Dr.Rashmi Bharti and Dr.Barun Kumar from Vrindavan Nursing Home Mahepura

बेबस-लाचार मरीजों की जिन्दगी में भर रहे रंग

निर्धन एवं जरूरतमंद मरीजों, जिनके लिए कोई पैरवी करने वाला नहीं होता, की सेवा करना डॉ.बरुण कुमार एवं डॉ.रश्मि भारती अपना चिकित्सीय धर्म मानते हैं | पीड़ितों की सेवा को सर्वोपरि धर्म मानने वाले एवं चिकित्सीय कार्यो को जुनून व उत्साह के साथ करते रहने वाले इस दंपति का मुख्य लक्ष्य ही है कि वह पैसे की तंगी में रहने वाले गंभीर से गंभीर मरीजों को अपने क्लीनिक से वापस लौटने नहीं देते हैं | वैसे मरीजों की सेवा करने से इस दंपत्ति को संतुष्टि मिलती है | तभी तो 50 वर्ष की एक गरीब दलित महिला के पेट से इस दंपति ने 5 किलो का ट्यूमर निकालकर परिवार के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त किया |

Dr.Barun operating a female patient Smt.Jaso Devi having more than 5Kgs cancerous tumor along with Dr.Rashmi Bharti at Vrindavan Nursing Home Madhepura .
Dr.Barun operating a female patient Smt.Jaso Devi having more than 5Kgs cancerous tumor along with Dr.Rashmi Bharti at Vrindavan Nursing Home Madhepura .

डॉ.बरुण को गरीब मरीजों के ध्यान रखने का सबक दादी सुरती देवी ने दिया था जिसे वे आज तक अमल करते आ रहे हैं | डॉ. रश्मि भी वैसे गरीब मरीजों की सेवा में आगे रहती है और हर तरह से मदद कर अपने पिता-माता एवं दादा-दादी से पाए संस्कारों को ऊंचाई दे रही है | इन्हीं सेवा संस्कारों के कारण आज यह दैनिक जागरण का स्टार जोड़ी शहर की शान के रूप में वृंदावन नर्सिंग होम को लोकप्रिय बना रही है |

भूपेंद्र चौक के निकट पूर्वी बाईपास रोड पर वृंदावन नर्सिंग होम खोल कर मरीजों की सेवा में जुटे चिकित्सक दंपति का एक ही लक्ष्य है कि कोई गरीब रोगी पैसे के अभाव में बिना इलाज के वृंदावन से नहीं लौटे | यहां के गरीबों की सेवा उनकी पहली प्राथमिकता है |

Dr.Barun and Dr.Rashmi Bharti successfully operated many rare cases at Vrindavan Nursing Home Madhepura .
Dr.Barun and Dr.Rashmi Bharti successfully operated many rare cases at Vrindavan Nursing Home Madhepura .

पूछे जाने पर जनरल सर्जन डॉक्टर वरुण बताते हैं कि वे मूलतः मुंगेर जिले के वरियारपुर के निवासी हैं | इन्होंने पिता बी.प्रसाद माता लक्ष्मी देवी एवं बड़े भाई अरुण कुमार के सहयोग से रिम्स रांची से 2003 में एमबीबीएस की डिग्री ली और वहीं से एमएस की डिग्री लेकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कुछ दिनों तक काम किया | फिर झारखंड के झुमरीतिलैया में कार्यरत रहे | 2009 में आजाद नगर मधेपुरा निवासी समाजसेवी डॉ मधेपुरी की चिकित्सक पुत्री डॉ.रश्मि भारती के साथ पावन परिणय में बंधने के बाद से वे स्थाई रूप से वृंदावन नर्सिंग होम में मरीजों की सेवा में जुड़ गए | तब से ये दोनों सेवा भावना के साथ लोगों की चिकित्सा सेवा करते आ रहे हैं | डॉ.बरुण ने अपनी दादी की बात- “गरीबों की मदद करना” को गांठ बांध ली जो आज भी उनकी प्राथमिकता में शामिल है |

डॉ.रश्मि भारती महिला चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में 3 वर्षों तक सदर अस्पताल मधेपुरा में और उससे पूर्व दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल एवं अपने पैतृक चिकित्सा महाविद्यालय एमजीएम में कुछ दिनों तक काम करने के बाद निजी क्लीनिक में पति के साथ का काम करने लगी | डॉ.रश्मि भारती ने बताया कि वह मधेपुरा की रहने वाली है उन्होंने कहा कि समाज सेवी साहित्यकार पिता डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी एवं माता रेनू चौधरी ने बेहतर तरीके से समाज सेवा करने की प्रेरणा दी |

चिकित्सकद्वय ने यह भी बताया कि समाजवादी मनीषी बाबू भूपेन्द्र नारायण मंडल के जन्मदिन पर निर्धन लोगों एवं गरीब मरीजों के बीच भीषण ठंड में कंबल वितरित कर एवं एक दिवसीय मुफ्त चिकित्सा शिविर आयोजित कर वर्षों से लाचारों की जिंदगी में रंग भर रहे हैं  |

सौजन्य:- दैनिक जागरण

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