आज भाजपा की स्थापना के 36 साल पूरे हो गए। स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहाँ ट्वीट के जरिए कार्यकर्ताओं को बधाई दी और विभिन्न राज्यों में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों की जमकर तारीफ की वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रवाद को भाजपा की पहचान बताया और स्पष्ट किया कि पार्टी फिलहाल राष्ट्रवाद के एजेंडे पर ही आगे बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भावुक ट्वीट में कहा कि “भाजपा के स्थापना दिवस पर मैं पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं को सलाम करता हूँ जिन्होंने हमेशा भाजपा की सेवा उत्साह और समर्पण के साथ की।… भारत के लिए अपने प्रेम और देश को प्रगति की नई ऊँचाइयों तक ले जाने की प्रतिबद्धता से कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों ने अपना जीवन पार्टी के लिए समर्पित कर दिया।”
भाजपाशासित राज्यों की सरकारों के काम को ‘शानदार’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्टी को अपने मेहनती मुख्यमंत्रियों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि जहाँ भी भाजपा ने सरकार बनाई है वहाँ शानदार ढंग से काम किया है और लोगों की अभूतपूर्व सेवा की है। यही कारण है कि कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से अरुणाचल प्रदेश तक लोगों ने भाजपा में विश्वास व्यक्त किया है और पार्टी को अपने सपनों को पूरा करने वाली पार्टी के रूप में देखा है।
उधर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रवाद की अलख जगाने का आह्वान किया और अगले 25 वर्षों में पंचायत से संसद तक पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की अपील की। कार्यकर्ताओं की शहादत का हवाला देते हुए शाह ने एक कार्यक्रम में कहा कि भाजपा की पहचान राष्ट्रवादी पार्टी की है। हमें अपनी इस पहचान को और मजबूत करना है। ‘भारत माता की जय’ पर छिड़ी बहस के संदर्भ में उन्होंने साफ कर दिया कि पार्टी इस मुद्दे को भटकने नहीं देगी। पार्टी अध्यक्ष ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि आक्रोश के साथ भारत माता की जय के नारे लगाएं।
प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के संदेशों को एक जगह कर देखें तो स्पष्ट हो जाता है कि ‘मोदीयुग’ में भाजपा ‘विकास’ और ‘राष्ट्रवाद’ पर स्वयं को केन्द्रित करना चाहती है। विकास के साथ राष्ट्रवाद की ‘खुराक’ दी जाय तो जातिवाद जैसे मुद्दे अस्तित्वविहीन हो जाते हैं। साम्प्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता की बहस भी यहाँ आकर फीकी पड़ जाती है। जाहिर है कि इस आजमाए ‘नुस्खे’ को पार्टी आगे भी आजमाना चाहती है। हाँ, जरूरत के मुताबिक स्थानीय ‘जरूरतों’ का ध्यान रखना पड़ता है और पार्टी ने कश्मीर से लेकर असम तक ये काम बखूबी किया भी है।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप