कोसी, पूर्णिया और पूर्वी इलाकों में कोसी-गंगा व महानंदा के बढ़ते जलस्तरों के कारण बाढ़ की भयावह स्थिति हो गई है | हर तरफ डूबने से लोगों की मौत हो रही है |
यह भी बता दें कि कोसी में पानी बढ़ने से इंडो-नेपाल सीमा बांध लगभग 30 मीटर तक बह गया है | इस सीमा बांध के टूटने से भारतीय भूमि पर 100 एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है | साथ ही कोसी के कटाव से सहरसा-मानसी रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन बंद हो गया है |
यह भी जान लें कि मधेपुरा के चौसा और आलमनगर प्रखंड की क्रमशः छह एवं तीन पंचायतें बाढ़ की चपेट में है | हर ओर एसडीआरएफ एवं मेडिकल-टीम को तैनात कर दिया गया है |
सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के डरहरा गांव में तेज कटाव के चलते गांव पर खतरा मंडरा रहा है | अररिया जिलें में ढाई सौ से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं | हजारों एकड़ की फसलें बर्बाद हो गई है | सड़कों पर 3 फीट तक पानी बह रहा है | विगत 24 घंटे के दौरान पूर्णिया-कटिहार जिले में 8 लोगों के मरने की खबर है |
एक तरफ जहां बाढ़ प्रभावित इलाकों में सबसे ज्यादा संकट शौचालय और पशुओं की चारा को लेकर है वहीं दूसरी तरफ लोग जान-जोखिम में डालकर पुराने नाव की सवारी करते हैं | और इस सबके बावजूद सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में 24 घंटे नजर रखने के निर्देश सभी अधिकारियों एवं विभागीय कर्मियों को दिये जा रहे हैं |