MULAYAM SINGH YADAV is thinking about Bihar Election 2015

तो क्या मुलायम करेंगे बिहार में ‘थर्ड फ्रंट’ की अगुआई..!

‘जनता परिवार’ एक बार फिर बनते-बनते टूट गया। इस बार तो इसके मुखिया ही नाता तोड़ गए। एनसीपी के बाद सपा भी ‘महागठबंधन’ में ‘अपमान’ नहीं सह पाई और कल इसके महासचिव रामगोपाल यादव ने बिहार में अकेले दम चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। आज के हालात में जो सपा अपने बूते बिहार में शायद एक भी सीट ना जीत पाए उसमें अचानक इतना ‘आत्मसम्मान’ जागा तो कैसे..? क्या पिछले दिनों की मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने मुलायम से महागठबंधन को लेकर ज्यादा ‘मुलायम’ ना होने का मंत्र दिया..? या फिर भाजपा की यूपी विजय के रणनीतिकार अमित शाह से मिलकर रामगोपाल यादव ने ‘बिहार विजय’ का कोई फार्मूला पा लिया..?

जो भी हो, अब बिहार के ‘महागठबंधन’ में जदयू, राजद और कांग्रेस का ही ‘बंधन’ शेष बचा है। वामदल पहले ही अलग-थलग हैं। तो क्या अब मुलायम बिहार में किसी ‘थर्ड फ्रंट’ की सम्भावना पर काम कर रहे हैं..? देखा जाय तो सैद्धांतिक तौर पर सपा, एनसीपी और वामदलों का कोई खास मतभेद भी नहीं है और इन बेसहारों को किसी ‘सहारे’ की सख्त़ जरूरत भी है। ऐसे में ये तीनों मिलकर चुनाव लड़ें तो कोई आश्चर्य की बात भी नहीं होनी चाहिए। और तो और पप्पू यादव की जनअधिकार पार्टी भी देर-सबेर इस संभावित फ्रंट का हिस्सा हो सकती है। मुलायम और उनकी पार्टी से पप्पू का पुराना ‘प्रेम’ रहा है और ‘जरूरत’ में प्रेम जगने-जगाने का उनका पुराना इतिहास भी है।

बहरहाल, इन सारे प्रकरणों से अभी मजे में कोई पार्टी है तो वो है भाजपा। सपा, एनसीपी, वामदल या पप्पू की जनअधिकार पार्टी – ये सभी अकेले-अकेले लड़ें तो और मिल जायें तो – सेंधमारी हर हाल में महागठबंधन के वोट बैंक में ही करेंगे। फायदा हर हाल में भाजपा को ही होता दिख रहा है। इधर ओवैसी ने भी बिहार में चहलकदमी शुरू कर दी है और उनकी सक्रियता से भी भाजपा की ही सेहत सुधरेगी।

हालांकि, सपा की घोषणा के बाद शरद यादव मुलायम से मिल आए हैं और लालू भी अपने रूठे समधी को मना लेने का दावा कर रहे हैं, लेकिन ये इतना आसान नहीं। रिश्तेदारी एक चीज है और राजनीति दूसरी। राजनीति में रिश्ते ‘अचानक’ बनते हैं और उससे भी ज्यादा ‘अचानक’ टूट जाते हैं। इस ‘अचानक’ की व्याख्या आज तक नहीं की जा सकी है और तब तो हरगिज नहीं की जा सकती जब ‘रिश्तों’ का ताना-बाना सत्ता के सबसे ‘ऊँचे’ शिखर से बुना जा रहा हो।

  • मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

सम्बंधित खबरें