भाजपा नेता और बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा अपनी पार्टी के लिए बीते दिनों की बात होते जा रहे हैं। इधर पार्टी के किसी कार्यक्रम, किसी अभियान में न तो वे शिरकत करते हैं और न ही पार्टी फोरम पर उनकी जरूरत ही महसूस की जाती है। लेकिन वे ठहरे ‘शॉटगन’। अपनी ओर लोगों का ध्यान खींचना उन्हें खूब आता है। ‘खामोश’ उनका प्रिय डायलॉग जरूर है, लेकिन खामोश रहना उनकी फितरत में नहीं। जब भी उन्हें मौका मिलता है, अपनी पार्टी का मजाक तक उड़ाने से वे बाज नहीं आते। पर इस बार तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी कैबिनेट को ही निशाने पर ले लिया है। जी हां, गुरुवार को मोदी के मंत्रियों का मजाक उड़ाते हुए उन्होंने कहा, “कैबिनेट के 90 प्रतिशत मंत्रियों को कोई नहीं जानता, जबकि बचे हुए 10 प्रतिशत मंत्रियों की कोई इज्जत नहीं करता”।
बता दें कि शत्रुघ्न ने अभी दो दिन पहले ‘पद्मावती’ फिल्म के मुद्दे पर बॉलीवुड की नामी हस्तियों को कठघरे में खड़ा करते हुए सूचना प्रसारण मंत्री और प्रधानमंत्री को लेकर भी सवाल उठाए थे। मंगलवार को उन्होंने कहा था कि अमिताभ बच्चन, आमिर खान, शाहरुख खान, सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ इस पर हमारे सबसे लोकप्रिय पीएम चुप किसलिए हैं? उन्होंने ट्वीट किया, “जैसा कि ‘पद्मावती’ ज्वलंत मुद्दा बन गई है। लोग पूछ रहे हैं कि महानायक अमिताभ बच्चन, बेहद बहुमुखी आमिर खान और सबसे मशहूर शाहरुख खान के पास बोलने के लिए इस पर कुछ नहीं है। कैसे हमारी सूचना और प्रसारण मंत्री या फिर सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री (अमेरिकन थिंक टैंक पोल पीईडब्ल्यू के मुताबिक) इस पर मौन क्यों धारण किए हुए हैं। हाई टाइम!”
शत्रुघ्न यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक उनकी बात है, तो वे इस मसले पर महान फिल्मकार और प्रोड्यूसर संजय लीला भंसाली के चुप्पी तोड़ने के बाद बोलेंगे। वे सिर्फ तब बोलेंगे, जब उन्हें बोलना होगा और वे फिल्मकार की अभिरुचियों के साथ मामले की संवेदनशीलता, राजपूतों की वीरता और निष्ठा को ध्यान में रखकर बोलेंगे।”
बहरहाल, जैसे ही सोशल मीडिया पर मोदी के मंत्रियों को लेकर शत्रुघ्न की तल्ख टिप्पणी आई, लोगों ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया। कई टि्वटर यूजर्स इस पर उल्टा उन्हीं का मजाक उड़ाते दिखे। उनमें से एक ने कहा, “आपने कितनी इज्जत दी। जिस पार्टी ने बढ़ाया, उसी को अपशब्द कहे।” तो दूसरे ने उनकी टिप्पणी का कारण उनकी कुंठा को बताया। कहा, “शुक्र है कि वह मंत्री नहीं हैं, वरना वे कहां फिट होते? कुंठा में।” वहीं, एक यूजर ने पूछा कि वे भाजपा छोड़ क्यों नहीं देते? तो किसी ने उनके लिए सिर्फ ‘खामोश’ शब्द का इस्तेमाल किया। पर शत्रु तो ‘शत्रु’ ठहरे, वे भला क्यों किसी से कुछ सुनें? क्यों खामोश रहें??