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मधेपुरा में ब्रह्माकुमारी दादी प्रकाशमणि की 11वीं पुण्यतिथि मनी

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका रही बाल ब्रह्मचारिणी राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि के नेतृत्व में यह संस्था सघन वटवृक्ष का स्वरुप ग्रहण कर विश्व के 137 देशों के लगभग नौ हज़ार सेवा केंद्रों के माध्यम से आध्यात्मिक एवं नैतिक मूल्यों के संवर्धन में लगी हुई है……. और चलते-चलते एक दिन 87 वर्षीया दादी का देहावसान आबू में ही दिनांक 24 अगस्त, 2007 को हो जाता है |

बता दें कि दादी प्रकाशमणि की 11वीं पुण्यतिथि बाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर सादगीपूर्ण तरीके से ब्रह्माकुमारी रंजु दीदी की अध्यक्षता में मधेपुरा के गणमान्यों, समाजसेवियों एवं श्रद्धालु शिष्य-शिष्याओं की अच्छी खासी उपस्थिति में मनाई गई जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में समाजसेवी डॉ.भूपेंन्द्र मधेपुरी, एसडीएम संजय कुमार निराला, सिविल सर्जन डॉ.गदाधर पाण्डेय तथा विशिष्ट अतिथि के रुप में डॉ.गणेश कुमार, उपेन्द्र रजक, प्राणमोहन आदि ने श्रद्धांजलि स्वरुप पुष्पांजलि अर्पित की | आरम्भ में समारोह का श्रीगणेश संयुक्तरुप से दीप प्रज्वलित कर किया गया |

यह भी जानिए कि सर्वप्रथम समारोह की अध्यक्षता ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी रंजु दीदी ने दादी प्रकाशमणि के जीवनवृत्त पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके ही कार्यकाल में संस्था के प्रयासों को सराहते हुए संयुक्त राष्ट्र द्वारा उन्हें “विश्व शांति दूत” पुरस्कार से नवाजा गया | 38 वर्षों तक संस्था को नेतृत्व देने वाली दादी प्रकाशमणि को विदेश यात्राओं के दौरान अनेक देशों में उन्हें राजकीय अतिथि का दर्जा दिया जाता रहा | भला क्यों नहीं, दादीजी में स्नेह-प्रेम और शक्ति का अद्भुत संतुलन जो था | जहां प्रेम होता है, वहां व्यक्ति सब कुछ न्योछावर करने को तैयार हो जाता है……|

Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri addressing the devotees attending the 11th Punya Tithi Samaroh of Dadi Prakashmani at Madhepura .
Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri addressing the devotees attending the 11th Punya Tithi Samaroh of Dadi Prakashmani at Madhepura .

अन्त में उपस्थित गणमान्यों, पदाधिकारियों एवं श्रद्धालुओं की ओर से प्रतिनिधि वक्ता के रूप में समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने दादी प्रकाशमणि के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यही कहा कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजी गई दादीमाँ प्रकाशमणि की आत्मा आने वाली पीढ़ी को सदैव प्रकाशित करती रहेंगी | डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में ईश्वरीय वि.वि. द्वारा श्रद्धालुओं के मन को नियंत्रित करने हेतु विभिन्न प्रयोगों के साथ विस्तार से चर्चा की और गीता के उद्धरणों को शामिल करते हुए मन-बुद्धि को स्थिर करने के उपायों की व्याख्या की | उन्होंने यह भी कहा कि दादी प्रकाशमणि अपने माता-पिता के घर प्रतिदिन नये आभूषण पहनते रही और ईश्वरीय विश्वविद्यालय को जीवनदान देने के साथ ही सबकुछ लुटाकर मसीहा बन गई | उस दादी प्रकाशमणि के लिए डॉ.मधेपुरी ने अपनी चंद पंक्तियां श्रद्धांजलि स्वरुप अर्पित की-

धन आदमी की नींद को हर पल हराम करता

जो बांटता दिल खोल उसे युग सलाम करता !

मरने के बाद मसीहा बनता वही मधेपुरी

जो जिंदगी में अपना सब कुछ नीलाम करता !!

अंत में राजयोगिनी रंजु दीदी ने सभी श्रद्धालुओं, गणमान्यों एवं कार्यक्रम को सफल बनाने वाले ब्रह्माकुमारियों सहित डॉ.एन.के.निराला, बीके किशोर, प्रो.अजय आदि को धन्यवाद देकर ‘प्रसाद’ पाने के अनुरोध के साथ ही समारोह समाप्ति की घोषणा की |

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इतिहास का स्मरण हमें ताकत देता है !

मधेपुरा में जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के 75वें वर्षगांठ को उत्साहपूर्वक मनाया गया | सबेरे प्रभात फेरी निकाली गई जिसमें स्कूली बच्चों ने जमकर भाग लिया | दिन के 10:00 बजे से स्थानीय भूपेन्द्र कला भवन में चित्रकला प्रदर्शनी का वृहत आयोजन किया गया | अपराह्न 1:00 बजे से “भारत छोड़ो आंदोलन” पर स्कूली बच्चों द्वारा व्याख्यान एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई | शाम में वहीं पर विभिन्न संगीत विद्यालयों एवं स्थानीय कलाकारों द्वारा देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक-से-एक बेहतरीन प्रदर्शन किया जाता रहा | अंत में कार्यक्रमों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को- डीडीसी मिथिलेश कुमार की अध्यक्षता में तैयार किये गये प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी,  एस.डी.एम.संजय कुमार निराला, बीडीओ  दिवाकर कुमार आदि द्वारा पुरस्कृत किया गया |

बता दें कि इस अवसर पर स्वच्छता अभियान के तहत जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय सहित प्रखंड मुख्यालय के कार्यालय परिसरों की जमकर सफाई की गई |

Educationist Dr.Bhupendra Madhepuri, SDM SANJAY KUMAR Nirala, DDC Mithilesh Kumar and Students Celebrating 75th anniversary of Quit India Movement at Bhupendra Kala Bhawan, Madhepura.
Educationist Dr.Bhupendra Madhepuri, SDM Sanjay Kumar Nirala, DDC Mithilesh Kumar and Students Celebrating 75th anniversary of Quit India Movement at Bhupendra Kala Bhawan, Madhepura.

यह भी बता दें कि मध्यान काल में अगस्त क्रांति दिवस (9 अगस्त) मनाने हेतु अनुमंडल कार्यालय परिसर में जिले के डायनेमिक डीएम मो.सोहैल का आगमन हुआ- जहां पर डीडीसी, एस.डी.एम. संजय कुमार निराला, एलआरडीसी रवि शंकर शर्मा, बीडीओ  दिवाकर कुमार सहित समाजसेवी-साहित्यकार भूपेन्द्र मधेपुरी ने इस अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में डीएम मो.सोहैल का स्वागत किया |

आरम्भ में डीएम, डीडीसी, एसडीएम, एलआरडीसी, बीडीओ, सहित डॉ.मधेपुरी एवं गणमान्यों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, लाल बहादुर शास्त्री आदि के तस्वीरों पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि किया |

School Kids celebrating ' Bharat Chhoro Aandolan' on 9th. August at Bhupendra Kala Bhawan,Madhepura.
School Kids celebrating ‘ Bharat Chhoro Aandolan’ on 9th. August at Bhupendra Kala Bhawan, Madhepura .

जहाँ गोष्ठी को संबोधित करते हुए डायनेमिक डीएम ने जीर्ण-शीर्ण ट्रेजरी भवन को सुन्दर संग्रहालय बनाने की बात कही वहीँ डीडीसी मिथिलेश कुमार ने एसडीएम संजय कुमार निराला से उसे जिला परिषद को ट्रांसफर करने की चर्चा भी की तथा स्वच्छता के बाबत संकल्प का पाठ भी किया और लोगों ने उसे दोहराया भी |

बीच में गोष्ठी को संबोधित करते हुए समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में 1942 की अगस्त क्रान्ति की चर्चा करते हुए यही कहा-

“जब 8 अगस्त, 1942 की रात को बम्बई में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सम्मेलन में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव पास करने के बाद ‘करो या मरो’ का नारा बुलंद किया गया, तब कुछ ही घंटे बाद नेताओं की धर-पकड़ शुरू हो गयी | वह व्यक्तिगत आंदोलन था | महात्मा गांधी ने उद्घोष किया था कि हर कोई स्वयं सेना भी है और सेनापति भी | तभी तो सरकारी आंकड़े के अनुसार 60 बार सेना को बुलाना पड़ा था ; 60000 आंदोलनकारी गिरफ्तार हुए थे और भारत में 940 लोग गोलियों के शिकार हुए थे…….. सच्चाई कई गुणा ज्यादा थी……… तत्कालीन वायसराय लिनलिथगो ने चर्चिल को लिखा भी था……. 1857 की क्रान्ति थी और यह 1942 की जनक्रांति है |”     

अंत में डायनेमिक डीएम मो.सोहैल (IAS)  ने जोरदार शब्दों में उपस्थित जनों से यही कहा- “हम सब मिलकर संकल्प लें- भ्रष्टाचार मुक्त भारत का स्वच्छ भारत का, गरीबी मुक्त भारत का, जातिमुक्त भारत का, संप्रदायवाद मुक्त भारत का……… और नए भारत के निर्माण के अपने इन संकल्पों की सिद्धि के लिए हम सब मन, वचन और कर्म से सदा जुटे रहेंगे तब तक जब तक बिहार और हमारा राष्ट्र विकसित नहीं हो जाय |”

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