मधेपुरा बनेगा बाल विवाह व दहेज मुक्त जिला- डीएम

मधेपुरा के डायनेमिक डीएम मो.सोहैल ने अपने समस्त अधिकारियों-पदाधिकारियों के साथ दोनों अनुमंडलों मधेपुरा सदर एवं उदाकिशुनगंज में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बाल विवाह व दहेज प्रथा उन्मूलन हेतु अपने-अपने अनुमंडल के सभी प्रखंड क्षेत्रों के पंचायतों के पूर्व व वर्तमान सभी प्रकार के जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि दहेज प्रथा कानूनी जुर्म ही नहीं बल्कि सामाजिक बुराई भी है | मो.सोहैल ने इन कुरीतियों को समाज के लिए अभिशाप बताते हुए कहा कि महज कानून से ये दोनों खत्म होने वाला नहीं है बल्कि इसके लिए सबों को जागरुक होना सर्वाधिक जरूरी है |

बता दें कि दोनों अनुमंडलों के कार्यशालाओं को अलग-अलग संबोधित करते हुए डीएम मो.सोहैल (भा.प्र.से.) ने यही कहा कि इनसे मुक्ति पाने के लिए पंचायत प्रतिनिधिगण अपने-अपने क्षेत्रों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा दे तथा शिक्षा पूरी होने यानि 21 वर्ष से अधिक उम्र होने के बाद ही बालिकाओं को पारिवारिक जिम्मेवारी देने की बातें बताएं |

आगे इस्लाम में भी दहेज को अपराध बताते हुए डीएम मो.सोहैल ने कार्यशाला में उपस्थित पदाधिकारियों, पंचायत जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों को आधे दर्जन से अधिक बहुमूल्य टिप्स देते हुए यही कहा-

  1. बाल विवाह व दहेज उन्मूलन को लेकर वार्ड, पंचायत, प्रखंड, अनुमंडल व जिला स्तर पर निगरानी समिति का गठन किया जायेगा |
  2. प्रत्येक स्तर पर छह सदस्यीय निगरानी समिति गठित की जायेगी |
  3. बाल विवाह और दहेज प्रथा को लेकर निगरानी समिति की सूचना पर प्रशासन त्वरित कार्यवाई करेगी ||
  4. स्कूलों में लड़के और लड़कियों के लिए क्रमशः बालसखा व बालसखी बने, जो कहीं भी जाकर लोगों को नशाबंदी, बाल विवाह व दहेज प्रथा को लेकर जागरूक करे जिसके लिए बाल सखाओं को एक सौ नम्बर अतिरिक्त मिलेगा ||
  5. जिले में शुरू किये गये “बन्धन ऐप” को मोबाइल पर डाउनलोड करने वाले को ₹100 मिलेगा |
  6. अब तक बाल विवाह व दहेज को लेकर जिले के 46,000 बच्चों ने घोषणा पत्र दिया है |
  7. केशव कन्या उच्च विद्यालय की करीब 300 छात्राओं ने शादी की उम्र कम से कम 21 वर्ष निर्धारित करने को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया है, क्योंकि उच्च शिक्षा पूरी होने में कम से कम 21 वर्ष लग ही जाते हैं |

यह भी जानिए कि जहाँ भूपेन्द्र कला भवन मधेपुरा के कार्यशाला में उपस्थित एसपी विकास कुमार, डीडीसी मुकेश कुमार, एसडीएम संजय कुमार निराला, डीईओ उग्रेश प्रसाद मंडल सहित पंचायत प्रतिनिधि स्वदेश कुमार, मनोज साह, अरुण कुमार यादव, अनिल अनल, राज किशोर यादव आदि ने कहा कि बाल विवाह व दहेज प्रथा जैसे सामाजिक बुराइयों को सामाजिक जागृति से ही खत्म किया जा सकता है वहीं उदाकिशुनगंज के कार्यशाला में एसडीएम एसजेड हसन, कार्यपालक दण्डाधिकरी अनिल कुमार, सीआई निजामुल हक आदि पदाधिकारीगण सहित समाजसेवी जय प्रकाश सिंह, विकास चंद्र यादव आदि ने सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति पाने के लिए सामाजिक चेतना जागृत करने की जरूरत पर बल दिया |

अंत में डीएम मो.सोहैल ने कहा कि विगत वर्ष 21 जनवरी को नशाबंदी को लेकर किये गये मानव श्रृंखला में अपने जिले को सूबे में प्रथम पंक्ति में जगह मिली थी……… इस बार प्रथम स्थान पाने के लिए हम सबों का प्रयास जारी रहेगा……!!

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