नीति आयोग: सार्थक रही ‘टीम इंडिया’ की बैठक

शनिवार को राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की। ‘टीम इंडिया’ की इस बैठक प्रधानमंत्री ने हर भारतीय को अधिकार सम्पन्न बनाने और लोगों की जिंदगी अधिक सुगम बनाने के कार्य पर जोर दिया और देश में गरीबी, बेरोजगारी, सूखा, बाढ़, प्रदूषण भ्रष्टाचार एवं हिंसा आदि के खिलाफ सामूहिक लड़ाई का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के मंत्र को पूरा करने में नीति आयोग को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने आयोग की संचालन परिषद के सभी सदस्यों से सरकार का ऐसा ढांचा तैयार करने में मदद का आह्वान किया जो कारगर हो और जिसमें लोगों का भरोसा हो। सहयोगपूर्ण संघवाद के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि देश को 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसमें राज्यों के संयुक्त प्रयास के साथ इसे हासिल किया जा सकता है। मार्च 2019 में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 2,750 अरब डालर होने का अनुमान है।

देश के विकास में निर्यात की अहमियत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिये केन्द्र तथा राज्य दोनों को निर्यात में वृद्धि की दिशा में काम करना चाहिए। पूर्वोत्तर समेत कई राज्यों में निर्यात के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं जिनका उपयोग नहीं हुआ है। संबोधन के दौरान उन्होंने कृषि में संरचनात्मक सुधारों को लेकर कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा केन्द्रीय मंत्रियों को लेकर एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित करने की घोषणा भी की।

नीति आयोग की इस महत्वपूर्ण बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव को छोड़कर लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री शामिल हुए। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह स्वास्थ्य कारणों से शामिल नहीं हो पाए जबकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जर्मनी में होने के कारण नहीं आ सके।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक में अपने संबोधन और सुझावों से सबका ध्यान खींचा। उन्होंने एक बार फिर बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की और अपनी मांग के पक्ष में तमाम जरूरी तथ्य और तर्क रखे। इसके साथ ही उन्होंने केन्द्र प्रायोजित योजनाओं, आपदा अनुग्रह अनुदान एवं किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन समेत कई मुद्दों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

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