जहाँ एक ओर जलमग्न हो गया हो बिहार और 16 जिलों में मचा हो हाहाकार- वहीं स्वर्णिम विश्व बनाने के लिए संकल्पित पतंजलि योग समिति के ऋषिद्वय स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण की समर्पित शिष्याओं को 25 दिवसीय योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर का सफल संचालन महिला प्रभारी प्रो.रीता कुमारी द्वारा आखिर पूरा कर ही लिया गया तथा 16 अगस्त को शिविर का भव्य समापन समारोह स्थानीय रासबिहारी उच्च विद्यालय परिसर में समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी द्वारा शानदार रुप से संपन्न करा ही लिया गया |
बता दें कि यह प्रशिक्षण शिविर 21 जुलाई से 14 अगस्त तक निरंतर चलता रहा जिसमें 40 महिलाएं एवं दो पुरुषों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया | प्रशिक्षक के रूप में इन प्रशिक्षुओं का वर्ग संचालन करते रहे- राज्य पतंजलि महिला प्रभारी डॉ.मीणा कुमारी, राज्य पतंजलि युवा प्रभारी श्री प्रकाश, मंडल प्रभारी चन्देश्वरी प्रसाद यादव, पूर्व मंडल प्रभारी डॉ.अमोल राय, भारत स्वाभिमान के संयोजक डॉ.वेद प्रकाश, सह-संयोजक डॉ.एन.के.निराला, किसान पंचायत प्रभारी श्री सुभाष, पतंजलि योग समिति के जिलाध्यक्ष डॉ.नन्दकिशोर, भारत स्वाभिमान की महामंत्री रुपम कुमारी सहित शिविर संचालिका प्रो.रीता कुमारी एवं अन्य |

यह भी जानिए कि ये प्रशिक्षण प्राप्त महिला एवं पुरुष 90 दिनों की योग कक्षाएं चलाने के बाद एवं हरिद्वार में पुनः 5 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही “योग शिक्षक” के रूप में विधिवत प्रमाण-पत्र प्राप्त करेंगे | इस दरमियान उन्हें कई लिखित व मौखिक परीक्षाओं से भी गुजरनी होती है |
इस अवसर पर समापनकर्ता डॉ.मधेपुरी ने महिला प्रशिक्षुओं से यही कहा कि आप अपने अतीत को भूल गई हैं, इसलिए आज नारी सशक्तिकरण की चर्चाएं होने लगी हैं | उन्होंने कहा कि महिलाएं हर मायने में पुरुषों से बहुत आगे थीं, रही हैं और आगे भी रहेंगी | आगे डॉ.मधेपुरी ने कहा-
“सोचिए तो सही ! पुरुष को क्या चाहिए ? कदाचित प्रत्येक को- शक्ति, संपत्ति और विद्वता ! …… शक्ति के लिए उसे माँ भगवती की आराधना करनी पड़ती है, संपत्ति के लिए माता लक्ष्मी की पूजा और विद्या के लिए माँ सरस्वती की अर्चना…….!!”
डॉ.मधेपुरी ने समापन संबोधन में यही कहा- कि भारतीय ऋषि-मुनियों की योग-परंपरा में डुबकियां लगाने पर यही महसूसता रहा हूं-
“मन के पार चेतना के द्वार जाने की तैयारी का नाम है- योग ! योग से शक्ति और अंदर की ज्योति में वृद्धि होती है और व्याधि व व्यवधान मिटने लगते हैं | अंदर की आंखें खुलने लगती हैं…….. और ऐसा लगता है…….. कि माँ की कोख से बच्चों का पार्थिव जन्म होता है, परंतु योग व प्राणायाम से मनुष्य का आध्यात्मिक जन्म होता है………!”
अंत में महिला प्रशिक्षुओं रेखा गांगुली, माधुरी सिन्हा, किरण कुमारी, माया जायसवाल, मनीषा कुमारी, नीतू कुमारी, नीता कुमारी, एस यदुवंशी आदि से शिविर के फायदे से संबंधित पूछे गये प्रश्नों के जवाब में यही कहा गया कि शिविर में प्रशिक्षण नियमित रूप से एवं विधिपूर्वक दिया गया- योग के पूर्ण पैकेज के साथ बीच-बीच में परीक्षाएं भी ली गई |
समापन संपन्न होने से पूर्व समापनकर्ता डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, राज्य महिला प्रभारी डॉ.वीणा कुमारी एवं मंडल प्रभारी चन्देश्वरी प्रसाद यादव को अंगवस्त्रम आदि से सम्मानित किया शिविर प्रभारी प्रो.रीता कुमारी ने और महामंत्री रुपम कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन के सिलसिले में सरस शब्दों में कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए तालियों की गड़गड़ाहट के साथ समापन कार्यक्रम में अद्भुत समां बांध दी |