अब बिना नाम लिए वेल में आने वाले सांसद स्वतः होंगे निष्कासित

अगली लोकसभा में अब सांसदों द्वारा वेल में आकर हंगामा नहीं होगा। अभी लोकसभा में स्पीकर, वेल के अंदर खड़े, जिस सांसद का नाम लेती हैं उसी का निष्कासन होता है।
बता दें कि शीत सत्र में लगातार हंगामे होते रहे। स्पीकर सुमित्रा महाजन सर्वाधिक सख्त दिखती रही। नियम समिति के सदस्यों के साथ संवाद करती रही…… बैठक बुलाकर कवायद भी की। चर्चा के दरमियान…. छत्तीसगढ़ विधानसभा में वेल में आनेवाले विधायकों के 5 दिन के निष्कासन का फार्मूला ‘ बना मॉडल….. क्योंकि पक्ष या विपक्ष के संसद सदस्यों के नारों के साथ तख्तियां लहराकर लोकसभा की कार्यवाही ठप करनेवाले सांसदों से सुमित्रा महाजन बेहद खफा रही।
जानिए कि यदि सुमित्रा महाजन की कोशिश कामयाब हुई तो 17वीं लोकसभा में विपक्ष हंगामा तो कर सकता है परंतु सदन की कार्यवाही ठप कराने की कोशिश बंद हो जाएगी। ऐसे सांसद सदन की कार्यवाही से स्वतः निर्धारित समय सीमा के लिए निष्कासित हो जाएंगे तथा कार्यवाही सुचारू रूप से चल पायेगी।
यह भी बता दें कि इस बाबत स्पीकर की अगवाई में लोकसभा की 15 सदस्यीय नियम समिति की बैठक हुई जिसमें नियमों में बदलाव का ड्राफ्ट बनाने हेतु स्पीकर को ही अधिकृत कर दिया गया है। बैठक में छत्तीसगढ़ के फार्मूला पर जमकर चर्चा हुई….. तथा सदस्यों ने यही कहा कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है जिसके फलस्वरूप यह आरोप भी नहीं लगेगा कि सत्तापक्ष जान-बूझकर अपने हितार्थ ऐसा कर रहा है।

 

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