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सिंहेश्वर महोत्सव का जानदार-शानदार समापन बना यादगार……!

तीन दिवसीय पाँचवे सिंहेश्वर महोत्सव-2018 के दूसरे दिन हुए कार्यक्रमों में “शिव और शक्ति” की महिमा के गीत प्रस्तुत करते हुए जहाँ मुंबई के सूफी गायक विनोद गवार की आवाज का जादू सर चढ़कर बोला और मंत्रमुग्ध होकर दर्शकों ने उनके शिव तांडव, राधा कृष्ण रासलीला एवं भस्मावतार आरती का भरपूर आनंद उठाया…… वहीं सजदा तेरा सजदा…… से लेकर…… बाबा भोलेनाथ को मनाऊँ कैसे…… आदि गीतों ने खूब तालियाँ बटोरी और संपूर्ण माहौल को भक्ति रस में डुबो दिया | साथ ही इलाहाबाद की झाँकी टीम एवं आसाम की बीहू नृत्य आकर्षण का मुख्य केन्द्र बना रहा |

Rising Star Playback Singer Amitabh Narayan along with Dr.Bhupendra Narayan Madhepuri , BDO Ajit Kumar and others at Singheshwar Mahotsav 2018.
Rising Star Playback Singer Amitabh Narayan along with Dr.Bhupendra Narayan Madhepuri , BDO Ajit Kumar and others at Singheshwar Mahotsav 2018.

समापन की शाम को युवा गायक अमिताभ नारायण एवं मैथिली ठाकुर की जोड़ी ने यादगार बना दिया | हिन्दी, मैथिली एवं भोजपुरी गीतों के जलवे पर थिरकने लगे युवावर्ग और झूमने लगे बच्चे…..! इस जोड़ी की दिलकश मखमली गायकी ने दर्शकों को खूब नचाया, गवाया और बाँध सा लिया | यह महफिल तब और दिलकश हो गयी जब अमिताभ ने मैथिली के संग सुर में सुर मिलाया |

बता दें कि दर्शकों से खचाखच भरे विशाल पंडाल में अमिताभ-मैथिली के स्वरों के साथ बच्चों की माताएं भी गाती हुई नजर आई | जहाँ मधुबनी-बेनीपट्टी की राइजिंग स्टार मैथिली ने ‘अंगनवा में भवनवा में….’ से लेकर ‘दिगम्बर खेले मसाने में होरी……’ पर दर्शकों को झुमाती रही वहीं प्लेबैक सिंगर मुजफ्फरपुर के इंडियन आइडल शो विजेता अमिताभ दर्शकों को भिन्न-भिन्न स्वाद के गानों के साथ झुमाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी……|

Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri , President Awardee Prof.Y.N.Yadav and DDC Mukesh Kumar giving momento to NDC Rajneesh Roy for the best arrangements of Singheshwar Mahotsav 2018.
Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri , President Awardee Prof.Y.N.Yadav and DDC Mukesh Kumar giving momento to NDC Rajneesh Roy for the best arrangements of Singheshwar Mahotsav 2018.

यह भी जानिये कि पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय सिंहेश्वर महोत्सव- 2018 में पटना दूरदर्शन की रूपम त्रिविक्रम एवं भागलपुर आकाशवाणी के मिलिंद गुंजन ने मधेपुरा जिला प्रशासन द्वारा आयोजित बेहतरीन व्यवस्था की सराहना करते हुए तथा अपनी खूबसूरत कला एवं मधुर आवाज का प्रदर्शन करते हुए दर्शकों को राज्यस्तरीय प्रदर्शन जैसा आनन्द अंततक देते रहे |

जहाँ स्थानीय कलाकारों में स्वर शोभिता संगीत महाविद्यालय की हेमा के निर्देशन में बच्चों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी वहीं कलामंदिर, ओंकार म्यूजिक एवं सृजन दर्पण के निर्देशक विकास कुमार के ‘डोमकच’ के प्रदर्शन पर दर्शकों ने खूब तालियाँ बजायी |

अंत में सभी कलाकारों सहित राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत तबला वादक प्रो.योगेन्द्र नारायण यादव को प्रभारी डीएम सह डीडीसी मुकेश कुमार, एनडीसी रजनीश, समाजसेवी डॉ.मधेपुरी आदि ने सिंहेश्वर नाथ की स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया | बेहतरीन कार्यक्रम संयोजन के लिए एनडीसी रजनीश राय को भी समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी व डीडीसी द्वारा प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया | इस अवसर पर डॉ.मधेपुरी ने कहा- यह पाँचवाँ महोत्सव है | सर्वप्रथम 2014 में डीएम गोपाल मीणा के कार्यकाल में आयोजित हुआ था | तब से आजतक प्रत्येक वर्ष मुझे आने का अवसर मिलता रहा परन्तु इस बार की मंचीय व्यवस्था राज्य स्तरीय मंच जैसा महसूसता रहा हूँ | इसके लिए जिला प्रशासन की जितनी सराहना की जाय वह कम ही होगी |

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त्रि-दिवसीय पाँचवें सिंहेश्वर महोत्सव का भव्य उद्घाटन !

ऋषि श्रृंग की पावन नगरी में त्रि-दिवसीय पाँचवें सिंहेश्वर महोत्सव का भव्य उद्घाटन शुक्रवार को सिंहेश्वर पशु हाट परिसर के सर्वाधिक आकर्षक मंच पर संध्या 4:00 बजे जिला प्रशासन के पदाधिकारियों एवं गणमान्यों की उपस्थिति में बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में मंत्री रहे जनसेवी विधायक नरेन्द्र नारायण यादव, जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी एवं समाजसेवी व सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के सदस्य डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्तरूप से उद्घाटन किया |

बता दें कि दूरदर्शन ऑल इंडिया रेडियो से आई एंकर रूपम त्रिविक्रम ने अपनी मधुर आवाज से कार्यक्रम का आगाज करते हुए सर्वप्रथम सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के सदस्य डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी को पाँचवें महोत्सव में उद्गार व्यक्त करने हेतु आवाज दी |

डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि शिव ऊर्जा का श्रोत है | शिवलिंग का स्वरूप परमाणु रिएक्टर की तरह होता है जिसकी ऊर्जा अनंत है | शिवलिंग जहाँ स्थापित होता है वहाँ की ऊर्जा से आस-पास का क्षेत्र सकारात्मकता से भरपूर होता है | उन्होंने कहा कि जिसे कोई स्वीकार नहीं करता उसे शिव स्वीकार लेता है | शिव के प्रेम में त्याग, तप और समर्पण भरा होता है | शिव से सीखिए- डिप्रेशन को डमरु बजाकर भगाना |

अंत में डॉ.मधेपुरी ने भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के स्कूली दिनों की चर्चा करते हुए कहा कि वे नमाज पढ़ने के बाद प्रतिदिन रामेश्वरम के शिव मंदिर की परिक्रमा किया करते थे | नटराज शिव का चित्र डॉ.कलाम इसीलिए हमेशा अपने पास रखते कि वे मिसाइल की कठिनतम समस्याओं को भी नाचते-गाते हल कर लिया करते | उन्होंने कहा कि शिव अर्धनारीश्वर है तभी तो वे नारी को शक्ति का स्रोत मानते हैं | वे देवों के देव हैं, तभी तो हर विरोधाभास को अपने अंदर समाहित कर लेते हैं |

जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी ने अपने संक्षिप्त सारगर्भित संबोधन में यही कहा कि सिंहेश्वर महोत्सव में विभिन्न संस्कृतियों की झलक आपको मिलेगी | आप शांति और भाईचारा बनाये रखिए तथा 3 दिनों तक भरपूर आनंद लीजिए |

अंत में समारोह के मुख्य आकर्षण लोकप्रिय मंत्री रहे आलमनगर के जनप्रिय विधायक नरेन्द्र नारायण यादव ने विस्तार से शिव-पार्वती परिवार की विविधताओं को संदर्भित करते हुए बाल विवाह एवं दहेज बंदी की चर्चाएं की और कहा कि इन दिनों बिहार सरकार भी इन दोनों का विरोध करते हुए उसे जड़ से उखाड़ने का प्रयास कर रही है | उन्होंने यह भी कहा कि शिव गरीबों-वंचितों के देवता हैं | हमारा देश आध्यात्मिक देश है, ऋषियों का देश है |

आरंभ में स्वर शोभिता संगीत महाविद्यालय की निदेशिका हेमलता ने बच्चियों के नृत्य व गायन द्वारा एसपी विकास कुमार, डीडीसी मुकेश कुमार, एएसपी राजेश कुमार, एसडीएम संजय कुमार निराला, उपाध्यक्ष रघुनंदन दास, स्काउट एंड गाइड के जयकृष्ण यादव सहित अतिथियों का भरपूर स्वागत किया | देर रात तक गया के कलाकारों द्वारा महाआरती, पूर्वोत्तर कलाकारों की प्रस्तुति के साथ-साथ वाई शंकर मूर्ति की मनभावन प्रस्तुति दर्शकों की तालियाँ बटोरती रही |

उद्घाटन कार्यक्रम सत्र का धन्यवाद ज्ञापन सदर एसडीएम संजय कुमार निराला ने किया – मंचासीन मान्यजनों के साथ-साथ दर्शक दीर्घा में बैठे मीडिया मेन के अतिरिक्त विभिन्न दलों के अध्यक्ष सचिव- शौकत अली, राजीव जोशी, नरेश पासवान, सत्येन्द्र सिंह, ध्यानी यादव, अशोक चौधरी आदि सहित स्थानीय बीडीओ अजीत कुमार, सीओ कृष्ण कुमार व दर्शको को भी |

चलते-चलते शिवभक्तों को यह भी बता दें कि मधेपुरा के डायनेमिक डीएम मो.सोहैल (भा.प्र.से.) ने सिंहेश्वर में 1-1 महीने का वर्ष में दो बार मेला लगाने का प्रावधान कर दिया है | एक शिवरात्रि में और दूसरा सावन के महीने में, बिल्कुल देवघर की तरह ही |

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डॉ.मधेपुरी ने कहा हमें अपने गणतंत्र पर गर्व है !

मधेपुरा के अमर स्वतंत्रता सेनानी भूपेन्द्र नारायण मंडल के नाम वाले भूपेन्द्र चौक पर प्रातः 8:00 बजे  समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने देश के शहीदों, सेनानियों एवं संविधान सभा के सदस्यों को याद किया तथा उन्हें नमन करते हुए बुद्धिजीवियों एवं स्कूली बच्चों के बीच तिरंगा लहराया | डॉ.मधेपुरी ने यही कहा कि आज सारा भारत 69वाँ गणतंत्र दिवस मना रहा है और एक-एक भारतीय को अपने गणतंत्र पर गर्व है | बस यही है अरमान…. कि हर एक के दिल-व-दिमाग में….. जिंदा रहे हिंदुस्तान !!

और बता दें कि उसी मनीषी के नाम वाले बी.एन.मंडल स्टेडियम में मधेपुरा के डायनेमिक डीएम मो.सोहैल (IAS) ने पूरी टीम के साथ 9:00 बजे स्वतंत्रता सेनानियों, ढोल-नगाड़ों से लैस स्कूली बच्चों, NCC एवं स्काउट सहित पुलिस के जवानों व गणमान्यों के बीच तिरंगे को सलामी दिया | मधेपुरा के उत्तरोत्तर विकास के लिए जनसहयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए मो.सोहैल ने कहा कि बाल-विवाह , दहेज़ एवं शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार और छात्र-छात्राओं द्वारा नकल का पूर्णत: परित्याग किये बिना यहाँ इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, आईटीआई….. आदि से लेकर विद्युत रेल इंजन फैक्ट्री निर्माण का कोई औचित्य है क्या ?

Republic Day at B.N. Mandal University, Madhepura.
Republic Day at B.N. Mandal University, Madhepura.

यह भी जानिए कि उसी समाजवादी मनीषी के नाम भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के विद्वान कुलपति प्रोफेसर डॉ.अवध किशोर राय द्वारा इस अवसर पर विश्वविद्यालय कार्यालय के समीप 69वें गणतंत्र दिवस पर तिरंगे को सलामी देते हुए संदेश स्वरूप यही कहा गया कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति करते हुए एक सबल राष्ट्र के रूप में कदम बढ़ा चुका है | डॉ.राय ने कहा कि जब हम 33 करोड़ थे तब मेरे पास घर में एक बड़ा रेडियो हुआ करता था आज जब लगभग 133 करोड़ के करीब पहूँच रहे हैं तो रेडियो और सिनेमा हॉल मूवी मेरे मुट्ठी में समा गया है……. रुपए भी ढोने से मुक्त कर दिया गया है मोबाइल ने !

Republic Day at T.P. College , Madhepura.
Republic Day at T.P. College , Madhepura.

आज सारा मधेपुरा गणतंत्र के तिरंगे के साथ लहराता रहा | टीपी कॉलेज के नवनियुक्त प्राचार्य सह सिंडिकेट सदस्य डॉ.परमानंद यादव आज इस गणतंत्र दिवस पर तिरंगे को सलामी देने के बाद समर्पण के साथ कार्य करने एवं महाविद्यालय को भारत के मानचित्र पर ले जाने का संकल्प लिया | डॉ.यादव ने सभी कुलपतियों से लेकर श्रद्धेय रतन चंद, महावीर बाबू एवं रवि बाबू सहित पूर्व के सभी प्राचार्यों के अवदानों की भी सराहना की तथा छात्रों को अपनी मेंहनत से महाविद्यालय के नाम को रोशन करने का संदेश दिया |

इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर में शहीद चुल्हाय उद्यान, शिक्षक संघ भवन, अवकाश प्राप्त शिक्षक कल्याण संघ एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ आदि स्थानों पर भी गणतंत्र दिवस ससम्मान मनाया गया | तिरंगामय हो गया संपूर्ण मधेपुरा |

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भारतरत्न डॉ.कलाम अब अंग्रेजी पाठ्यपुस्तकों में होंगे शामिल- सी.ए.बी.ई.

नई उम्मीदों एवं नये संकल्पों के इस नये साल में जीवन की चुनौतियों से सामना करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सलाह देने वाली भारत की सर्वोच्च संस्था- “केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड” यानी सी.ए.बी.ई. द्वारा सरकार को यह सुझाव दिया जा रहा है कि भारत के मिसाइल मैन महामहिम भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम की आत्मकथा ‘अग्नि की उड़ान’ के कुछ अंश को अंग्रेजी पाठ्य पुस्तकों में शामिल किये जा सकते हैं |

इस पर विचार व्यक्त करते हुए विज्ञानवेत्ता भारतरत्न डॉ.कलाम के निकटतम रह चुके डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने कहा कि अंग्रेजी में ही नहीं बल्कि हिन्दी सहित अन्य सभी क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से डॉ.कलाम के प्रखर व्यक्तित्व एवं सराहनीय कृतित्व वाली आत्मकथा को प्रारंभिक वर्गों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए | डॉ.मधेपुरी ने इसी क्रम में जानकारी दी कि भारतरत्न डॉ.कलाम पर लिखी गई उनकी पुस्तक- “छोटा लक्ष्य एक अपराध है” का सर्वाधिक अंश झारखंड सरकार ने वर्ग 6 के ‘हिंदी भाषा मंजरी’ के पाठ्यक्रम में शामिल कर बच्चों को सत्र 2017-18 से पढ़ाना भी शुरू कर दिया है |

यह भी जानिये कि केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य मो.लतीफ मकदूम एवं भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष बी.बी.कुमार ने जहाँ बैठक में चिकित्सा विज्ञान की एक ऐसी संस्था के गठन की वकालत की है जो प्राथमिक उपचार, अस्पताल प्रबंधन एवं वार्ड प्रबंधन में अल्प अवधि का सर्टिफिकेट कोर्स कराएगा वहीं डॉ.मधेपुरी राज्य के मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री से पत्र लिख-लिखकर माध्यमिक विद्यालयों के अंतिम 2 वर्षों में प्रत्येक शनिवार को फर्स्ट एड एवं माँस व नस में सूई देने की ट्रेनिंग (विशेषरुप से लड़कियों को) देने की सलाह को लागू कराने के प्रयास में लगे हैं | यदि इसे नीतीश सरकार स्वीकार कर लेती है तो साईकिल योजना एवं पोशाक योजना की तरह इस योजना को भी अन्य राज्यों में भी लागू करने का मार्ग प्रशस्त होने लगेगा और बिहार मॉडल भारत में अपना परचम लहराने लगेगा |

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शहीद चुल्हाय के खून का कुछ कर्ज चुकाया मधेपुरा ने

भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के अगस्त क्रांति के अमर शहीद चुल्हाय मंडल की 98वीं जयंती के अवसर पर उनके पैतृक गाँव मनहरा-सुखासन में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया- बिहार सरकार के पूर्व आपदा प्रबंधन मंत्री सह वर्तमान लोकप्रिय विधायक प्रो.चन्द्रशेखर ने | इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शहीद चुल्हाय ने आजादी के लिए अपनी जान तक की कुर्बानी दी जिसे हम सबों को मिलकर अक्षुण्ण रखना होगा तथा उनके सपनों का भारत बनाना होगा |

मंचासीन होने के साथ उद्घाटनकर्ता विधायक प्रो.चन्द्रशेखर, मुख्यवक्ता डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी , मुख्य अतिथि पूर्व विधान पार्षद विजय कुमार वर्मा,  विशिष्ट अतिथि डॉ.नरेश कुमार तथा अध्यक्षता कर रहे प्रो.श्यामल किशोर यादव सहित ई.प्रभाष आदि ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का सम्मिलित रूप से उद्घाटन किया |

उद्घाटनकर्ता एवं मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि शहीद चुल्हाय वसूल के पक्के आदमी थे, उन्होंने जान गवां दी लेकिन अंग्रेजों से समझौता नहीं किया | उन्होंने यह भी कहा कि गरीबों एवं दलितों की आवाज को उठाने वाले राजद सुप्रीमो लालू यादव एवं मंडल मसीहा का प्रतीक शरद यादव को नीचे दिखाने के लिए एक से बढ़कर एक षड्यंत्र किया जा रहा है | विशिष्ट अतिथि सिनेट सदस्य डॉ.नरेश कुमार ने चुल्हाय मंडल एवं शिक्षा जगत के लोक नायक कीर्ति नारायण मंडल के अवदानों की भूरि-भूरि प्रसंशा की,सराहना की |

समारोह के मुख्यवक्ता डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने विस्तृत संबोधन में यहीं से आरंभ किया कि यूँ तो मधेपुरा सामाजिक परिवर्तन की धरती रही है लेकिन आज से क्रान्तिवीर शहीदों की धरती भी कही जायेगी | उन्होंने कहा कि अगस्त क्रांति में मधेपुरा-सहरसा के कुल 9 शहीदों में केवल दो शहीदों- चुल्हाय मंडल और धीरो राय का शव उनके परिवार को नहीं उपलब्ध कराया गया |

Former Minister Prof.Chandrashekhar, Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri, Former MLC Vijay Kumar Verma , Prof.S.K.Yadav, Dr.Naresh Kumar , Er.Prabhash & others inaugurating Shahid Chulhai Pratima Anawaran Samaroh.
Former Minister Prof.Chandrashekhar, Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri, Former MLC Vijay Kumar Verma , Prof.S.K.Yadav, Dr.Naresh Kumar , Er.Prabhash & others inaugurating Shahid Chulhai Pratima Anawaran Samaroh.

आगे डॉ.मधेपुरी ने कहा कि नेपाल के ‘बकरो के टापू’ पर डॉ.लोहिया और जयप्रकाश क्रमशः ट्रांसमीटर ऑपरेटर एवं आजाद दस्ते को ट्रेनिंग देने में लगे थे | इनसे निर्देश प्राप्त कर 25 जनवरी 1943 का मनहरा गांव आये प्रखर सेनानी कमलेश्वरी प्रसाद मंडल | उन्हीं के मशविरानुसार एक धोती ओढ़े-पहने 26 जनवरी को सवेरे मधेपुरा के ट्रेजरी बिल्डिंग परिसर में पहुंच गये क्रांतिवीर शहीद चुल्हाय और ज्योंहि तिरंगा लहराते हुए ‘भारत माता की जय’ बोले कि गोरे सिपाहियों ने उन्हें दबोच लिया | पहले तो रस्सी से पैरों को छान दिया और मार-मारकर लहू-लुहान कर दिया | फिर डाकबंगला रोड होकर घसीटते हुए डाकबंगला परिसर के ऊंचे दरख्त में उन्हें उल्टा लटका दिया गया और दो दिन-दो रात तक उस कड़ाके की ठंड में बिना वस्त्र के लाठियों की वर्षा में नहाता रहा चुल्हाय | उस क्रांतिवीर चुल्हाय की नाक-आँख-कान और मुँह से खून निकलता रहा……. और वह हमेशा बन्दे मातरम……. बोलता ही रह गया | अधमरा हो जाने पर जब चुल्हाय को 29 जनवरी को जेल ले जाया जा रहा था तब रास्ते में तीन जगह उसके मुंह से खून का ‘थक्का’ गिरा……..| 30 जनवरी की रात को कदाचित वह शहीद हो गया था फिर भी इलाज  कराने के बहाने बाहर लेकर चला गया | उसकी लाश भी घरवालों को नहीं मिली | जब देश 16 अगस्त को आजादी का जश्न मना रहा था तब मधेपुरावासियों ने वहाँ-वहाँ शहीद चुल्हाय द्वार बनाकर श्रद्धांजलि निवेदित किया, जहाँ-जहाँ खून का थक्का गिरा था………| और उसके बाद से लगभग चार दशक तक वह शहीद इतिहास के पन्नों से गायब हो गया | मधेपुरा उसकी शहादत को भी भूल गया |

आगे डॉ.मधेपुरी ने इतने लम्बे अंतराल के बाद मधेपुरा जिला उद्घाटन की तिथि 9 मई 1981 को सामाजिक न्याय के पुरोधा बी.पी.मंडल के अध्यक्षीय भाषण में “शहीद चुल्हाय मंडल” का नाम पहली बार सुना और तब से इस शहीद के क्रिया-कलापों को बुद्धिजीवियों तक पहुंचाने हेतु उन्होंने कलम उठाई | भू .ना.मंडल विश्वविद्यालय में “शहीद चुल्हाय उद्यान” बनाकर एवं डाक बंगला रोड का नामकरण “शहीद चुल्हाय मार्ग” कराकर तत्कालीन कुलपति डॉ.आर.के.चौधरी एवं तत्कालीन  जिप अध्यक्षा श्रीमती मंजू देवी से उद्घाटित हो जाने के बाद ही उन्होंने चैन की सांस ली, परन्तु वे संतुष्ट नहीं हुए | डॉ.मधेपुरी की अभी भी बलवती इच्छा यही है कि शहीद चुल्हाय की भव्य प्रतिमा मधेपुरा डाक बंगला परिसर में वहाँ बने जहाँ उसके शरीर का बूंद-बूंद खून गिरा था तथा मकर संक्रांति के अवसर पर भव्य मेला उस मनहरा ग्राम में लगे जहाँ शहीद चुल्हाय ने जन्म ग्रहण किया था |

समारोह को संबोधित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रमुख रहे हैं- ई.प्रभाष, डॉ.आलोक कुमार, परमेश्वरी प्रसाद यादव, तेज नारायण यादव, आलोक कुमार मुन्ना, राज किशोर यादव, डॉ.रवि शंकर, पंकज कुमार, योगेन्द्र यादव, वीरेंद्र यादव, डॉ.राजेश रतन मुन्ना, लड्डू कुमार एवं ग्रामीण आदि |

अंत में जहाँ अध्यक्षता कर रहे प्रो.श्यामल किशोर यादव ने बच्चों से कहा- सूरज की तरह तभी चमकोगे जब सूरज की तरह जलोगे, वहीं मंच संचालन किया प्रो.जय कृष्ण यादव और डॉ.नरेश कुमार ने अतिथियों एवं गणमान्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया |

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पहले स्वयं को फिर समय को जीतें

विश्व विख्यात प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू के बैनर तले स्थानीय राजयोग सेवा केंद्र जयपालपट्टी, मधेपुरा में नववर्ष के उपलब्ध में आयोजित स्नेही श्रद्धालुओं के “स्नेह मिलन समारोह” का उद्घाटन प्रखर शिक्षाविद व समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने किया और ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी तपस्विनी रंजू दीदी ने अध्यक्षता की |

बता दें कि कार्यक्रम का श्री गणेश ॐ शांति गीत से किया गया | गीत समापन के साथ ही उपस्थित जनों ने दीदी के साथ विश्व शांति के लिए ध्यान किया एवं तत्पश्चात सम्मिलित रुप से दीप प्रज्वलित कर पूर्व प्रमुख विनय वर्धन उर्फ खोखा बाबू, विनोद कुमार, विजय वर्धन आदि द्वारा “तमसो माज्योतिर्गमय” का उद्घोष किया गया | सबों को टीका लगाकर अपने संक्षिप्त संबोधन में ब्रम्हा कुमारी रंजू दीदी ने यही कहा- बीते वर्ष में सभी प्रकार के नेकी-बदी किए गये कार्यों की विदाई करें तथा अपने अंतर्मन की स्वच्छता के लिए अपने अंदर में बच रही बुराई को भी विदा कर दें | उन्होंने नये वर्ष में बुरा काम नहीं करने का सबों को संकल्प दिलाया |

यह भी बता दें कि उद्घाटनकर्ता डॉ.मधेपुरी में पुराने और नये वर्ष के सन्धिकाल की विस्तृत चर्चा करते हुए एवं ‘समय’ के संबंध में चेतावनी देते हुए अपनी ही पंक्तियों को यूँ गुनगुनाया-

न आदि न अंत, न टूट कहीं ! न रुके न झुके, शाश्वत है गमय है !!

तेज धार बख्शे न किसी को ! सुनो बंधुओ, वही समय है !!

डॉ.मधेपुरी ने जहाँ समय को विजय कहा वहीं इसे पराजय भी बताया | समय को मित्र कहा तो उसे शत्रु भी कह सुनाया | उन्होंने कहा- “बच्चो ! जीवन-सरिता में सुख-शांति व सद्भाव का सुन्दर कमल खिलाना चाहते हो तो समय के पल-पल को सकारात्मक कर्मों से बांधो | भूल करनेवालों को समय कभी नहीं बख्शेगा |”

मौके पर ओमशांति संस्थान के उन्नयन में लगे पूर्व प्रमुख विनय वर्धन उर्फ खोखा यादव, सिल्लीगुड़ी से पधारी कुसुम मातेश्वरी, ओम प्रकाश यादव, विजय वर्धन, संजय वर्धन, बैजनाथ यादव एवं अयोध्या बाबू सहित अन्य गणमान्यों ने अपने संबोधन के दरमियान सार रूप में यही कहा कि हीरा-मोती देकर भी कोई बीता हुआ समय वापस नहीं ला सकता !

अंत में नव वर्ष पर आयोजित स्नेह-मिलन-समागम का समापन स्नेहिल सहभोज के साथ संपन्न हुआ |

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गाँधी के गाँवों में सशक्त ग्रामीण ही बदलाव ला सकता है

मधेपुरा जिला मुख्यालय के प्राथमिक विद्यालय नौलखिया वार्ड न:-1 में नागेश्वर प्रसाद की धर्मपत्नी प्रथमवती देवी की दूसरी पुण्य तिथि पर भारतीय जन लेखक संघ द्वारा “कर्मकांड और धर्मांधता” विषय पर जिला स्तरीय परिसंवाद एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया | सम्मेलन का उद्घाटन समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने फीते को कैंची से काटकर नहीं बल्कि अपने हाथ से खोलकर किया | इस दौरान डॉ.मधेपुरी ने “कैंची और सूई” के महत्व पर अपनी लम्बी काव्यकृति प्रस्तुत करते हुए विस्तार से कैंची को बांटने का प्रतीक एवं सूई को जोड़ने का प्रतीक बताया |

गाँधी के इस गाँव में माताओं-बच्चों व बड़े-बूढ़ों की भीड़ को संबोधित करते हुए डॉ.मधेपुरी ने अपने उद्घाटन भाषण में विस्तार से ‘कर्मकांड व धर्मांधता’ की व्याख्या की और कहा कि अंधविश्वास मिटाये बिना समाज का कल्याण संभव नहीं | उन्होंने कहा कि इस रूढ़िवादी परंपराओं को ढोने के चलते आर्थिक रुप से कमजोर लोग एक बड़े कर्ज में डूब जाते हैं | बच्चों को समुचित शिक्षा नहीं दे पाते हैं | विवश होकर उन्हें अपनी जमीन जायदाद तक बेचनी पड़ती है |

डॉ.मधेपुरी ने ग्रामीणों को बताया कि हिन्दू धर्म शास्त्र में मुक्ति के जो उपाय बताये गये हैं उन्हें ही कर्मकांड कहा जाता है तथा इसकी रूढ़िवादिता को ही कहा जाता है- धर्मांधता ! श्राद्धकर्म की विविधता का निरूपण करते हुए उन्होंने कहा कि राजा से लेकर गरीब लोगों के लिए भी विष्णुपुराण में पितरों के श्राद्ध करने की चर्चा है जिसमें गरीबों के लिए भी व्यवस्था की गई है | वे हथेली पर तिल के कुछ दाने रखें और जल के साथ सूर्य देव को अर्पित करें या वह भी नहीं हो तो सपरिवार गाय को चारा काटकर खिला दें तथा हाथ जोड़कर अपने पितर से कहें- यही मेरी ओर से किया गया श्राद्ध है इसे मेरी श्रद्धायुक्त प्रार्थना के साथ स्वीकार करें (विष्णुपुराण पृष्ठ संख्या- 248-49)

डॉ.मधेपुरी ने उपस्थित जनसमूह से यह भी कहा कि आडंबर में लोगों को हैसियत से अधिक धन का व्यय करना उसकी मजबूरी बन जाती है | समाज में बदलाव लाने के लिए हमें संकल्पित और संगठित होकर कर्मकांड को त्यागना पड़ेगा | बिना कर्मकांड को त्यागे समाज तरक्की के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ेगा | आप गाँठ बांध लें कि यहाँ जूता-छाता-कम्बल…… आदि दान करने से वहाँ पितर को कभी नहीं मिलता है |

अंत में जब डॉ.मधेपुरी ने नौलखियावासी नर-नारियों से कहा कि परिवार व समाज को आगे बढ़ाने के लिए ब्राह्मणवादी ढोंग यानि अंधविश्वास को खत्म करना ही होगा तो सबों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ डॉ.मधेपुरी को पुनः आने का निमंत्रण भी दे डाला | इसी दौरान उद्घाटनकर्ता डॉ.मधेपुरी ने प्रथमवती देवी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से भीषण ठंड को लेकर विकलांग और विधवा को कंबल भेंट किया |

इस कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में राष्ट्रीय महासचिव महेन्द्र नारायण पंकज, राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर, ई.हरिश्चन्द्र मंडल, डॉ.सुरेश प्रसाद यादव, डॉ.इन्द्र ना.यादव व कामेश्वर राय, पंकज कुमार, सुभाष चन्द्र प्रभाकर, गणेश मानव आदि ने सभा को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर देते रहे कि मृत्यु भोज जैसी कुरीति का सामूहिक बहिष्कार जरूरी है क्योंकि यह एक सामाजिक कोढ़ है……….!

दूसरे सत्र में सामाजिक कुरीतियों पर चोट करने वाली कविताओं का पाठ किया सुकवि उल्लास मुखर्जी, डॉ.अरुण कुमार, प्रमोद कुमार, राकेश द्विजराज, योगेंद्र प्रसाद आदि ने | सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ.इन्द्र नारायण यादव ने तथा संचालन किये गजेंद्र कुमार और मिथिलेश कुमार ने | सम्मेलन की सफलता के लिए अनीता जी, रमण जी आदि सहित सबों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए श्री रमेश यादव ने अध्यक्ष के निदेशानुसार कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की | अंत में  सुकवि सुरेंद्र स्निग्ध के आकस्मिक निधन पर 1 मिनट का मौन रखकर शोक जताया गया |

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प्राइवेट स्कूल्स एसोसियेशन ने खेलकूद प्रतियोगिता का किया आयोजन

मधेपुरा प्रखंड स्तरीय अंतर विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन श्यामल कुमार सुमित्र की अध्यक्षता में कीर्ति क्रीडा मैदान में किया गया | प्रतियोगिता का उद्घाटन शिक्षाविद समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने झंडोत्तोलन कर किया तथा खेल का आगाज डॉ.मधेपुरी, निजी विद्यालय संघ के अध्यक्ष किशोर कुमार, खेल प्रशिक्षक संत कुमार एवं कबड्डी संघ के सचिव अरुण कुमार ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया |

मौके पर उद्घाटनकर्ता डॉ.मधेपुरी ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए यही कहा कि मुट्ठी बांधने पर पांचो अंगुलियाँ देश की एकता और अखंडता का संकल्प दिलाती है जिसमें अंगूठा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को प्रतिबिंबित करता है और दूसरी अंगुली भारतीय रेल, तीसरी भारतीय सिनेमा, चौथी राजभाषा हिन्दी और पांचवी यही खेलकूद | खेल व खिलाड़ियों के बीच मजहब से लेकर जातीयता व क्षेत्रीयता के बीच की सारी दीवारें ध्वस्त हो जाती है | खेल से देश का स्वास्थ्य अच्छा होता है और स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है |

Educationist Dr.Bhupendra Madhepuri along with Private Schools Association Secretary Kishor Kumar, and Khel Guru Sant Kumar during flag hoisting at Kirti Krida Playground Madhepura.
Educationist Dr.Bhupendra Madhepuri along with Private Schools Association Adhyaksh Kishor Kumar and Khel Guru Sant Kumar during flag hoisting at Kirti Krida Playground Madhepura.

बता दें कि दार्जिलिंग पब्लिक स्कूल, डॉ.मधेपुरी मार्ग के निदेशक एवं निजी विद्यालय संघ के अध्यक्ष किशोर कुमार ने कहा भीषण ठंड के बावजूद बच्चों ने सब जूनियर, जूनियर एवं सीनियर ग्रुपों में 60 मीटर, 100 मीटर एवं 200 मीटर की दौड़ से लेकर लंबी-कूद, ऊंची-कूद आदि में बालक एवं बालिका वर्ग में अलग-अलग जोर आजमाया और हॉली क्रॉस, दार्जिलिंग पब्लिक स्कूल, तुलसी पब्लिक स्कूल, माया विद्या निकेतन, मधेपुरा पब्लिक स्कूल, साउथ पाइंट स्कूल, किरण पब्लिक स्कूल, सार्क इंटरनेशनल स्कूल, स्वामी विवेकानंद स्कूल, दमयंती शत्रुघ्न एकेडमी…….. आदि कुल 17 निजी स्कूलों के बच्चों ने 15 खेलों की प्रतियोगिता में भाग लिया | श्री किशोर ने कहा कि संघ का उद्देश्य पढ़ाई के साथ खेल भी है |

यूँ तो प्रखंड स्तरीय खेलों में हॉली क्रॉस बना ओवर ऑल चैंपियन | जहाँ हॉली क्रॉस स्कूल 94 अंक लाकर प्रथम स्थान पाया वहीं 55 अंक लाकर दार्जिलिंग पब्लिक स्कूल द्वितीय तथा 54 अंक लाकर माया विद्या निकेतन तृतीय स्थान लाया | उद्घाटनकर्ता डॉ.मधेपुरी ने इन तीनों स्कूलों के निदेशकों डॉ.वंदना कुमारी, श्री किशोर कुमार एवं श्रीमती चंद्रिका यादव को खेल के प्रति जागरुक रहने के लिए कोटि-कोटि साधुवाद दिया |

यह भी जानें कि जहाँ बालक वर्ग के कबड्डी में और शतरंज के बालक वर्ग में माया विद्या निकेतन प्रथम रहा वहीं बालक वर्ग के खो-खो में हॉली क्रॉस पब्लिक स्कूल विजेता रहा और बालिका वर्ग के खो-खो में माया विद्या निकेतन प्रथम |

देर शाम तक पारितोषिक वितरण किया उद्घाटनकर्ता डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, निजी विद्यालय संघ के अध्यक्ष किशोर कुमार, सचिव चंद्रिका यादव, निदेशिका डॉ.वंदना घोष, सचिव गजेन्द्र कुमार, निदेशिका रेखा गांगुली, निदेशक चिरामणि यादव, खेलगुरु संत कुमार, सचिव अरुण कुमार, निदेशक श्यामल कुमार सुमित्र सहित सुशील शांडिल्य, अरविंद कुमार, विजय कुमार, विलास कुमार, मुकुन्द कुमार, अनिल राज, राहुल कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, कंचन कुमार, बालमुकुन्द, मुन्ना जी एवं पंकज जी आदि |

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नशा मुक्ति दिवस पर जाग उठा जज्बाती जिला मधेपुरा !

मधेपुरा जिला मुख्यालय सहित सभी सदर प्रखंडो एवं उदाकिसुनगंज अनुमंडल के आलमनगर, चौसा, पुरैनी, बिहारीगंज, ग्वालपाड़ा व अन्य प्रखंडों में नशामुक्ति दिवस (26 नवंबर) सर्वाधिक उत्साह एवं संकल्प के साथ सवेरे से देर शाम तक यानि दिनभर संकल्पित भाव के साथ मनाया गया |

शहर के उर्दू मध्य विद्यालय, कन्या मध्य विद्यालय से लेकर टी.पी.कॉलेजिएट, SNPM, रास बिहारी, केशव कन्या उच्च माध्यमिक +2 विद्यालयों सहित अन्य सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों- कौनवेटों के छात्र-छात्राओं द्वारा बी.एन.मंडल स्टेडियम से रंगारंग ‘नशा मुक्ति दिवस’ के बैनरों एवं नारों के साथ प्रभात फेरी निकाली गई | स्कूली बच्चों ने ‘नशा मुक्ति अभियान’ में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा शहर के बी.पी.मंडल चौक, भूपेन्द्र चौक, मस्जिद चौक, थाना चौक, शिवनंदन चौक, सुभाष चौक, कर्पूरी चौक का भ्रमण करते हुए नशा के खिलाफ नारे लगा-लगाकर लोगों को जागरुक किया |

बता दें कि समाजसेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी सहित पदाधिकारियों एएसपी राजेश कुमार, एसडीएम संजय कुमार निराला, डीएसपी रहमत अली, शौकत अली, नरेश पासवान, अशोक चौधरी आदि की उपस्थिति में जिले के उच्चाधिकारी द्वय डीएम मो.सोहैल एवं एसपी विकास कुमार ने संयुक्त रुप से हरी झंडी दिखाकर स्कूली बच्चों की प्रभात फेरी को रवाना किया |

DM Md.Sohail showing green flag to the students at B.N. Mandal Stadium Madhepura.
DM Md.Sohail showing green flag to the students at B.N. Mandal Stadium Madhepura.

फिर दिन में जिला उत्पाद विभाग के अधीक्षक शैलेन्द्र मिश्रा एवं उत्पाद निरीक्षक राजू मिश्रा की देख-रेख में स्थानीय भूपेन्द्र कला भवन में ‘नशामुक्ति से संबंधित विषयों’ पर आधारित निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम-द्वितीय एवं तृतीय आये प्रतियोगियों क्रमशः निशा कुमारी- आनंद कुमार- कुशल आनंद एवं रूमा कुमारी- आनंद कुमार- मो.मौशिम जिया को डीएम मो.सोहैल एवं एसपी विकास कुमार ने पुरस्कृत किया |

यह भी जानिये कि कार्यक्रम के दौरान टीवी के जरिये जिले के वरीय पदाधिकारियों सहित शहर के गणमान्यों ने सीएम, डिप्टी सीएम एवं मुख्यसचिव आदि के सारगर्भित भाषणों को सुना और बाद में मधेपुरा के डायनेमिक डीएम मो.सोहैल (भा.प्र.से.) ने अपने संबोधन में यही कहा-

‘नशामुक्ति से समाज में अमन शांति व स्थिरता कायम होने के साथ-साथ विकास का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है | नशा मुक्ति से बहुत बड़े पैमाने पर सामाजिक बदलाव हुए हैं- शराब में खर्च होने वाली राशि अब घर-परिवार संभालने में और बच्चे-बच्चियों की शिक्षा पर खर्च होने लगे हैं, जो सूबे के लिए सुखद संकेत है…….!’

इसके अलावे एसपी विकास कुमार ने जहां यह कहा कि शराबबंदी सहित अन्य नशा पर अंकुश लगने से अब रोड दुर्घटनाओं के साथ-साथ अपराधों की दर में कमी आई है वहीं एसडीएम संजय कुमार निराला ने अपने संबोधन में यही कहा कि नशामुक्त समाज बनाने में सरकार ही नहीं आम लोगों का सहयोग भी जरूरी है | इस अवसर पर डीडीसी, एएसपी, उत्पाद अधीक्षक, डीपीआरओ सहित अन्य समाजसेवियों ने भी अपने-अपने विचार रखे |

अंत में शाम 5:00 बजे से भूपेन्द्र कला भवन मंच से कला जत्था एवं स्थानीय कलाकारों सहित नवाचार रंगमंडल के अमित अंशु, सुनीत साना सहित सभी कलाकारों द्वारा ‘बदल रहा है बिहार’ पर दी गई प्रस्तुति आरंभ से समापन तक तालियाँ बटोरती रही और डीएम, एसपी सहित सभी उच्चाधिकारियों व गणमान्यों द्वारा अंत तक कलाकारों का उत्साहवर्धन किया जाता रहा |

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बीएनएमयू के वीसी डॉ.ए.के.राय ने वो किया जो किसी ने नहीं किया

बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय के 23वें कुलपति डॉ.अवध किशोर राय द्वारा विश्वविद्यालय की रजत जयन्ती वर्ष पर…….. स्थापना काल से ही अपनी जवानी के 25 वसंतों को पतझड के हवाले करने वाले वैसे 85-86 कर्मचारियों के घर में खुशी की लहर पैदा कर दी जिसे पूर्व के कुलपतियों द्वारा नहीं किया जा सका | वर्तमान कुलपति डॉ.ए.के.राय ने जहाँ एक ओर ‘कारसेवक’ नाम से प्रसिद्धि प्राप्त इन अस्थाई कर्मियों की विधि संगत नियुक्ति कर मंडल विश्वविद्यालय के इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज कराने की हिम्मत जुटाई वहीं दूसरी ओर 25 वर्षों से रिटायर्ड शिक्षकों व कर्मियों के पेंशन बकाये वेतनादि भुगतान के निमित्त 2 महीने कबल दिन-दिनभर पानी पी-पीकर एफओ, एफए आदि को बैठाकर सारी समस्याओं के निदान हेतु ‘पेंशन अदालत’ लगाते रहे और सभी दु:खी आत्माओं से शुभाशीर्वचन पाते रहे, शुभकामनाएं बटोरते रहे |

Educationist Dr.Bhupendra Madhepuri giving a Bouquet to the Hon'ble V.C. Dr.A.K.Ray for his courageous act in favour of so called "Karsewak" to get them sitted on the permanent post.....!
Educationist Dr.Bhupendra Madhepuri giving a Bouquet to the Hon’ble V.C. Dr.A.K.Ray for his courageous act in favour of so called “Karsewak” to get them sitted on the permanent post…..!

यह भी जानिए कि मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अवध किशोर राय ने पूरी तन्मयता के साथ उच्च वर्गीय लिपिक, निम्नवर्गीय लिपिक, पुस्तकालय लिपिक, कैटलागर, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के पदों पर 86 लोगों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी करने की स्वीकृति दी | इसी के साथ स्थायीकरण हेतु धरना-प्रदर्शन, आंदोलन पर अब लगा विराम और दूर-दराज से आनेवाले छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों का अब होगा कल्याण……… कुलपति ने अपनी पहली प्राथमिकता को अमलीजामा पहनाने के बाद यही कहा-

पूरी पारदर्शिता के साथ विधि संगत ढंग से नियमानुसार चयन समिति ने अस्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति की है | जो बच गये हैं सीट रिक्त होते ही उनकी बहाली भी कर ली जायेगी- जिसकी चर्चा संचिका में कर दी गई है |

यह भी बता दें कि जहाँ एक ओर नियुक्ति की आस में कई एक तो दुनिया से चले गये, कुछ रिटायर हो गए और इसके अलावा भी कई कर्मचारी हैं जिन्हें यह सौभाग्य नहीं प्राप्त हो सका….. वहीं दूसरी ओर इस स्थायीकरण की दौर में पिता-पुत्र और पति-पत्नी ने एक साथ ज्वाइन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है | कुलसचिव कुमारेश प्रसाद सिंह द्वारा जारी अधिसूचना में जिन 86 कर्मियों की नियुक्ति की गयी है उनमें- दशरथ यादव व पुत्र शंभू यादव, मो.इरशाद व पिता मो.सईद तथा पति गौरीशंकर पोद्दार व पत्नी शांति देवी ने एक साथ चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रूप में योगदान कर विश्वविद्यालय के इतिहास में नया कीर्तिमान कायम किया है जिसकी वजह बने हैं सुलझे सोच के नेक इंसान कुलपति डॉ.ए.के.राय और इसकी जड़ में है- पूर्व में परीक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारी डॉ.राजेश्वर राय जिसकी कर्मठता से प्रभावित होकर तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे लोहिया-भूपेन्द्र-कर्पूरी के अनुयायी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी जिन्होंने एक नहीं कई बार उनकी जयंती के अवसर पर विशेषरूप से राजेश्वर राय से यही कहते सुने गये-

गिरो उठो फिर चलना सीखो |

हक की खातिर लड़ना सीखो ||

और श्रीराय ने बहाली को लेकर कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी और कभी डिगे नहीं, बल्कि सदा यही गुनगुनाते देखे जाते रहे-

भय जिसे शूल चुभ जाने का, वह फूल भला कब पाता है |

जो ज्वार देख घबड़ाता है, वह इसी पार रह जाता हैं ||

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