समग्र स्वास्थ्य का विज्ञान है योग- डॉ.मधेपुरी

कोरोना से पूर्व दुनिया के लोगों ने यह मान लिया था कि स्वास्थ्य से ज्यादा जरूरी है भौतिक संपदा, जिसके माध्यम से स्वास्थ्य को पुन: हासिल किया जा सकता है। परन्तु, कोरोना काल में यह भ्रम पूरी तरह खंडित हो गया ! स्वास्थ्य की आधुनिक अवधारणा के अनुसार इसे “शारीरिक और मानसिक” दो खंडों में बांटा गया है। परन्तु, योग वह विज्ञान है जिसके माध्यम से समग्र स्वास्थ्य की प्राप्ति की जा सकती है।
ये बातें कोरोना लाकडाउन के दरमियान वर्ष के सबसे बड़े दिन यानी 21 जून को दीर्घ जीवन प्राप्त करने हेतु अपने वृंदावन निवास में 7वें अन्तर्राष्ट्रीय दिवस मनाते हुए शिक्षाविद डॉ. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि पचहत्तर  वर्षीय डॉ. मधेपुरी जैसे बूढ़े जवान ने कोरोना काल में योग के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य प्राप्त कर लिया है। वही योग जो भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है। आज मानव मस्तिष्क एवं शरीर की एकता का प्रतीक बन गया है योग।

डॉ. मधेपुरी ने यह भी कहा कि योग में जिम की तरह शरीर को मजबूती एवं मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करने वाले आसनों की कमी नहीं। परन्तु, योग से काया तब निरोग होती है जब आप नियमित रूप से योग करते हैं। रोजाना योग करने से आपके शरीर, मन व मस्तिष्क को मिलेंगे भरपूर फायदे और भारत को मिलेगी विश्वभर में अन्तर्राष्ट्रीय पहचान ।

सम्बंधित खबरें