मधेपुरा जिला के डायनेमिक डीएम मो.सोहैल, एसपी विकास कुमार, एसडीएम द्वय संजय कुमार निराला व एस जेड हसन की पूरी टीम गत वर्ष के शराबबंदी के पक्ष में आयोजित मानव श्रृंखला के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त करने में लगी है | क्योंकि, नीतीश सरकार का यह आह्वान है कि बाल विवाह एवं दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों को दूर किये बिना प्रदेश और देश का विकास संभव नहीं | उन्होंने कहा कि इन कुरीतियों को दूर करने के लिए जन जागरण आवश्यक है | साथ ही समाज में जागरूकता लाने के लिए जनता की सहभागिता सर्वाधिक जरूरी भी |
यह भी जानिये कि बाल विवाह और दहेज जैसी कुरीतियाँ समाज का कोढ़ है जिससे सर्वाधिक प्रभावित होता है- शिक्षा | इन कुरीतियों से मुक्ति पाने तथा शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए इस धरती के शलाका पुरुष बाबू रास बिहारी लाल मंडल द्वारा 1911 ई. में ही दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें सारे भारत से 16000 जनप्रतिनिधि आये थे जिसकी अध्यक्षता नेपाल के तुलसी सिंह ने की थी |
उन दिनों 5 वर्ष की उम्र में ही लड़के की शादी हो जाती थी | इस उम्र सीमा को एक बारगी 10 वर्ष करने पर नेपाल से आये प्रतिनिधिगण विरोध में खड़े हो गये | तब जाकर 6 वर्ष की उम्र पर सहमति बनी | यह भी जान लीजिए कि स्थानीय टी.पी. कॉलेज के प्रधानाचार्य, विधायक, सांसद, उपकुलपति व कुलपति रह चुके डॉ.महावीर प्रसाद यादव की शादी मात्र 6 वर्ष की उम्र में हुई थी | उन दिनों छोटे लड़के को शादी कराने के लिए गोद में या पालकी में ले जाया जाता था और सबसे पहले बच्चे को दूध पिलाया जाता | आज 30 वर्ष के पार भी शादी करने वाले लड़के को ‘विद्य’ के रूप में दूध पिलाया जाता है | इस अंधविश्वास को भी हटाना होगा |
यह भी बता दें कि दहेज खत्म करने को लेकर भी कानून बने हैं, फिर भी पुलिस-हाकिम सभी असमर्थ हैं | कानून कोर्ट में रुके-पड़े हैं | अपनी बेटी के वर खातिर उनके भी सिर झुके हुए हैं | तब से आज तक प्रयास किया जा रहा है लेकिन समाज को सफलता नहीं मिल पाई है | सिक्ख समुदाय में तो कुछ सुधार नजर आता है लेकिन अन्य वर्गों के लोग तो शादियों में दहेज लेकर लाखों रुपये रोशनी एवं पटाखे में बर्बाद कर देते हैं | परंतु, बेटियों को अच्छी शिक्षा देने के समय उनका हाथ खाली रहता है |
बता दें कि एक ओर जहाँ दहेज एवं बाल विवाह बन्दी को लेकर मधेपुरा के डीएम,एसपी, एसडीएम द्वय एवं तेरहो प्रखंडों के बीडीओ, सी.ओ. से लेकर शिक्षा विभाग के सभी संस्थानों व समस्त पदाधिकारियों, शिक्षकों सहित सभी मिलकर मानव श्रृंखला हेतु रूट चार्ट तैयार कर रहे हैं | तैयारी यह भी की जा रही है कि गत वर्ष 21 जनवरी को शराब बन्दी को लेकर बनी मानव श्रृंखला में प्रदर्शन करने वाले 11 लाख 34 हजार की संख्या को इस बार बहुत पीछे छोड़ देना है और सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन कर जिले का नाम रौशन करना है |
वहीं दूसरी और राज्य के मुखिया नीतीश कुमार में आस्था-विश्वास रखने वाले जदयू, युवा जदयू एवं सभी प्रकोष्ठों से जुड़े सारे सदस्यगण 21 जनवरी 2018 को इन कुरीतियों द्वय के विरुद्ध आयोजित की जाने वाली मानव श्रृंखला को ऐतिहासिक बनाने के लिए प्राइवेट एवं सरकारी-प्राइमरी, मिडिल स्कूलों से लेकर उच्च विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों के छात्रों को इस अभियान में जोड़ने हेतु जगाने में अहर्निश लगे हैं |