पृष्ठ : मधेपुरा अबतक

डॉ.कलाम हमारी धरोहर है, उसे सहेजने की जरूरत है- डॉ.मधेपुरी

स्थानीय डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम पार्क में संपूर्ण भारतीय गांधीयन मिसाइल मैन भारतरत्न डॉ.कलाम की 11वीं पुण्यतिथि उनके अत्यंत करीबी रहे शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी की अध्यक्षता में बुद्धिजीवियों एवं बच्चों द्वारा मनाई गई। इस अवसर पर डॉ.मधेपुरी द्वारा वर्षों से चलाए जा रहे कार्यक्रम “जो करेंगे मधेपुरा को गौरवान्वित, डॉ.मधेपुरी करेंगे उन्हें सम्मानित” के तहत सेवानिवृत लोकप्रिय एसबीआई बैंक ऑफिसर श्री संतोष कुमार झा को अंगवस्त्रम, पाग, पुष्पगुच्छ एवं मोमेंटो आदि से सम्मानित किया गया।

डॉ.मधेपुरी ने कहा कि यह सम्मान श्री संतोष झा को इसलिए दिया गया कि श्री झा ने भगवान श्री कृष्ण के जीवन दर्शन को व्यावहारिक रूप में आत्मसात किया है। यह मधेपुरा वासियों को गौरवान्वित करने एवं गहराई में उतरकर समझने वाली बात है। इसके अतिरिक्त श्री संतोष झा ने बैंक अधिकारी एवं बिहार एसबीआई टेबल टेनिस कैप्टन के रूप में अमिट छाप छोड़ी है। जिसकी गूंज आज भी पूरे बिहार के बैंकों के गलियारों में सुनाई देती है। सेवा निवृत होने के बावजूद श्री झा एक्टिव जिंदगी जीकर एक मिसाल पेश कर रहे हैं।

कर्पूरी मेडिकल कॉलेज के सेवानिवृत प्राचार्य डॉ.भूपेंद्र प्रसाद सहित अन्य मौजूद सदस्यों- सीनियर इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार मिश्र, व्यवस्थापक सरोज कुमार सिंह, एसबीआई पदाधिकारी नवीन कुमार, पूर्व विधायक भूपेंद्र ऋषिदेव, सेवानिवृत प्रधानाध्यापक रमेश कुमार, नेता कमल दास, अमरेंद्र कुमार, भूषण कुमार सरोज, गजेन्द्र चंद्र मधुबाला, दिवाकर कुमार, चंदन सिंह, विकास सिंह, यशवंत कुमार, चंद्रकांत, हरिश्चंद्र साह, विधान चंद्र, सिंहेश्वर प्रसाद, नंदन कुमार, प्रमोद कुमार, राजनंदन यादव एवं दिनेश कुमार आदि ने उद्गार व्यक्त करते हुए कलाम के संपूर्ण भारतीय होने वाले संकल्पों को आत्मसात करने की शपथ ली। डॉ. शैलबाला, कविता कुमारी, पूनम कुमारी एवं अर्चना कुमारी आदि सहित सभी बच्चों ने डॉ.कलाम के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

अंत में अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ.मधेपुरी ने देर तक विस्तार से डॉ. कलाम के रामेश्वरम से राष्ट्रपति भवन तक की यात्रा का वर्णन सुनाया। संदेश के रूप में उन्होंने यही कहा कि हम सब के भीतर ईश्वर का तेज छिपा है। हमारी कोशिश हो इस तेज पुंज को पंख देते रहने की। हमारा जन्म जीत के लिए हुआ है। हार जाना जीवन का अंत नहीं, हार मान लेना जीवन का अंत होता है। डॉ.कलाम हमारी धरोहर है, उसे सहेजने की जरूरत है।

सम्बंधित खबरें


27 जुलाई को कलाम पार्क में उनकी 11वीं पुण्यतिथि मनाई जाएगी

27 जुलाई के सबेरे स्थानीय डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम पार्क में “कलाम वॉकिंग ग्रुप” द्वारा उनकी 11वीं पुण्यतिथि मनाई जाएगी। इस अवसर पर वॉकिंग ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य सेवानिवृत एसबीआई बैंक पदाधिकारी सह बेहतरीन टेबल टेनिस खिलाड़ी एवं भगवान कृष्ण के दर्शन को व्यावहारिक रूप में आत्मसात करने वाले श्री संतोष कुमार झा को सम्मानित करेंगे डॉ.कलाम के अत्यंत करीबी रहे समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी। इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज के एंड हॉस्पिटल के सेवानिवृत प्राचार्य डॉ.(प्रो.)भूपेन्द्र प्रसाद।

सम्बंधित खबरें


महर्षि वेदव्यास के सम्मान में मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा- डॉ.मधेपुरी

योग गुरु स्वामी रामदेव द्वारा संचालित भारत स्वाभिमान, पतंजलि योग समिति एवं किसान सेवा समिति के तत्वावधान में स्थानीय श्री कृष्ण मंदिर सह पतंजलि जिला कार्यालय में डॉ.एनके निराला की अध्यक्षता में आषाढ़ पूर्णिमा तदनुसार 10 जुलाई गुरुवार को गुरु पूर्णिमा का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय उद्घोषक पृथ्वीराज यदुवंशी एवं उनकी धर्मपत्नी रिंकी यदुवंशी को यजमान बनाकर राकेश कुमार भारती एवं सुभाष चंद्र यादव द्वारा पूजा अर्चना एवं होम आदि कराया गया।

मौके पर मुख्य अतिथि समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी एवं विशिष्ट अतिथि मुखिया परमेश्वरी प्रसाद यादव मौजूद रहे। शिक्षाविद् डॉ.मधेपुरी ने कहा कि आषाढ़ पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इसी गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इसी दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। उन्होंने वेदों के माध्यम से मानवता को ज्ञान का मार्ग दिखाया था। इसी महान कार्य के कारण वेदव्यास को आदि गुरु के रूप में पूजा जाता है। उनके ही सम्मान में इस दिन को ‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है।

इस अवसर पर पतंजलि नगर अध्यक्ष रितेश कुमार, मंदिर व्यवस्थापक किशोर बाबू, प्रो.अरुण कुमार, प्रो.अमरेंद्र कुमार, मनोज कुमार, रतन अग्रवाल, सेवानिवृत प्राचार्या गीता रस्तोगी, पूनम देवी, संजू देवी, चंद्रप्रभा देवी, रेखा देवी आदि सैकड़ो श्रद्धावान नर-नारी मौजूद थे।

 

सम्बंधित खबरें


हेल्थ फिटनेस एवं प्रदूषण मुक्त विश्व के लिए साइकिल सवारी आवश्यक- डॉ.मधेपुरी

आज 1 जून, 2025 (रविवार) के प्रातः मधेपुरा को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने तथा युवाओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए सैकड़ों स्कूली बच्चे-बच्चियों को टीपी कॉलेजियेट के परिसर से ‘मेरा युवा भारत’ वाला बैज एवं ‘माय भारत’ अंकित सफेद टोपी के साथ “समर्थ युवा-सशक्त भारत” कार्यक्रम के तहत मधेपुरा के जाने-माने प्रखर समाजसेवी-साहित्यकार एवं बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो.(डॉ.) भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी एवं विश्वविद्यालय के पूर्व एनएसएस पदाधिकारी डॉ.अभय कुमार के साथ-साथ युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के स्वायतशासी संस्था “मेरा युवा भारत” की निदेशिका हुस्न जहां द्वारा हरी झंडी दिखाकर साइकिल जुलूस को विदा किया गया। यह “समर्थ युवा-सशक्त भारत” साइकिल जागरूकता रैली भूपेंद्र चौक होते हुए थाना चौक होकर कर्पूरी चौक तक जाकर समाप्त हुआ।

भूपेंद्र चौक के पास साइकिल रैली को संबोधित करते हुए शिक्षाविद डॉ.मधेपुरी ने बच्चों से कहा कि महात्मा गांधी भी बचपन में बिना चैन वाली साइकिल को पैर के बल से चलाते थे और बापू ने हमें हेल्थ फिटनेस की सीख दी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हेल्थ फिटनेस एवं प्रदूषण मुक्त संसार बनाने के लिए आजकल साइकिल से जाकर ही सब्जियां खरीदते हैं। साइकिल रैली को पूर्व समन्वयक डॉ.अभय कुमार एवं मेरा युवा भारत की निदेशिका हुस्न जहां ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री ने 3 जून को मनाए जाने वाले विश्व साइकिल दिवस को “संडेज ऑन साइकिल” कर दिया है। इसीलिए इसे आज 1 जून (रविवार) को आयोजित किया गया।

सम्बंधित खबरें


नगर परिषद क्षेत्र का सर्वांगीण विकास मेरी प्राथमिकता- तान्या कुमारी

मधेपुरा नगर परिषद के युवा कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी के कार्यकाल में मधेपुरा के चौक-चौराहों पर समाजवादी चिंतक भूपेंद्र नारायण मंडल, सामाजिक न्याय के पुरोधा बीपी मंडल, भारतरत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर, एवं जय हिंद सेनानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस आदि जैसी हस्तियों के स्मारकों को तिरंगे रोशनी से जगमगाये रखने एवं नगर परिषद को सजाने-संवारने के लिए नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी सहित शहर के सामाजिक कार्यकर्ता मो.शौकत अली ने अवकाश प्राप्त प्राचार्य डॉ. सुरेश भूषण, अधिवक्ता मो.जाकिर, समाजसेवी योगेंद्र मंडल, जवाहर पासवान आदि की मौजूदगी में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अंगवस्त्रम व पुष्पगुच्छ एवं पराधीन भारत में स्वाधीन सोच रखने वाले रासबिहारी लाल मंडल पर स्वरचित पुस्तक भेंट की। इस अवसर पर वार्ड पार्षदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित शहर के कई गणमान्यों ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके ही कार्यकाल में नागरिक संसाधन व सुविधाओं का बोर्ड प्रत्येक चौक-चौराहे पर लगाया गया। कई रोड भी बनाए गए और अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।

शिक्षाविद् डॉ.मधेपुरी ने 26 वार्डों मे सड़कों पर बने भवनों को काले रंग से चिन्हित करने, चिल्ड्रन पार्क के सौंदर्यीकरण एवं सड़कों का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के निदेशानुसार करने की बात कही। वहीं समाज सेवी शौकत अली ने कहा कि सभी वार्ड में चिल्ड्रन पार्क हो, रोशनी हो और नाला बने। अंत में कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी ने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र का सर्वांगीण विकास उनकी प्राथमिकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अपनी धरोहरों को तिरंगे रोशनी में जगमगाता देख मधेपुरा की आने वाली पीढ़ी गौरवान्वित होती रहेगी तथा उन्हें सहेजने की जरूरत भी महसूसती रहेगी।

 

सम्बंधित खबरें


डॉ.रवि के सत्कर्मों की गाथा युगों तक गूंजेगी- डॉ.केके मंडल

कौशिकी क्षेत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन के अंबिका सभागार में प्रखर साहित्यकार, कुशल राजनेता एवं सामाजिक संबंधों को सदैव तरजीह देने वाले बीएनएमयू के संस्थापक कुलपति डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि की चौथी पुण्यतिथि पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.केके मंडल की अध्यक्षता में मनाई गई। उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि शिक्षा एवं राजनीति के क्षेत्र में डॉ.रवि की विशिष्ट पहचान रही है। साहित्यिक क्षेत्र में भी डॉ रवि का अविस्मरणीय योगदान रहा है। उन्होंने एक दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना की है। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व महान शिक्षाविद रहे हैं। ऐसे लोग युगों में पैदा होते हैं। डॉ.रवि के सत्कर्मों की गाथा युगों तक गूंजेगी।

मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.सीताराम शर्मा ने कहा कि डॉ.रवि ने शैक्षणिक व राजनीतिक क्षेत्र के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों में भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है। साहित्यकार प्रो.मणि भूषण वर्मा ने कहा कि मेरे गुरु रहे डॉ.रवि हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध विद्वान, स्वाभिमानी शिक्षक के साथ-साथ प्राचार्य के रूप में कुशल प्रशासक एवं सांसद के रूप में लोकप्रिय राजनेता थे।

सम्मेलन के सचिव डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि कोसी, मिथिलांचल एवं सीमांचल के शिक्षा-साहित्य एवं राजनीतिक जगत में अविस्मरणीय योगदान के लिए डॉ.रवि सदैव याद किए जाएंगे। प्रो.अरुण ने कहा कि डॉ.रवि हरदिल अजीज इंसान एवं लोकप्रिय जननेता थे। शिक्षा शास्त्री डॉ.आलोक कुमार एवं प्रखर गजलकार सियाराम यादव मयंक ने कहा कि उन्होंने संसदीय क्षेत्र के लोगों से जो अटूट संबंध बनाया है वे कभी डॉ.रवि को नहीं भुला पाएंगे। आदित्य कुमार नवनीत कुमार रोशन कुमार साजन गोलू पियूष आदि भी मौजूद रहे। आरंभ में दीप प्रज्वलित कर तमसो मा ज्योतिर्गमय का आह्वान किया गया। और फिर डॉ.रवि के तैल चित्र पर सबों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। अंत में डॉ. श्यामल कुमार सुमित्र ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

सम्बंधित खबरें


काश ! मेरे बचपन के वो दिन लौट आते !!

समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी का जन्म ब्रिटिश भारत में हुआ था। तबसे उनके पैतृक घर के सटे दोनों तरफ मुस्लिम भाइयों का घर था और अभी भी है। भारत ब्रिटिश हुकूमत से 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। जिस दिन आजादी मिली थी उस दिन रमजान का महीना था- 27वाँ रोजा और आखिरी जुम्मा यानी अलविदा जुम्मा का दिन। चारो ओर खुशी का माहौल था। परंपरा से चले आ रहे हिंदू -मुस्लिम सद्भाव की पुष्टि इस बात से हो रही थी कि ईद के दिन ईदगाह में हिंदू समुदाय के लोग मुस्लिम भाइयों को मिठाइयां खिलाते हुए मुसलमानों में यह विश्वास जगाने में लगे थे कि यह देश बंटवारे से पहले जितना उनका था उतना ही आगे भी बना रहेगा। उन्हें इसको छोड़कर जाने की जरूरत नहीं है।

डॉ.मधेपुरी बताते हैं कि बहुरी मियां, मो.ईसाक और मो.मकसूद आदि को वे उसी तरह पैर छूकर प्रणाम करते जिस तरह अपने पिताजी के भाइयों को। उनके साथ खेलने वाले मुस्लिम बच्चों को ताजिया में जिस तरह जंगी बनने वाला ड्रेस पहनाया जाता था वैसे ही ड्रेस उनकी मां द्वारा उन्हें भी पहनाया जाता था। उन दिनों मोहर्रम का ताजिया हिंदुओं के घर पर आता था और उन्हें ससम्मान चावल/रुपये दिए जाते थे। हिंदू भी रोजा रखते तो मुसलमान भाई भी दुर्गा पूजा में सम्मिलित होते थे। परंपरा से चले आ रहे हिंदू-मुस्लिम सद्भाव को आज कौन सा रोग पकड़ लिया है कि अब होली, ईद, रामनवमी, मोहर्रम आदि पर्वों पर प्रशासन को अपनी पूरी मुस्तैदी के साथ सतर्कता पर बरतनी पड़ती है। दोनों समुदायों के लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर में बंद कर लेते हैं। काश ! मेरे बचपन के वो दिन लौट आते !!

सम्बंधित खबरें


1974 के छात्र आंदोलन में हुए शहीद सदानंद को दी गई श्रद्धांजलि

मधेपुरा में शहीद सदानंद के शहादत-स्थल पर जेपी सेनानी व भूतपूर्व एमएलसी विजय कुमार वर्मा, समाजसेवी-साहित्यकार एवं 1974 के छात्र आंदोलन में सक्रिय डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, जेपी सेनानी इंद्र नारायण यादव प्रधान, नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव, प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, जय किशोर यादव, डॉ.विजेंद्र कुमार, पूर्व मुखिया जयकांत यादव, पूर्व मुखिया अरविंद कुमार, मुन्ना जी, गोपाल जी, डॉ.अमरेश कुमार, संदीप कुमार, भोला यादव, रंजय कुमार, महेंद्र पटेल, प्रमोद प्रभाकर, राजेंद्र प्रसाद यादव, अमरेंद्र कुमार, देव प्रकाश, तेज नारायण यादव आदि ढेर सारे लोगों ने पुष्पांजलि की और शहीद सदानंद अमर रहे के नारे लगाए।

जेपी सेनानी विजय कुमार वर्मा ने कहा कि ऐतिहासिक 19 मार्च 1974 के छात्र आंदोलन के बाद शहीद सदानंद के शहादत-स्थल पर देश के शीर्षस्थ नेताओं का आगमन हुआ- पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल, जननायक भारतरत्न कर्पूरी ठाकुर जैसे अनेकानेक नेताओं के द्वारा पुष्पांजलि की गई। उन्होंने मांग की कि शहीदों को राजकीय दर्जा मिले।

शिक्षाविद् डॉ.मधेपुरी ने शहीद सदानंद के 52वें शहादत दिवस पर कहा कि पराधीन भारत में अल्पायु में ही जिस तरह शहीद हुए थे खुदीराम बोस व शहीद चुल्हाय यादव, उसी तरह स्वाधीन भारत में 1974 के 19 मार्च को अल्पायु में ही छात्र आंदोलन में टीपी कॉलेजिएट के नौवीं कक्षा के छात्र सदानंद हुए थे शहीद। डाॅ.मधेपुरी ने कहा कि 1974 के 18 मार्च को पटना में छात्रों ने महंगाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन किया था, जिसमें तत्कालीन महामहिम राज्यपाल बी.आर.भंडारे को विधानसभा जाने के क्रम में रोकने पर पुलिस की गोली के शिकार हुए थे कुछ छात्र। प्रतिक्रिया स्वरूप मार्च 19 को मधेपुरा में हुए छात्र आंदोलन में पुलिस की गोली से शहीद हुए छात्र सदानंद।

सम्बंधित खबरें


डॉ.केएस ओझा का यूं चला जाना शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति- डॉ.मधेपुरी

बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पांच अंगीभूत महाविद्यालयों में प्राचार्य के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़कर सेवानिवृत्त हुए रसायन शास्त्र के ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठित विद्वान व लोकप्रिय प्रोफेसर डॉ.कृपा शंकर ओझा  (डॉ.केएस ओझा के नाम से सुविख्यात) के आकस्मिक निधन से कोसी अंचल के शिक्षाविदों की भारी क्षति हुई है। वे अत्यंत मिलनसार, विवेकी एवं ईर्ष्या-द्वेष से ऊपर उठकर सदैव संस्था के हित में सोचा करते थे। उनका यूँ चला जाना छात्र, शिक्षक और शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।

मैं उस दिन से उनका मुरीद हो गया जब यह जाना कि वे भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय, बालमुकुंद नगर, साहूगढ़, मधेपुरा के ऑफिस में ही परीक्षा के दरमियान रात में रह जाया करते थे, क्योंकि अपने स्थायी निवास सहरसा से आने में विलंब होने पर परीक्षा में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो पाए ! उनका सामाजिक व शैक्षिक कार्यों से विशेष अनुराग रहता था। जब मैं बीएनएमयू के पूर्व कुलपति स्मृतिशेष डॉ.महावीर प्रसाद यादव के सुपुत्र डॉ.अरुण कुमार, सिनेटर डॉ.नरेश कुमार के साथ महाविद्यालय परिसर में डॉ.महावीर प्रातिभ पीठ का उनके परिजनों द्वारा निर्माण कराने हेतु 2021 में उनसे भूमि चिन्हित कराने हेतु गया था तो उनका सहज सहयोग व सदप्रयास सराहनीय ही नहीं बल्कि सर्वाधिक प्रशंसनीय भी रहा था। वे मृदुल स्वभाव एवं सुलझे सोच के एक नेक दिल इंसान थे। वे छात्रों से लेकर विश्वविद्यालय पदाधिकारियों के बीच अंत तक लोकप्रिय बने रहे। मुझे कई अवसर पर उनके साथ मंच साझा करने का भी मौका मिला था। वे हमेशा औरों का सर्वाधिक ख्याल रखते थे। मैं व्यक्तिगत रूप से उनके निधन से आहत हूं। वे मेरे स्मरण व संस्मरण में हमेशा जीवित रहेंगे। उनके निधन पर इस महाविद्यालय के सेवानिवृत्त पूर्व प्राचार्य एवं पूर्व प्रतिकुलपति डॉ. केके मंडल, सेवानिवृत्त पूर्व प्राचार्य  प्रो.श्यामल किशोर यादव, बीएनएमयू के रसायन शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) नरेश कुमार, सेवानिवृत्त जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) अरुण कुमार एवं पूर्व प्राचार्य डॉ.पीएन पीयूष एवं डॉ.शेफालिका शेखर आदि ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।

 

 

सम्बंधित खबरें


मधेपुरीयन होली में प्रेम और भाईचारे का अद्भुत संगम

मधेपुरा में होली के दिन शिक्षाविद् डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी के निवास ‘वृंदावन’ में हिंदू-मुस्लिम एवं अगड़े-पिछड़े सबों ने मिलबैठ कर होली मनाई। सामाजिक न्याय के पुरोधा बीपी मंडल के पिताश्री समाज सुधारक व स्वतंत्रता सेनानी रासबिहारी लाल मंडल से लेकर गांधीवादी शिवनंदन प्रसाद मंडल, समाजवादी भूपेन्द्र नारायण मंडल एवं एमएलसी मोहम्मद कुदरतुल्लाह आदि ने मधेपुरा को इस प्रकार संस्कारित किया कि 14 मार्च को मधेपुरीयन होली में चारो ओर प्रेम और भाईचारे का अद्भुत संगम दिखा। इस होली मिलन में अंतरराष्ट्रीय उद्घोषक पृथ्वीराज यदुवंशी, शौकत सेवार्थ सदन के संस्थापक सामाजिक कार्यकर्ता मो.शौकत अली, वेदव्यास महाविद्यालय के संस्थापक डॉ. रामचंद्र प्रसाद मंडल, चर्चित कवि-साहित्यकार व पूर्व प्राचार्य प्रो.मणिभूषण वर्मा आदि ने अपने गुरु डॉ.मधेपुरी के चरणों पर अबीर रखा और उन्होंने सबों के माथे पर अबीर लगाकर अपने अंदर की सारी बुराइयों, ईर्ष्या, द्वेष आदि को खत्म करने तथा सदैव प्रेम व आपसी भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। सामाजिक समरसता को बरकरार रखते हुए सबों ने एक साथ होली पर बने पकवान खाकर त्योहार की मिठास को और अधिक बढ़ाया। सबों ने पुष्प की होली भी खेली।

आरंभ में सबों ने वृंदावन परिसर के पेड़ों के साथ होली खेलते हुए यही कहा कि सफाई, समरसता और पर्यावरण संरक्षण का पर्व है होली। अंत में डॉ.मधेपुरी ने रासबिहारी लाल मंडल पर लिखी अपनी पुस्तक- ‘पराधीन भारत में स्वाधीन सोच’ की एक-एक प्रति सामाजिक कार्यकर्ता मो.शौकत अली के अलावे सबों को दी। आजकल डॉ.मधेपुरी की ये पंक्तियां खूब वायरल हो रही हैं-

होली ईद मनाओ मिलकर/ कभी रंग को भंग करो मत/ भारत की सुंदरतम छवि को/ मधेपुरी बदरंग करो मत।

सम्बंधित खबरें