मधेपुरा जिले के आलमनगर, चौसा, बिहारीगंज, मुरलीगंज आदि प्रखंडों के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में बाढ़-पीड़ितों की सेवा व बचाव कार्य हेतु ‘स्काउट एण्ड गाइड’ के प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं की विभिन्न टोलियों को समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने हरी झंडी दिखाकर विदा किया | क्योंकि नदियों में है उफान ! चारों ओर से घिरे हैं और जलमग्न हैं सैकड़ो गाँव !! और हो गया है – कोसी का अंग से संपर्क भंग !!! जारी है जीवन के लिए जंग…..!!!!

इस प्रलयंकारी बाढ़ के हालात से निपटने के लिए जहाँ स्काउट एण्ड गाइड के प्रशिक्षण आयुक्त जयकृष्ण प्रसाद यादव द्वारा जिले के विभिन्न विद्यालयों के स्काउट के छात्र-छात्राओं को मानव सेवा हेतु प्रशिक्षण संबंधी कार्य एवं योजनाओं की जानकारियाँ दी गई तथा व्यवहारिक ट्रेनिंग के साथ-साथ हमेशा विकट परिस्थितियों में अपने विवेक से काम लेने की भी बातें कही गई वहीं समाज सेवा में गहरी अभिरुचि रखनेवाले डॉ.मधेपुरी ने बच्चे-बच्चियों से यही कहा –
“दुनिया में जितने भी धर्म हैं उनमें सर्वोत्कृष्ट धर्म है- ‘मानव सेवा’ | मानव सेवा ही सच्ची सेवा है | यूँ तो लोगों को बहुत कुछ की भूख होती है जिनके पीछे इंसान भागता है, परंतु जिसे दुनिया से विदा होते समय वह साथ नहीं ले जाता – उस ‘धन’ को जमा करने के पीछे वह तेजी से भागता है | यदि वह अपने साथ कुछ ले जाता है तो सिर्फ और सिर्फ अच्छे कर्म एवं लोगों की अच्छी सेवा…….!!”
डॉ.मधेपुरी ने प्रशिक्षित स्काउट युवाओं से यह भी कहा “यदि आप सही तरीके से मानव सेवा करो तो आप बहुत आगे बढ़ सकते हो, ऊंचाई को प्राप्त कर सकते हो…..|”
उन्होंने यह भी कहा कि बाहर से आकर मदर टेरेसा ने यहां के कुष्ठ रोगियों एवं अपाहिजों की सेवा की | ‘भारतरत्न’ सरीखे सर्वोच्च सम्मान से वह सम्मानित हुई | साथ ही संसार के सर्वोत्कृष्ट सम्मान ‘नोबेल पुरस्कार’ से भी सम्मानित की गई वह मदर टेरेसा…….. जिनके बीमार होने पर कभी भारतरत्न डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने ईश्वर से दुआ मांगी थी- हे ईश्वर ! अभी मदर को यहीं रहने दो……… क्योंकि ‘मदर’ का हृदय उन गरीबों का घर है, जिन्हें धरती पर अपना घर नहीं……….|”
बच्चो ! हम भी ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि हमारे बच्चे बाढ़ पीड़ितों की सेवा एवं बचाव कार्यों को पूरा कर सकुशल वापस आये और अपने-अपने विद्यालयों का नाम रौशन करे !!