मधेपुरा की सर्वाधिक पुरानी साहित्यिक संस्थान कौशिकी क्षेत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष व पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.केके मंडल की अध्यक्षता में प्रखर साहित्यकार एवं कई पुस्तकों के रचनाकार रहे कुलपति प्रो.अमरनाथ सिन्हा के 87वर्ष की उम्र में हुए निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। शोक व्यक्त करते हुए डॉ.मंडल ने कहा कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय में प्रो.अमरनाथ सिन्हा अपने तीन वर्षों के कार्यकाल को पूरा करने के दरमियान विश्वविद्यालय को यूजीसी के 2(एफ) एवं 12(बी) से मान्यता दिलाने में महत्व भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी कहा कि प्रोफेसर सिन्हा के निधन से एक कुशल साहित्यकार, कर्मठ प्रशासक एवं शिखर समालोचक हमने खो दिया है जो साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
सम्मेलन के सचिव एवं बीएन मंडल विश्वविद्यालय में कुलानुशासक सह कुलसचिव रह चुके डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी साहित्य के स्तंभ व पूर्व कुलपति प्रोफेसर सिन्हा सरीखे मनीषी साहित्यकार के निधन से न केवल मंडल विश्वविद्यालय के लिए बल्कि संपूर्ण प्रदेश और देश के साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है जिसकी निकट भविष्य में भरपाई नहीं की जा सकती। डॉ.मधेपुरी ने यह भी कहा कि उनकी प्रकाशित पुस्तक हिंदी साहित्य एवं लोक चेतना सहित अन्य कृतियों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार व सम्मान से उन्हें सम्मानित किया जाता रहा है।
इस अवसर पर शोकोदगार व्यक्त करने वाले कवि-साहित्यकारों में प्रमुख हैं- पूर्व कुल सचिव प्रोफेसर सचिंद्र, डॉ शांति यादव, डॉ.अरुण कुमार, डॉ विनय कुमार चौधरी, डॉ.विश्वनाथ विवेका, डॉ सिद्धेश्वर कश्यप, डॉ आलोक कुमार, डॉ.रामचंद्र मंडल, प्रोफेसर मणि भूषण वर्मा, सियाराम यादव मयंक, श्यामल कुमार सुमित्र आदि