जातीय जनगणना सार्वजनिक करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय जनता दल 27 जुलाई को बिहार बंद करेगा। इससे पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद 26 जुलाई को कदमकुआं स्थित जेपी आवास या अंबेडकर मूर्ति के समक्ष एक दिवसीय उपवास पर बैठेंगे । मंगलवार को अपने दोनों पुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी, प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे तथा मुन्द्रिका सिंह यादव की उपस्थिति में संवाददाताओं से बात करते हुए लालू ने कहा कि राजद जातीय जनगणना की रिपोर्ट प्रकाशित कराने के लिए केंद्र के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेगा। इसको राष्ट्रव्यापी मुद्दा बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार बंद के बाद भी केंद्र सरकार ने जातीय सर्वे का प्रकाशन नहीं किया तो बेमियादी बिहार बंद का आह्वान होगा। लालू के मुताबिक जातीय सर्वे प्रकाशित होने से सबसे अधिक अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को लाभ होगा। उनकी जनसंख्या में 40 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। इसके आधार पर उनके आरक्षण के प्रतिशत में तिगुना वृद्धि हो जाएगी। संविधान में प्रावधान है कि अनुसूचित जाति व जनजाति को आबादी के आधार पर आरक्षण का लाभ मिलेगा।
लालू ने आरोप लगाया कि आरएसएस के दबाव पर केंद्र की भाजपा सरकार रिपोर्ट दबाकर बैठ गयी है। लालू ने कहा कि जातीय सर्वे से इसका खुलासा हो जाता कि किस जाति के लोगों की आर्थिक स्थिति दयनीय है। उनको आगे बढ़ाने के लिए बजट में प्रावधान किया जाता। ऐसा नहीं होने से अमीर और अमीर होते जाएंगे। गरीब और गरीब बन जाएंगे। लालू के मुताबिक 10 प्रतिशत लोग 90 प्रतिशत की सभी सुविधाओं को चट कर जा रहे हैं। अंग्रेजों ने 1931 में जातीय गणना करायी थी। इसके आधार पर अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को आबादी के आधार पर आरक्षण का लाभ मिला।
बिहार बंद और राजद सुप्रीमो के उपवास से पूर्व 21 जुलाई को राजद के जिला अध्यक्षों तथा पूर्व व वर्तमान सांसद एवं विधायकों की बैठक बुलायी गई है। राजद के प्रस्तावित बंद से रेलवे, अस्पताल व एम्बुलेंस सेवा को अलग रखा गया है।