मधेपुरा से मंगल सानिध्य रखने वाले गणितज्ञ डॉ.वशिष्ठ नारायण सिंह को मरणोपरांत मिला पद्मश्री सम्मान

गणितज्ञ प्रो.(डॉ.)वशिष्ठ नारायण सिंह का मंगल सानिध्य मधेपुरा से रहा है। जहां उन्होंने मधेपुरा के भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में योगदान दिया था, वहीं पटना के साइंस कॉलेज में मधेपुरा निवासी समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी से एक क्लास आगे पढ़ते थे।

जानिए कि वर्ष 1962 में जब डॉ.वशिष्ठ नारायण नेतरहाट से हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण होकर बी.एस-सी पार्ट वन के छात्र हुआ करते थे तब डॉ.मधेपुरी पटना साइंस कॉलेज में प्री-साइंस के छात्र हुआ करते थे।

बता दें कि गणितज्ञ रामानुजन कहलाने वाले एकमात्र छात्र वशिष्ठ के लिए कुलपति डॉ.जॉर्ज जैकब एवं पटना साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ.नासु नागेंद्र नाथ ने बी.एस-सी गणित की परीक्षा लेकर उन्हें कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी भेज दिया, जहां उन्होंने गणितज्ञ डॉ.केली के सानिध्य में रहकर काम किया।

यह भी कि जब 1973 में वैवाहिक बंधन में बंधे तो अचानक दुनिया भैंचक हो गई यह जानकर कि गणितज्ञ वशिष्ठ रांची मेंटल हॉस्पिटल में इलाजरत हैं। जब गणित की दुनिया का वह चमकता सितारा गुमनामी की जिंदगी जीने को विवश हो गया तब मधेपुरा वकालत खाना में डॉ.मधेपुरी ने लोक अभियोजक शिवनेश्वरी प्रसाद की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाकर उस महान गणितज्ञ को आर्थिक मदद करने का निर्णय लिया। परंतु, एक दिन बाद कर्पूरी सरकार ने घोषणा कर दी कि डाॅ.वशिष्ठ नारायण का सारा खर्च सरकार वहन करेगी।

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