कौशिकी क्षेत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन संस्थान कोसी क्षेत्र में आजादी के बाद से ही साहित्यिक रोशनी बिखेरती आ रही है। संस्थापक अध्यक्ष युगल शास्त्री प्रेम की एक खंड काव्य “साधना” प्रयाग विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाती थी। बाद के अध्यक्ष हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ की पुस्तक “अंग लिपि का इतिहास” तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर में पढ़ाई जाती है। संस्थान के वर्तमान सचिव डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी की पुस्तक “छोटा लक्ष्य एक अपराध है” को झारखंड सरकार द्वारा छठे वर्ग में ‘प्रेरणा के बीच’ नाम से पढ़ाई जाती है। कोसी के उसी संस्थान कौशिकी द्वारा 14 सितंबर यानी हिंदी दिवस- 2024 को स्थानीय दो प्रखर साहित्यकारों प्रो.मणि भूषण वर्मा जिनकी चार पुस्तकें- सृष्टि का श्रृंगार, सुबह की प्रतीक्षा, धुएं के देश में और पीड़ा से भरी प्रार्थना जैसी धारदार रचनाएं क्रमशः महाकाव्य, खंडकाव्य, मुक्तक और जीत के रूप में शुमार की जाती है। वहीं सेवानिवृत प्रधानाध्यापक सियाराम यादव मयंक विशुद्ध गजलकार हैं, की गजल की चार पुस्तकें- मोहब्बत के चिराग, गुले-चमन आदि प्रकाशित हो चुकी हैं। वे अब तक विभिन्न राज्यों के 75 से अधिक मंचों पर सम्मानित हो चुके हैं। जिनमें डॉक्टर अंबेडकर फैलोशिप सम्मान, नई दिल्ली से लेकर हिंदी साहित्य के विश्वाकाश में चमकते सूर्य सम्मान- 2024 (मध्य प्रदेश) भी शामिल है। इन दोनों साहित्यकारों का सारस्वत सम्मान अध्यक्ष प्रो.(डॉ.) केके मंडल पूर्व प्रतिकुलपति, टीएमबीयू द्वारा किया जाएगा। यह जानकारी सम्मेलन के सचिव डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने दी।