झारखंड के सरकारी पाठ्यक्रम में शामिल की गई डॉ.मधेपुरी की पुस्तक……

झारखंड सरकार ने मधेपुरा के लेखक डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी की पुस्तक “छोटा लक्ष्य एक अपराध है” के सर्वाधिक अंश को सरकारी स्कूलों के लिए तैयार किये गये छठी कक्षा की हिन्दी किताब में डॉ.कलाम से संबंधित आलेख “प्रेरणा के बीज” के लिए चयनित किया है | इस कृत्य से डॉ.मधेपुरी सहित मधेपुरा और बिहार के समस्त साहित्कार समुदाय भी गौरवान्वित हुए हैं |

बता दें कि मधेपुरा के समाजसेवी-साहित्यकार एवं भौतिकी के विद्वान डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने तत्कालीन महामहिम राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के संग बिताये गये सर्वाधिक प्रेरक क्षणों की उपलब्धियों को राष्ट्र निर्माण करनेवाले नौनिहालों के निमित्त “छोटा लक्ष्य एक अपराध है” पुस्तक में पिरोने का काम किया तो सरकारी स्तर पर सबसे पहले झारखंड सरकार ने इस पुस्तक के सर्वाधिक अंशो को छठी कक्षा के बच्चों के लिए पाठ्यक्रम में डालकर पढ़ाना भी शुरू कर दिया | जानिये कि डॉ.मधेपुरी द्वारा इस प्रेरक पुस्तक सहित आधे दर्जन पुस्तकों की रचना हिन्दी में की गई है |

यह भी जानिये कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों के बच्चों द्वारा चाचा कलाम से पूछे गये सवाल और भारतरत्न डॉ.कलाम द्वारा दिये गये जवाब का सारगर्भित संकलन है- यह पुस्तक “छोटा लक्ष्य एक अपराध है” | इस पुस्तक के अब तक सात संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं |

बता दें कि लगभग एक दशक से भारत के सभी राज्यों के बड़े-बड़े स्टेशनों पर अवस्थित ए.एच.व्हीलर की दुकानों में यह पुस्तक निरंतर बिकती रही है और देती रही है डॉ.मधेपुरी को शोहरत के साथ-साथ उच्च कोटि की साहित्यिक पहचान भी | क्योंकि, प्रभात खबर अखबार को डॉ.मधेपुरी ने बताया कि इस पुस्तक के माध्यम से वे देश के विभिन्न हिस्सों के बुद्धिजीवियों एवं साहित्यकारों से वर्षों से जुड़े हैं जो प्रतिवर्ष उनके जन्मदिन पर बधाई देना प्रायः नहीं भूलते !

यूँ तो इस पुस्तक में एक से एक उमदा प्रश्न पूछे गये हैं और डॉ.कलाम द्वारा दिया गया जवाब भी हृदय को छू लेने वाला है | कोई एक प्रश्न, यह कि- आपको जिंदगी में सबसे अधिक दुख किस बात की है ? के जवाब में डॉ.कलाम ने यही कहा कि- जिस समय मुझे भारतरत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान महामहिम राष्ट्रपति डॉ.के.आर.नारायणन द्वारा दिया जा रहा था उस समय मेरे माता, पिता और गुरुओं में से कोई नहीं थे…….| दूसरा एक प्रश्न- यह कि यदि ईश्वर आपको एक वरदान देना चाहें तो आप क्या मांगेंगे- का जवाब उन्होंने दिया- हे ईश्वर ! भारत को विकसित राष्ट्र बना दो……..!

साभार – प्रभात खबर

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