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मधेपुरा जिले में आदिवासी भित्ति चित्र-कला होगी पुनर्जीवित

मिथिला एवं मधुबनी पेंटिंग की तरह आदिवासियों की भित्ति चित्रकला को कागज एवं कैनवास पर लाकर जनजातीय समाज को गरीबी एवं बेरोजगारी के संकट से उबारने के प्रयास में लगे हैं- जिले के डायनेमिक डी.एम.  मो.सोहैल और ग्वालपाड़ा प्रखंड की सीडीपीओ दर्शना कुमारी |

यह भी बता दें कि जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड में गुरुवार को नवज्योति सामाजिक केंद्र एवं आदिवासी कला केंद्र के सौजन्य से आदिवासी बालिकाओं के बीच बतौर वर्कशॉप एवं प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | प्रतियोगिता के आरंभ में प्रखंड प्रमुख सरिता कुमारी, केंन्द्र द्वय की संयोजिकाएं सिस्टर लिली व अंकिता अमन एवं सीडीपीओ दर्शना कुमारी सहित कई गणमान्यों ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के लोग फिलहाल जिस गरीबी और बेरोजगारी के संकट से संघर्ष कर रहे हैं उन्हें मधुबनी एवं मिथिला पेंटिंग प्रकाशस्तंभ बनकर रास्ता दिखाने का काम करता रहेगा |

फिलहाल इस प्रथम प्रयास में आयोजित प्रतियोगिता में लगभग 5 दर्जन प्रतिभागियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई | कार्यक्रम को कंचन ने संचालित किया | आगे सफल प्रतियोगियों को प्रशिक्षित करने हेतु एक जिलास्तरीय वर्कशॉप का आयोजन होगा | बहरहाल, एक त्रिसदस्यीय कमिटी का गठन किया गया है जिसके तीन सदस्य होंगे-संजय कुमार, सिस्टर लिली एवं सीडीपीओ दर्शना कुमारी |

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