Amritsar Tragedy 2018

दशहरे का दर्द ! रावण ने 60 को मार डाला !!

अमृतसर में दशहरे की शाम हुई एक बड़ी दुर्घटना के कारण दशहरे का उत्सव बड़े मातम में तब्दील हो गया। अमृतसर शहर से सटे जोड़ा फाटक के पास शाम क़रीब साढ़े छह बजे रावण दहन का कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें मुख्य अतिथि थीं पंजाब सरकार के पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की धर्मपत्नी नवजोत कौर सिद्धू। बताया जा रहा है कि जब रावण के पुतले को आग लगाई गई तो मंच से लोगों को पीछे हटने की अपील की गई।भीड़ बहुत ज्यादा थी लोग रेल ट्रैक पर खड़े होकर रावण वध का वीडियो अपने-अपने मोबाइल से बनाने में मशगूल थे।ज्ञातव्य हो कि ना तो आयोजकों की ओर से और ना ही रेल कर्मियों की ओर से ही लोगों को रेल ट्रैक पर खड़ा होने से मना किया गया। जबकि लगभग 5000 लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े थे। तभी तेज़ रफ़्तार से  आती हुई जालंधर-अमृतसर डीएमयू ट्रेन ने रेलवे लाइन पर खड़े लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। मात्र 5 सेकेंड के बाद ट्रेन के गुजरते ही चारों तरफ लाशें ही लाशें बिखरी पड़ी थी। हृृृृदय विदारक दृृृष्य…..!!

दूसरी ओर महाविजयादशमी के पवित्र अवसर पर संपूर्ण देश में दुर्गा पूजनोत्सव को लेकर भव्य आयोजनों की धूम मची थी। चारों ओर बस यही आवाजें गूंज रही थी-

हे माँ दुर्गे भवानी। जन-जन और कण-कण का कल्याण करो…. हे कल्याणी !!

जानकारी मिलते ही सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इजरायल की यात्रा रद्द कर दी और हादसे की जाँच करने की घोषणा भी कर दी। साथ ही जहाँ मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक-परिवार को 5-5 लाख रुपये देने की घोषणा की वहीं प्रधानमंत्री ने प्रत्येक मृतक परिवार को 2-2 लाख देने की घोषणा की। सीएम ने घटना स्थल का मुआयना भी किया। अमृतसर रेल हादसे के बाबत एफ आई आर भी दर्ज किया गया। 4 हफ्ते में जांच रिपोर्ट भी मांगी गई। रेलवे द्वारा भी जाँच कराने की बात कही गई।

कुछ नेता लोग मृतक परिवार को सांत्वना देने के बजाय राजनीति करने में लगे हैं। कुछ इसे “हादसा” नहीं “हत्या” बता रहे हैं। कुछ 60 मृतकों के हत्यारे को तलाशने में लगे हैं….. लेकिन उन बच्चों का क्या होगा जो अनाथ हो गये…. उस परिवार का क्या होगा जिसमें कोई कमाने वाला नहीं बचा…..!!

अंत में यह भी कि इस हादसे में बिहार के 5 लोगों के मरने की पुष्टि की गई है जिनके नाम हैं- राजेश भगत (सलोना), चंद्रिका यादव (मुजौना), जितेंद्र दास एवं उनके दो वर्षीय पुत्र शिवम (ममलखा) तथा नीतीश महतो (घोसवारी)। इन बिहार निवासी पाँचो मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा 2-2 लाख रुपये अनुदान राशि दिए जाने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके परिजनों को अनुग्रह राशि के रूप में एक लाख मुख्यमंत्री राहत कोष से और एक लाख प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना से देने की बात कही है। यूं तो हादसे पर सबने अपना पल्ला झाड़ लिया, परंतु सीएम नीतीश कुमार ने इतना ही कहा कि सचेत रहने पर नहीं होती ऐसी घटना…..!

सम्बंधित खबरें