यही नहीं, खाने और नाश्ते की बजाय भगवान का भोग लगाया हुआ ‘प्रसाद’ दिया जाएगा। विवाह आदि आयोजनों में विरल हो चुकी ऐसी सादगी की घोषणा से यह शादी स्वाभाविक तौर पर पहले से चर्चा में थी। अब अपने विवादित बयान से तेज ने इस आयोजन को और चर्चा में ला दिया है।

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अब मोदी ने लालू को 21वीं सदी का सबसे बड़ा जमींदार बताया

भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद यादव पर फिर बड़ा हमला करते हुए कहा कि वे 21वीं सदी के सबसे बड़े जमींदार हैं। बकौल मोदी उनकी एक जगह नहीं, कई जगहों पर जमीन है। फर्जी कंपनी बनाकर वे जमीन हड़पने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो की तीस कंपनियां हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन मात्र तीन पतों पर है। ये कंपनियां काले धन को सफेद करती हैं।

गौरतलब है कि मोदी लालू और उनके परिवार पर एक के बाद एक घोटाले का आरोप लगा रहे हैं। पहले उन्होंने मिट्टी घोटाले का आरोप लगाया, फिर जमीन घोटाले की बात कही। उसके बाद कहा कि लालू ने बिहटा में शराब फैक्ट्री खुलवाकर करोड़ों की संपत्ति बनाई। सिर्फ 55 हजार निवेश कर करोड़ों की जमीन के मालिक बन गए वगैरह-वगैरह।

प्रश्न उठता है कि लालू पर लगातार हमलावर मोदी को दस्तावेजी सबूत आखिर मिल कहां से रहे हैं? कुछ लोगों का मानना है कि इसके पीछे बीएसएससी घोटाले में आईएएस सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के से उपजी आईएएस लॉबी की नाराजगी है। जेडीयू से भाजपा में आए ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू का भी कहना है कि कुछ अधिकारी मोदी के मददगार बने हुए हैं। स्वयं सुशील कुमार मोदी भी दावा कर रहे हैं कि बिहार सरकार में शामिल लोग ही उनकी मदद कर रहे हैं।

बहरहाल, इन सारे घटनाक्रम के मद्देनज़र अब कई लोग दबी जुबान से लालू-नीतीश के संबंधों में आई खटास को इन सबकी वजह बता रहे हैं। कहने की कोई जरूरत नहीं कि अगर इस कयास में थोड़ी भी सच्चाई है तो इसका अर्थ यह है कि महागठबंधन सरकार संकट में है।

उधर राजद सुप्रीमो ने अपनी पार्टी के सारे प्रवक्ताओं को बुलाकर कहा कि इन आरोपों से हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं है। बकौल लालू तेजस्वी और तेजप्रताप की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर सुशील मोदी अनर्गल और असंगत आरोप लगा रहे हैं। लालू ने यह भी कहा कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है। ये सब उनकी और उनके परिवार की छवि खराब करने की साजिश है। यही नहीं, कहा तो यहां तक जा रहा है कि लालू ने अपने सारे प्रवक्ताओं को स्वयं ट्रेनिंग भी दी कि मीडिया में इन आरोपों का किस तरह मंहतोड़ जवाब दिया जाय।

‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप

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… और लालू ने दी अपने उपमुख्यमंत्री बेटे तेजस्वी को चेतावनी..!

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने छोटे बेटे और महागठबंधन सरकार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भरी सभा में चेतावनी दे डाली। ‘प्यार’ और ‘अधिकार’ भरी ये चेतावनी बिहार के नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता दिलाने के लिए थी।

मौका सहकारिता सम्मेलन का था। लालू ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी को अपने ख़ास अंदाज में चेतावनी देते हुए कहा कि “तेजस्वी, अगर बेरोजगारों को भत्ता नहीं मिला तो तुम समझ लेना, क्या हाल होगा।” लालू के मुँह से अचानक ऐसी बात सुन सम्मेलन में एकबारगी सन्नाटा छा गया।

लालू ने इस अवसर पर केन्द्र सरकार पर भी हमला बोला। ‘मेक इन इंडिया’ नारे को ढकोसला करार देते हुए उन्होंने कहा कि इससे कुछ होने वाला नहीं है। देश का दिवाला निकल रहा है और मोदी सरकार बुलेट ट्रेन की बात कह जनता को गुमराह कर रही है।

लालू ने आज जिस तरह तेजस्वी को चेतावनी दी, ठीक उसी तरह उनके समधी और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी अपने बेटे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ‘ख़बर’ लेते हैं। आए दिन कार्यकर्ताओं के बीच और यहाँ तक कि सरकारी सभाओं में भी उनके द्वारा अखिलेश को ‘फटकार’ लगाने की ख़बरें आती हैं। ऐसा कर ये दिग्गज जहाँ अपनी अगली पीढ़ी को राजनीति का ‘पाठ’ पढ़ा रहे होते हैं वहीं आम लोगों के बीच उनकी ‘छवि’ भी बन रही होती है।

हाल के दिनों में बिहार में आपराधिक घटनाओं में इजाफा हुआ है और विपक्ष इसके लिए लगातार लालू को ‘घेरने’ की कोशिश में लगा हुआ है। ऐसे में लालू ने तेजस्वी को चेतावनी दे एक तीर से कई निशाना साधने की कोशिश की है।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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