तेज रफ्तार के कारण पहली बार कई राज्यों में घायलों से अधिक मृतकों की संख्या

भारत में तेज रफ्तार वाहनों की वजह से पिछले साल हुए सड़क हादसों में 7 5 हजार 333 लोगों की मौत हो गई और 2 लाख 9 हज़ार 727 सड़क यात्री घायल हुए। सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 3 लाख 54 हजार सड़क हादसे हुए और इनमें से लगभग 60% केवल तेज रफ्तार के कारण हुए। लोगों को अपनी जान देकर इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी।

बता दें कि प्रतिवर्ष सड़क हादसों में घायलों की संख्या अधिक और मरने वालों की कम होती रही है। परंतु पहली बार भारत के 3 राज्यों में घायलों से ज्यादा मृतकों की संख्या रही है-

1. उत्तर प्रदेश में कुल सड़क हादसों 28 हजार 653 हुए जिनमें 19 हजार 37 लोगों की मौत हुई और 15 हजार 982 लोग घायल हुए।

2. पंजाब में कुल सड़क हादसे 5 हजार 173 हुए जिनमें 3 हजार 916 लोगों की मृत्यु हुई और 2 हजार 881 लोग जख्मी हुए।

3. मिजोरम में 47 सड़क हादसों में 53 लोगों की मृत्यु हुई और मात्र 45 लोग घायल हुए।

चलते-चलते समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने विशेष रूप से युवजनों से कहा- If you are married, divorce speed.

 

 

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इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर बढ़ रहा मिथिलांचल का दरभंगा एयरपोर्ट

अब तक 1 वर्ष में लगभग 4 लाख 60 हजार यात्रियों ने दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई यात्राएं की है। विगत साल की 8 नवंबर से दरभंगा एयरपोर्ट से विमान सेवा शुरू हुई। मात्र 11 महीने में देश के 63 हवाई अड्डों में दरभंगा नंबर वन पर पहुंच गया। मिथिलांचल के लोगों के लिए बड़ी सुविधाएं और कारोबार को भी मिली नई उड़ान।

जानिए कि जोनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत देश में दरभंगा सहित 63 शहरों में एयरपोर्ट खोला गया था। जिनमें यात्रियों की आमद के मुताबिक नंबर वन पर दरभंगा एयरपोर्ट जा रहा है। इस एयरपोर्ट पर रोज 2000 से 2200 यात्री आते-जाते हैं। ये नेपाल सहित बिहार के 18 जिलों के होते हैं।

चलते-चलते यह भी कि यहां पर 20 विमानों लैंड व टेकऑफ की अनुमति प्राप्त है। कारोबार में बढ़ोतरी हुई है। इस बार 36 टन शाही लीची का स्वाद मुंबई,

बेंगलूर और हैदराबाद के लोगों ने चखा है। अगले साल से दरभंगा की शान मछली, पान और मखान देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने की योजना है। समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि जिस दरभंगा को अंग्रेजी हुकूमत (1930-40) में हवाई अड्डा, रनवे और चार जहाज था, उस दरभंगा एयरपोर्ट के लिए मैं भारत सरकार से मांग करता हूं कि आने वाले दिनों में इस एयरपोर्ट का नाम “विद्यापति इंटरनेशनल एयरपोर्ट” रखकर इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। तत्काल यहां पर नाइट लैंडिंग की सुविधा मुहैया कराई जाए।

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एक निजी कार्यक्रम में डॉ.मधेपुरी के निवास ‘वृंदावन’ पधारे थे कला संस्कृति मंत्री डॉ.आलोक रंजन

नीतीश सरकार की कला, संस्कृति एवं युवा मामले के मंत्री डॉ.आलोक रंजन अपने चाचाश्री प्रो.(डॉ.)विनय कुमार चौधरी के साथ मधेपुरा के समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.) भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी से शुभाशीष ग्रहण करने उनके ‘वृंदावन’ निवास पर पधारे थे। खेल मंत्री के रूप में लोकप्रिय डॉ.आलोक रंजन के साथ चाचाश्री प्रो.(डॉ.)विनय कुमार चौधरी सर्वप्रथम पूर्व निर्धारित निजी कार्यक्रम के अनुसार ‘वृंदावन हॉस्पिटल’ में रुके, जहां सर्जन डॉ.वरुण कुमार ने अतिथि सत्कार किया और सबों ने डॉ.मधेपुरी से शुभाशीष ग्रहण किया।

Samajsevi Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri, Minister Dr.Alok Ranjan, Dr.Vinay Kumar Choudhary and Surgeon Dr.Barun Kumar at Vrindavan Hospital.
Samajsevi Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri, Cabinet Minister Dr.Alok Ranjan, Dr.Binay Kumar Choudhary and Surgeon Dr.Barun Kumar at Vrindavan Hospital, Madhepura .

बता दें कि अतिथि द्वय डॉ.मधेपुरी के वृंदावन निवास पर घंटों समय बिताये। डॉ.मधेपुरी ने भी अतिथि देवो भव की मर्यादा का पालन करते हुए उस दरमियान गांधीयन मिसाइलमैन में डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम, स्वतंत्रता सेनानी रासबिहारी लाल मंडल, शिवनंदन प्रसाद मंडल, भूपेन्द्र नारायण मंडल, डॉ.जगन्नाथ मिश्र, मदर टेरेसा, अरुण तिवारी…. आदि की रोचक चर्चाएं की। कोसी में खेल एवं खिलाड़ियों की समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

Minister Dr.Alok Ranjan, Samajsevi Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri, Principal Dr.Binay Kumar Choudhary, Arun Kumar, Rahul Yadav and others at Dr.Madhepuri's residence Vrindavan during Minister Dr.Alok Ranjan visit.
Minister Dr.Alok Ranjan, Samajsevi Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri, Principal Dr.Binay Kumar Choudhary, Arun Kumar, Rahul Yadav and others at Dr.Madhepuri’s residence Vrindavan during Minister Dr.Alok Ranjan’s visit.

खेल मंत्री का काफिला वृंदावन से निकलने ही वाला था कि जिला कबड्डी संघ के सचिव अरुण कुमार, कोषाध्यक्ष गुलशन कुमार एवं माया के अध्यक्ष राहुल यादव सहित गौरी शंकर कुमार, रुपेश कुमार, रत्नेश कुमार, एहसान कुमार आदि ने मंत्री जी का स्वागत सम्मान करने के दरमियान साॅल व स्मृति चिन्ह भेंट किया। सचिव द्वारा खिलाड़ियों की समस्याओं से मंत्री महोदय को अवगत कराया गया। जिला कबड्डी संघ के संरक्षक डॉ.मधेपुरी ने कोसी अंचल में एक खेल महाविद्यालय की मांग की जिससे खिलाड़ियों की समस्याएं दूर होंगी। कला संस्कृति एवं खेल मंत्री डॉ.आलोक रंजन ने आश्वासन देते हुए कहा कि समस्याओं के निराकरण होने से खिलाड़ियों की प्रतिभा में और अधिक निखार आएगी।

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राष्ट्रपति करेंगे नीरज चोपड़ा सहित अन्य 11 खिलाड़ियों को ‘खेलरत्न’ से पुरस्कृत

जानिए कि भारतीय खेल इतिहास में पहली बार विभिन्न विधाओं के 11 खिलाड़ियों को ‘खेलरत्न’ सरीखे देश के सर्वोच्च खेल सम्मान से 29 अक्टूबर को सम्मानित करेंगे महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद। टोक्यो ओलंपिक के जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा सहित 11 जिन खिलाड़ियों को ध्यान चंद खेल रत्न से सम्मानित किए जाएंगे, वे हैं- रवि दहिया (कुश्ती) पीआर श्रीजेश (हाॅकी), लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाजी), अवनी लेखरा (निशानेबाजी), मनीष नरवाल (निशानेबाजी), सुमित अंतिल (भाला फेंक), प्रमोद भगत (बैडमिंटन), कृष्णा नागर (बैडमिंटन), मिताली राज (क्रिकेट) एवं सुनील छेत्री (फुटबॉल)।

बता दें कि समिति ने अर्जुन पुरस्कार के लिए 35 खिलाड़ियों का चयन किया है, जिसमें हैं- शिखर धवन (क्रिकेटर), भाविना पटेल (पैरा टेबल टेनिस), सुहास यतीराज (पैरा बैडमिंटन), निषाद कुमार (ऊंची कूद) सहित टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हाॅकी पुरुष टीम के सभी सदस्यगण जिन्हें अर्जुन पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा। वहीं कोच के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार हेतु चयनित तीन नाम हैं- राधाकृष्ण नायर, टीपी ओसेफ एवं संदीप सांगवान।

चलते-चलते यह भी कि हर वर्ष 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस (खेल दिवस) पर यह पुरस्कार दिया जाता था, परंतु इस बार टोक्यो ओलंपिक एवं पैरालंपिक खेल जुलाई-अगस्त में होने की वजह से इस कार्यक्रम के आयोजन में विलंब हो गया। याद कर लें सुनील छेत्री के रूप में पहली बार किसी फुटबॉलर को मिलेगा ‘खेल रत्न’ सरीखे सम्मान।

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स्वतंत्र भारत का पहला चुनाव, आज भी जीवित है देश का प्रथम मतदाता 105 वर्षीय श्याम सरन नेगी

यह अक्टूबर का महीना है। इसी महीने में 70 वर्ष पूर्व आजाद भारत का प्रथम चुनाव हुआ था। स्वतंत्र भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त थे आईसीएस सुकुमार सेन, जिन्होंने 1951-52 और 1957 का चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराया था। पहले चुनाव ने देश को बहुत कुछ दिखाया, सिखाया और साबित भी किया।

बता दें कि सर्वप्रथम इसी अक्टूबर महीने की 25 तारीख को 1951 की सुबह आजाद भारत में मतदान की शुरुआत हुई थी। हिमाचल प्रदेश अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने वाला पहला राज्य बना था, क्योंकि सर्द मौसम को देखते हुए यह फैसला लिया गया था। तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ने 68 चरणों में चुनाव की योजनाएं बनाई थी।

1st voter of 1st general election Shri Shyam Sharan Negi after casting his vote in 2019 general election.
1st voter of 1st general election Shri Shyam Sharan Negi after casting his vote in 2019 general election.

जानिए कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा गांव निवासी स्कूल टीचर श्याम शरण नेगी को अपने गांव से अलग प्रशासन द्वारा मतदान केंद्र प्रभारी बनाया गया था। नेगी एक वोट के मूल्य को समझते थे। वे मतदान शुरू होने से 1 घंटे पहले यानि सुबह 6:00 बजे ही अपने गांव के प्राथमिक विद्यालय के मतदान केंद्र पर पहुंच गए। वहां उन्होंने अधिकारियों को अपनी स्थिति के बारे में बताया। तैनात अधिकारी ने उन्हें 6:30 बजे मतपत्र दिया और नेगी पहले मतदाता बन गए। फिर भागते हुए सुबह 7:15 बजे अपने बूथ की कमान संभालने पहुंच गए।

उन दिनों अक्टूबर 1951 से फरवरी 1952 तक यानि 4 महीनों में प्रथम चुनाव संपन्न हुआ था। तब देश में साक्षरता की भारी कमी थी। दो दिग्गज आचार्य जेबी कृपलानी फैजाबाद (यूपी) से एवं बाबा साहब अंबेडकर मुंबई नॉर्थ से चुनाव हार गए थे। वर्ष 1953 में आचार्य कृपलानी मधेपुरा से संसदीय उपचुनाव जीतकर मधेपुरा का प्रतिनिधित्व किए थे। मनीषी भूपेन्द्र नारायण मंडल एवं लोक नायक जेपी ने कृपलानी जी को मधेपुरा से चुनाव लड़ने की पहल की थी।

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रजनीकांत को मिला दादा साहब फाल्के पुरस्कार और कंगना सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री

दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। सुपरस्टार रजनीकांत को फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान 51वां दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सम्मानित किया। रजनीकांत ने यह पुरस्कार अपने गुरु व मार्गदर्शक के बालचंद्र को समर्पित किया। उन्होंने इस सम्मान के लिए अपने प्रिय दर्शकों के अलावे पिता तुल्य बड़े भाई सत्य नारायण राव एवं परिवहन विभाग के सहकर्मी राजबहादुर के प्रति आभार जताया है।

बता दें कि अभिनेत्री कंगना रनौत को फिल्म मणिकर्णिका, झांसी की रानी एवं पंगा में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उपराष्ट्रपति ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया। उन्होंने तमिल फिल्म असुरन के लिए भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अभिनेता धनुष को दिया।

चलते-चलते यह भी कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने भारतीय सिनेमा में रजनीकांत के शानदार योगदान की सराहना की और इस सर्वश्रेष्ठ सम्मान के लिए भारत के नागरिकों को अपनी ओर से बधाई भी दी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रजनीकांत को तमिल फिल्म उद्योग का सूरज कहा है। मौके पर रजनीकांत को फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने उनके अनुकरणीय व्यवहारों एवं देश के युवाओं को प्रेरित करने वाले जज्बे को सलाम किया है।

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प्लास्टिक व थर्मोकोल के उपयोग पर 15 दिसंबर से रोक, पकड़े जाने वालों को एक लाख तक जुर्माना…

पिछले दिनों प्लास्टिक पर रोक को लेकर बाजार में धड़-पकड़ और आर्थिक दंड की वसूली जारी रही। लोगों में दहशत इस कदर व्याप्त हुआ कि लोग हाथों में झोला लेकर सब्जी मार्केट में जाते हुए दिखने लगे, परंतु कुछ ही दिनों के बाद पुनः प्लास्टिक पूर्व की स्थिति में आ गया। थर्मोकोल का उपयोग भी बेरोक-टोक चल रहा है जिसके उपयोग से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को उत्पन्न होती है।

बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक एवं थर्मोकोल के उपयोग को बड़े-बड़े डॉक्टर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताए हैं। उनके उपयोग को जानलेवा बताए हैं। थर्मोकोल में गर्म खाना रखते ही थर्मोकोल के केमिकल पेट में जाकर कैंसर जैसी बीमारी जन्म देता है।

जानिए कि प्लास्टिक और थर्मोकोल पर प्रतिबंध को लेकर कई विभागों द्वारा जागरूकता रैलियां निकाली जा रही हैं। आगे 14 दिसंबर 2021 तक प्लास्टिक एवं थर्मोकोल से बनी सामग्रियों का निर्माण एवं भंडारण खत्म करने की सरकारी घोषणा कर दी गई है।

याद कर लें- 15 दिसंबर से सिंगल यूज प्लास्टिक एवं थर्मोकोल पर लगाए गए प्रतिबंधों को नहीं मानने वाले नर-नारियों से 1 लाख तक का जुर्माना या 5 साल की सजा या फिर दोनों दंड एक साथ दिए जाएंगे।

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बोले सीएम नीतीश- दिवाली और छठ के दौरान कोरोना को लेकर रहें सतर्क सभी

सूबे के सीएम नीतीश कुमार ने अपने अधिकारियों को कोरोना को लेकर दीपावली और छठ महापर्व के दौरान सतर्क रहने को कहा है। सीएम ने 28 अक्टूबर और 7 नवंबर को कोरोना टीकाकरण को लेकर सूबे बिहार में विशेष अभियान की संपूर्ण तैयारी रखने के निर्देश दिए।

बता दें कि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इन पर्वों में देश के अन्य राज्यों में रह रहे बिहार वासी बड़ी संख्या में घर आते हैं, उनकी कोरोना जाँच अवश्य कराएं। यदि उनका टीकाकरण नहीं हो सका है तो उन्हें टीका दिलाएं। सीएम ने हिदायत दी की रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड एवं चेकप्वाइंट पर बाहर से आने वालों पर विशेष नजर रखें तथा इन जगहों पर कोरोना जाँच एवं टीकाकरण की व्यवस्था रखें। सभी लोगों को जब कोरोना का टीका लग जाएगा तो यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।

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अब चांद पर दौड़ेगी इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल

चंद्रमा पर सर्वप्रथम कदम रखने वाला पहला व्यक्ति था आर्मस्ट्रांग। अपोलो-11 ही वह अभियान था जो वर्ष 1969 के 20 जुलाई को पहली बार चंद्रमा पर तीन मानव (आर्मस्ट्रांग, एलड्रीन एवं कॉलिन्स) के साथ उतरा था। टीम कमांडर नील आर्मस्ट्रांग थे जिन्होंने सर्वप्रथम चांद पर पैर रखा था। दूसरे व्यक्ति बने एलड्रीन जो चांद पर कदम रखे। तीसरे कॉलिन्स तो मुख्य यान में बैठे-बैठे चांद के चक्कर ही लगाते रहे। जानिए कि आर्मस्ट्रांग के अलावा 11 एस्ट्रोनॉट हैं जिन्होंने चांद की जमीन को छुआ है। वर्ष 1984 में मात्र 2 भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने- राकेश शर्मा और कल्पना चावला। चांद पर अब तक किसी भारतीय ने कदम नहीं रखा है।

अब चांद पर जर्मनी की बनी हुई इलेक्ट्रिक मोटर साइकिल दौड़ेगी। जानिए कि जर्मनी की ऑटो डिजाइन कंपनी हूकी के निकोवोन हूकी ने ऐसी इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल डिजाइन भी की है, जिसे चांद की सतह पर अंतरिक्ष यात्री चला सकेंगे। अंतरिक्ष यात्री इस टर्डी ग्रेड की बाइक से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चांद पर यात्रा कर सकेंगे।

चलते-चलते यह भी कि 50 साल पहले अमेरिका में नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर कदम रख कर इतिहास रचा था और अब जर्मनी के निकोवोन हूकी की मोटरसाइकिल चांद पर चलकर मील का पत्थर साबित होगा।

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बिहार 2047 तक अग्रणी राज्य बनेगा- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक बिहार ह्यूमन डेवलपमेंट के पैमाने पर एक अग्रणी राज्य बनेगा। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि विधायकगण बिहार को सुसंस्कारित, सुशिक्षित और सुरक्षित प्रदेश बनाएं।

बता दें कि इस अवसर पर गुरुवार को बिहार विधानसभा परिसर में शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया महामहिम ने। साथ ही उन्होंने उसी परिसर में बौधि वृक्ष के शिशु पौध भी लगाए। प्रसन्नता व्यक्त करते हुए महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष का यह समारोह लोकतंत्र का उत्सव है। साथ ही यह भी कहा कि बिहार की मृदुता ही भारत की मूल भावना है। महामहिम यह भी बोले कि बिहार में सुशासन है और बार-बार बिहार आना मेरा सौभाग्य !

इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि सदन में विमर्श को सार्थक बनाने पर सदैव विचार किया जाना चाहिए। बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से लोकतंत्र की जड़ें और अधिक मजबूत होंगी। बेहतर बिहार बनाने वाले संकल्पी एवं विकासप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित मंचासीन अन्य माननीय ने बिहार की स्मिता की लड़ाई लड़ने वाले डॉ.सच्चिदानंद सिन्हा, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, मजहरूल हक, लोकनायक जेपी….. श्री बाबू, अनुग्रह बाबू, कर्पूरी ठाकुर आदि का स्मरण करते हुए महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बेहतरीन संबोधन की भरपूर सराहना की। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विधानसभा शताब्दी स्तंभ और बौधि वृक्ष आनेवाली पीढ़ियों को इतिहास से रू-ब-रू कराएगी जो हमारे गौरवशाली अतीत का प्रतीक बनेगा।

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