Women Empowerment at Madhepura in Bihar

कोसी में बड़ी पार्टियों के बड़े नेताओं द्वारा की गई महिलाओं की उपेक्षा

कोसी अंचल में विधानसभा की तेरह सीटें हैं जिनमें तीनों जिले मधेपुरा, सहरसा और सुपौल में एक-एक सीट सुरक्षित है | नारी सशक्तिकरण के इस दौर में तेरह सीटों में केवल तीन महिलाओं को प्रत्याशी बनाया गया है | तुर्रा तो यह है कि तीनों के तीनों सुरक्षित क्षेत्रों से ही |

मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर सुरक्षित सीट से हम पार्टी द्वारा उम्मीदवार बनाया गया है मंजू सरदार को | सहरसा जिले के सोनवरसा सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनी है लोजपा नेत्री सरिता पासवान | कोसी के तीसरे जिले सुपौल के त्रिवेणीगंज सुरक्षित सीट से महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाया गया है वीणा देवी को | याद करें, 2010 के चुनाव में तीन महिलाओं में दो को सामान्य सीट से उम्मीदवार बनाया गया, केवल एक को ही सुरक्षित सीट से टिकट दिया गया था |

कितनी विडंबना है ! आज की तारीख में भी महिलाओं को अबला मान कर सुरक्षित क्षेत्र की ओर ढकेलने में लगी है ये राजनीतिक पार्टियाँ ! जबकि सभी जानते हैं कि आज बिना हाथ वाली 32 वर्षीया जेसिका कोक्स हवाई जहाज उड़ाती है और महिलाएं फाइटर विमानों में पायलट भी बनती हैं | बहरहाल नारी सशक्तिकरण की दुहाई देने वाली पार्टियों के बड़े-बड़े राजनेताओं की सोच को दीमक क्यों चाटने लगा है ?

चुनाव आयोग के द्वारा जारी किये गये आंकड़े बताते हैं कि कोसी अंचल के तेरहो विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों की कुल संख्या 33 लाख 20 हजार 678 है, जिसमें महिला मतदाताओं की संख्या 15 लाख 76 हजार 265, यानी महिला वोटरों की संख्या 48% है | सोचिये तो सही 13 में तीन महिलाएं और तीनों सुरक्षित सीट पर ही- कहाँ चला गया संविधान प्रदत्त समानता का अधिकार और नर-नारी को बराबरी का दर्जा ….!!!

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