रासबिहारी बाबू थे उच्च कोटि के समाज सुधारक व स्वतंत्रता सेनानी- डॉ.मधेपुरी

स्थानीय रासबिहारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में समाज-सुधारक रासबिहारी लाल मंडल की 103वीं पुण्यतिथि मनाई गई। सर्वप्रथम उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि की- उनके पौत्र प्रो.प्रभाष चंद्र यादव, प्रपत्र डॉ.ए.के.मंडल विद्यालय के प्रधानाध्यापक, स्कूल की महिला व पुरुष सभी शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी सहित उपस्थित छात्रगण।

Samajsevi & Author of "Rasbihari Lal Mandal : Paradhin Bharat Mein Swadhin Soch" Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri addressing people on the occasion of 103rd Punyatithi of Rasbihari Lal Mandal.
Samajsevi & Author of “Rasbihari Lal Mandal : Paradhin Bharat Mein Swadhin Soch” Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri addressing people on the occasion of 103rd Punyatithi of Rasbihari Lal Mandal.

मौके पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, एसएनपीएम के प्राचार्य डॉ.संतोष कुमार, टीपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सुरेश भूषण, रामनरेश, गांधी आदि ने भी उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि किया।

प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में कार्यक्रम को सर्वप्रथम स्कूल के शिक्षकों ने संबोधित किया। प्रो.प्रभाष चंद्र ने अपने संबोधन में रासबिहारी बाबू का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में योगदान को प्रकाश में लाकर श्रोताओं को प्रभावित किया। डॉ.संतोष कुमार, डॉ.सुरेश भूषण ने भी श्रद्धांजलि के शब्द पुष्प अर्पित किया।

समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि रासबिहारी बाबू उच्च कोटि के समाज सुधारक एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। वे बने बनाए पद चिन्हों पर कभी नहीं चले बल्कि स्वयं के द्वारा पद चिन्हों को तैयार करते रहे। वे जीवन भर गरीबों और वंचितों की राह सजाते रहे। अंग्रेजों के सामने कभी नहीं झुके। उन्हें सभी मिथला का शेर भी कहा करते थे। समारोह का संचालन स्काउट एंड गाइड के आयुक्त जयकृष्ण यादव ने किया।

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