बिहार होगा मोदीमय या तेजस्वी का आना तय

एक करोड़ नौजवानों को प्रतिवर्ष नौकरी देने और विदेशों में पड़े काले धन को भारत लाकर प्रत्येक भारतीय के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपये देने जैसे ढेर सारे लुभावने वादों के बल पर सत्तासीन होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बार बिहार को मोदीमय बनाने का सपना पूरा होगा या फिर सत्ता पर काबिज होकर लाखों-लाख बेरोजगार नौजवानों को रोजगार के नाम पर पकौड़ा बनाकर बेचने को रोजगार बताने एवं कोरोना काल में लाखों-लाख मजदूरों के हजारों-हजार मील भूखे-प्यासे, रोते-बिलखते, आंसू बहाते और पैदल चलते एवं पटरियों पर सोते हुए परिवार को बेसहारा छोड़कर दुनिया से गुजर जाने वालों की आह के कारण तेजस्वी का आना तय होगा।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी को कदाचित इस बात का अंदेशा तो नहीं लग गया वरना वे  8 हजार करोड़ का प्लेन अपने लिए अमेरिका से क्यों मंगाते जो आकाश में उड़ते-उड़ते तेल भर लेगा और किसी भी तरह के बम और मिसाइल से उसे सुरक्षित रखेगा जिसे प्रति घंटा आकाश में उड़ने का खर्च डेढ़ करोड़ रुपये के आस-पास होता है।

चलते-चलते यह भी बता दें कि विकास प्रिय नीतीश सरकार की रीढ़ माने जाने वाले अनुभवी व सफल विद्युत मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने तो हाल ही में छिनाल राजनीतिक  व्यवहारों से उबकर इतना तक कह दिया था कि जनहित में काम करने वाली जदयू को हिम्मत के साथ अकेले चुनाव में उतरना चाहिए। ऐसे संकट की घड़ी में समाजसेवी-साहित्यकार व जदयू के वरिष्ठ नेता डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने विचार व्यक्त किया कि जदयू के रहनुमाओं को लोहिया-भूपेन्द्र-कर्पूरी जैसों का स्मरण अवश्य करना चाहिए और तब निर्णय लेना चाहिए। अब तो आने वाला समय ही लिए गए निर्णय की सच्चाई से पर्दा उठाएगा।

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