नए डीएम को मधेपुरा के इतिहास-भूगोल से अवगत कराया डॉ.मधेपुरी ने

जिलाधिकारी तरनजोत सिंह (भाप्रसे) से शनिवार को मिलकर प्रसिद्ध समाजसेवी-शिक्षाविद प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने नव पदस्थापित डीएम को मधेपुरा का परिचय कराते हुए क्रांतिवीर “रासबिहारी लाल मंडलः पराधीन भारत में स्वाधीन सोच” वाली स्वलिखित पुस्तक भेंट की। डॉ.मधेपुरी ने नए डीएम को मधेपुरा का संक्षिप्त इतिहास बताते हुए कहा कि ब्रिटिश हुकूमत में बंगाल प्रेसीडेंसी के तत्कालीन भागलपुर जिला अंतर्गत 1845 ईस्वी. में मधेपुरा को अनुमंडल का दर्जा दिया गया था। तब से 25 वर्षों तक सुपौल और सहरसा मधेपुरा अनुमंडल के प्रशासनिक क्षेत्र अंतर्गत ही रहा। वर्ष 1870 में सुपौल और 1954 में सहरसा को अनुमंडल बनने का अवसर मिला। बावजूद इसके सहरसा और सुपौल में वर्षों पूर्व से केंद्रीय विद्यालय कार्यरत है,  परंतु मधेपुरा को अब तक केंद्रीय विद्यालय नहीं है।

मधेपुरा जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज के एथिकल कमिटी के अध्यक्ष होने के नाते डॉ.मधेपुरी ने डीएम से यह भी कहा कि वहां पर जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज एवं बीएनएमयू नॉर्थ कैंपस में हजारों-हजार छात्र-छात्राएं एवं मरीज व उनके परिजनों की अहर्निश भीड़ लगी रहती है। वहां एक पुलिस चौकी होने की सहमति हेतु डीएम ने हामी भरी। इसके अलावे डॉ.मधेपुरी ने युवाओं के लिए बीएन मंडल स्टेडियम में मिट्टी भरने से लेकर पानी निकासी व दो अतिरिक्त हाई मास्ट लाइट हेतु तथा बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण हेतु विस्तार से चर्चाएं की।

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