मधेपुरा प्रखंड के 17 पंचायतों के कुल 450 विभिन्न सीटों के लिए शाम 5 बजे तक 61% वोटिंग

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में मधेपुरा सदर प्रखंड के 17 पंचायतों में जिला परिषद के 2, मुखिया-सरपंच के 17-17, पंचायत समिति सदस्य के 22, वार्ड सदस्य 227 एवं पंच के 165 यानि कुल 450 पदों के लिए 61 फीसद मतदान हुआ।

बता दें कि उक्त चुनाव कार्य को संपन्न कराने में लगे थे 229 पुलिस पदाधिकारी, 219 सिपाही एवं होमगार्ड के 410 जवान। इसके अतिरिक्त जिले के सभी आलाधिकारीगण। मतदान के बाद देर रात तक टीपी कॉलेज मतगणना स्थल तक आता रहा इवीएम मशीन एवं बैलट बॉक्स।

मतगणना कार्य 01 एवं 02 अक्टूबर को टीपी कॉलेज में होगी।

 

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आज बिहार की बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम है क्या ?

वर्ष 1994 में जब बिहार के मुख्यमंत्री थे लालू प्रसाद तब बिहार में केवल 53 महिला पुलिस अधिकारी थीं अब 27 वर्षों के बाद जब सूबे के मुख्यमंत्री हैं नीतीश कुमार तो बिहार को पहली बार 615 महिला पुलिस अधिकारी मिली है।

बता दें कि सीएम नीतीश कुमार सदैव न्याय के साथ विकास और सशक्त महिला, सक्षम महिला केवल बोलते ही नहीं, बल्कि गंभीरता पूर्वक यह कहते कि महिलाओं की सुरक्षा सबसे जरूरी है। यह भी कि राज्य में कानून का राज कायम रखना मेरी प्राथमिकता है। तभी तो सभी थानों में महिला पुलिस पदाधिकारी का होना अनिवार्य कर दिया गया है।

Lady Police Officers in Bihar.
Lady Police Officers in Bihar.

जानिए कि झारखंड अलग होने के बाद बिहार में ट्रेनिंग की व्यवस्था नहीं थी। राजगीर में बेहतर सुविधाओं के साथ पुलिस अकादमी का निर्माण किया गया। महिलाओं को नीतीश सरकार द्वारा 35% आरक्षण दिया गया। पहली खेप में इतनी संख्या में महिला पुलिस अधिकारी देख सीएम नीतीश कुमार ने भावविभोर होकर बस इतना ही कहा- “देश में सबसे ज्यादा महिला पुलिसकर्मी अपने बिहार में है।” सीएम ने यह भी कहा कि हम पुलिस के काम में हस्तक्षेप नहीं करते। ना किसी को बचाते हैं, ना फंसाते हैं। पुलिस भी यही करे। पुलिस का जो संवैधानिक दायित्व है वही करें।

चलते-चलते यह भी कि इन महिला पुलिस पदाधिकारियों के रूप में अन्य करतबों के अलावे चलती बुलेट मोटरसाइकिल पर 3 नॉट 3 राइफल थामे बेटियों को देख उनके भाव विभोर माता-पिता के अलावे समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी सहित मौजूद भीड़ की तालियों की गड़गड़ाहट का मनोभाव बस यही था- हमारी बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम है क्या ?

 

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जन्मदिन पर बच्चों से बोले डॉ.मधेपुरी- लता जी के सम्मान में भारतीय क्रिकेट द्वारा इंटरनेशनल मैच में क्यों रखा जाता है एक सीट खाली

आज 28 सितंबर को भारतरत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर की 93वीं जन्म जयंती है। इस अवसर पर फिल्म इंडस्ट्री से लेकर भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोग जो लता जी से किसी न किसी रूप में उपकृत हुए हैं, वे उनके साथ किए गए काम के अनुभवों को साझा करने से बाज नहीं आते।

बता दें कि समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अपने वृंदावन निवास में कुछ बच्चों को बुलाकर स्वर कोकिला भारतरत्न लता मंगेशकर द्वारा विभिन्न भाषाओं में हजारों-हजार गाने की प्रस्तुतियों पर विस्तार से चर्चा की। डॉ.मधेपुरी ने बच्चों से यह भी कहा कि लताजी अपने आप में गायकी का एक वृहत्तर स्कूल हैं। उनकी गायकी मील का पत्थर है। तभी तो आज भी लोग किसी की सुरीली आवाज को सुनकर यही कह उठता है कि यह तो लता मंगेशकर जैसी आवाज है। जिन्हें लता जी के साथ कभी गाने का मौका मिल गया वह गायक अपना सौभाग्य मानता है। जैसे लोगों की नजर में क्रिकेट का भगवान सचिन तेंदुलकर है, वैसे ही गायकी का भगवान है लता मंगेशकर।

अंत में डॉ.मधेपुरी ने बच्चों से कहा कि जब क्रिकेट के कप्तान कपिल देव ने विश्व कप जीता था तो बीसीसीआई के पास इतना पैसा नहीं था कि वह खिलाड़ियों को डिनर पर बुलाता, इनाम तो बहुत दूर की बात थी। वैसी विकट परिस्थिति में लता जी ने क्रिकेट प्रेमियों के अनुरोध पर दिल्ली के इंद्रप्रस्थ स्टेडियम में एक चैरिटीशो का आयोजन किया था। उन्हें सुनने के लिए इतने टिकट बिके कि बीसीसीआई निहाल हो गया। यह बात है अगस्त 1983 की।

जानिए कि तब से ही भारत में कहीं भी इंटरनेशनल क्रिकेट मैच होता है तो बीसीसीआई लता जी के लिए एक सीट हमेशा खाली (रिजर्व) रखता है, चाहे वह स्वर कोकिला भारतरत्न लता मंगेशकर मैच देखने जाएं या अंत तक नहीं आएं। लता जी के उस महादान के लिए बीसीसीआई 1983 से आज तक उन्हें यह महासम्मान देता चला आ रहा है।

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सहरसा के सपूत सुप्रभात बने गूगल इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट

सहरसा के आरएम कॉलेज में प्रभारी प्रधानाचार्य रहे प्रखर समाजशास्त्री, ओजस्वी वक्ता एवं अद्वितीय नेक इंसान प्रो.(डॉ.)विनय कुमार चौधरी के 21 वर्षीय सुपुत्र सुप्रभात वत्स हाल ही में अपनी प्रतिभा, लगन व मेहनत के बल पर गूगल इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट बने हैं।

बता दें कि कंप्यूटर साइंस की विभिन्न विधाओं में दक्षता प्राप्त सुप्रभात वत्स के वाइस प्रेसिडेंट बनने पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ उनके परिवार, सगे-संबंधियों व शुभचिंतकों में खुशी का माहौल है। यह भी जानिए कि गुड़गांव स्थित गूगल इंडिया के कार्यालय में विगत अगस्त माह में योगदान देने के बाद से ही इनकी प्रतिभा को देखकर विदेशी तीन विश्वविद्यालय- ऑक्सफोर्ड, स्टैनफोर्ड व हावर्ड ने कंप्यूटर साइंस में ‘इंटीग्रेटेड कोर्स विद पीएचडी’ के लिए पूरी स्कॉलरशिप देने की भी घोषणा कर चुकी है। यह भी कि इस दौरान सम्मानजनक वेतन देने की भी घोषणा की है। क्योंकि, वे इससे पहले कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में भी काम के दौरान अपनी प्रतिभा का नजारा पेश कर चुके हैं।

जानिए कि अमेरिका से कंप्यूटर साइंस में दक्षता प्राप्त सुप्रभात वत्स की प्रारंभिक पढ़ाई सहरसा डीपीएस से हुई। कोलकाता के एडवांस यूनिवर्सिटी से बी टेक इन कंप्यूटर साइंस किये। सुप्रभात की पारिवारिक पृष्ठभूमि पढ़ाकू है। इनकी मां डॉ.कल्पना चौधरी, समाजशस्त्र में पीएचडी हैं। बड़ी बहन रिचा मैनेजमेंट करके फ्रांस की कंपनी ‘एटास’ में कार्यरत हैं। छोटी बहन भी इंडियन ओवरसीज बैंक में अधिकारी हैं। वे कहते हैं कि बिहार सरकार के वर्तमान युवा मामले के मंत्री डॉ.आलोक रंजन उनके ‘आइकोन’ रहे हैं।

अंत में यह भी कि दो दिन कबल सुप्रभात वत्स स्वयं मधेपुरा आकर अपने पिताश्री के अत्यंत करीबी समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी से आशीर्वाद ग्रहण करते हुए इतना ही बोले- “अंकल ! अपने देश में ही रह कर काम करना चाहता हूं। देश में काम करने से मुझे गर्व का अनुभव होता है और सुकून महसूस होता है।” यह जानने के बाद सुप्रभात को सदैव प्रोत्साहित करते रहने वाले डॉ.मधेपुरी ने इस प्रकार शुभकामनाएं व्यक्त की-

कोसी मिथिला का सुप्रभात,

यह विनयकल्प का प्यारा है ।

 है यही बिहारी ‘गूगल बॉय’

भारत का राज दुलारा है ।।

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संवेदनशील सीएम का सुंदर निर्णय

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में पहली से बारहवीं तक के सभी छात्र-छात्राओं के बीच साइकिल, पोशाक एवं छात्रवृत्ति योजना के तहत राशि भुगतान हेतु एक शर्त निर्धारित की जाती रही है। शर्त यही कि अप्रैल से सितंबर तक जिन बच्चों की वर्गों में 75% हाजिरी होती है उन्हें ही उक्त योजनाओं के तहत राशि देने का प्रावधान निर्धारित है।

बता दें कि कोरोना महामारी के कारण राज्यादेश के चलते स्कूल-कॉलेज व सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखा गया। फलस्वरूप सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य सरकार के कैबिनेट ने 1 साल (2021-22) के लिए 75% हाजिरी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। ज्ञातव्य हो कि 75% हाजिरी की अनिवार्यता को केवल इस साल के लिए ही शिथिल किया गया है। इसी शर्त पर बजट में राशि का भी प्रबंध किया गया है।

जानिए कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने से अब राशि बच्चों के खाते में भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सूबे के मुखिया की संवेदनशीलता पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए समाजसेवी-शिक्षाविद् डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साइकिल-पोशाक योजना को वैश्विक प्रसिद्धि प्राप्त करने की कामना की है।

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एक बिहारी सब पर भारी

चाहे यूपीएससी का टॉपर कटिहार का शुभम कुमार हो या देश के कुल महिला पुलिस से भी अधिक एक प्रदेश ‘बिहार’ को महिला पुलिस बल देने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हो- दोनों आज इस मुहावरे को सौ फ़ीसदी चरितार्थ करते हैं। तभी तो कल तक सीएम नीतीश कुमार की सराहना करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने आज अमेरिका से आईएएस टॉपर शुभम कुमार व अन्य को बधाइयां दी है।

भारत की सर्वाधिक प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा- 2020 में टॉपर बना है बिहार प्रदेश के कटिहार जिले का शुभम कुमार जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं कटिहार के विधायक सह उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद द्वारा जमकर हार्दिक बधाइयां एवं शुभकामनाएं दी जाती रही हैं।

बता दें कि एक बिहारी सब पर भारी ही नहीं, इस बार तो टॉप-10 में तीन-तीन बिहारियों ने अपनी जगह बना ली है। प्रथम रैंक पाया है कटिहार जिले का शुभम कुमार, सातवें रैंक पर हैं जमुई के प्रवीण कुमार और दसवें रैंक पर काबिज हुए हैं समस्तीपुर जिले के सत्यम।

अब बिहार पीछे नहीं रहेगा। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की हिम्मत को और बल मिलता रहेगा- यूपीएससी में 22वाँ रैंक लाने वाले मधेपुरा जिला के नीतेश कुमार, 45वाँ लाने वाले किशनगंज जिले के अनिल और 52वाँ रैंक लाने वाले पूर्णिया जिले के आशीष कुमार जैसों के रिजल्ट से तथा उनके बेहतर समाज निर्माण के संकल्पों से।

चलते-चलते यह भी कि “जो करेगा मधेपुरा को गौरवान्वित, उन्हें करेंगे डॉ.मधेपुरी सम्मानित” कार्यक्रम के तहत समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने घोषणा की है कि मधेपुरा जिले के नए आईएएस नीतेश कुमार को भी सम्मानित किया जाएगा। यह भी जानिए कि इस परीक्षा 761 सफल हुए जिनमें से सामान्य वर्ग में 263, ईडब्ल्यूएस में 86, ओबीसी में 229, एससी में 122 एवं एसटी में 61 चयनित हुए हैं।

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बिहारी मरीजों को अब अंग प्रत्यारोपण के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा- डॉ.मनीष मंडल

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान यानि आईजीआईएमएस पटना के अधीक्षक डॉ.मनीष कुमार मंडल ने कहा कि अब बिहार में भी अंग प्रत्यारोपण का कार्य संस्थान में शुरू हो गया है। बिहार के मरीजों को अब अंग प्रत्यारोपण के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अंग प्रत्यारोपण में सरकार द्वारा भी आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति इसका लाभ लेकर अपनी बहुमूल्य जिंदगी बचा सकें।

बता दें कि अंग प्रत्यारोपण का मतलब होता है किसी शरीर से एक स्वस्थ एवं क्रियाशील अंग को निकाल कर उसे किसी दूसरे शरीर के क्षतिग्रस्त या विफल अंग की जगह लगाना। यह क्रियाशील अंग किसी जीवित या तत्काल मृत व्यक्तियों के शरीर से निकाला गया होना चाहिए। प्रत्यारोपित होने वाले अंगों में ह्रदय, किडनी, फेफरा, आंखें आदि शामिल हैं। पहला किडनी प्रत्यारोपण 50 वर्षीय एक महिला का किया गया और 14 दिनों तक निगरानी में रखकर सफलतापूर्वक उसे आईजीआईएमएस से छुट्टी दी गई। डॉ.मंडल ने कहा कि अब साल में 140 किडनी प्रत्यारोपित की जाएगी।

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दिनकर की छवि राष्ट्रकवि के साथ-साथ जनकवि की भी बनी रहेगी- डॉ.मधेपुरी

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर आजादी के पूर्व विद्रोही और आजादी के बाद देशभक्ति से ओतप्रोत कवि बने रहे। जिनकी सभी कविताएं मन को आंदोलित करने की हुनर और ताकत रखती हैं। तभी तो दिनकर जी सदैव राष्ट्रकवि के साथ-साथ जन कवि भी बने रहे। यह इज्जत बहुत कम कवियों को नसीब होता है। ये बातें समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कौशिकी क्षेत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन के परिसर में चल रहे तुलसी पब्लिक स्कूल द्वारा आयोजित राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की 114वीं जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में कही।

कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, विशिष्ट अतिथि श्यामल कुमार सुमित्र और समारोह की अध्यक्षता कर रहे टीपीएस के प्राचार्य डॉ.हरिनंदन यादव सहित शिक्षकगण वरुण कुमार वर्मा, मनोज कुमार एवं शिक्षिकाएं रोजी कुमारी एवं रेणु कुमारी द्वारा राष्ट्रकवि दिनकर के तैल चित्र पर बारी-बारी से पुष्पांजलि की गई। छात्र-छात्राओं ने भी पुष्पांजलि की।

इस कार्यक्रम में कौशिकी के संरक्षक, संस्थापक कुुुलपति व सांसद रह चुके डॉ.आरके यादव रवि एवं स्थाई अध्यक्ष श्री हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ की स्मृति को नमन किया गया। साथ ही दो मिनट का मौन भी रखा गया। डॉ.मधेपुरी ने विस्तार से दोनों साहित्यकारों की रचनाओं से बच्चों को अवगत कराया।

इस अवसर पर टीपीएस के निदेशक एवं कौशिकी के उप सचिव श्यामल कुमार सुमित्र एवं प्राचार्य डॉ.हरिनंदन यादव ने भी विस्तार से राष्ट्रकवि दिनकर के कृतित्व की चर्चा की। स्कूल की दो छात्राएं सृष्टि कुमारी एवं सोनी कुमारी ने भी विचार व्यक्त किया। मौके पर शिवानी कुमारी, पूजा कुमारी सहित अन्य शिक्षिकाएं भी मौजूद थीं। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक वरूण कुमार वर्मा ने किया।

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शहीद चुल्हाय मार्ग में “लोकल मैरिज ब्यूरो” का उद्घाटन किया विधायक प्रोफ़ेसर चंद्रशेखर ने

मधेपुरा मुख्यालय के शहीद चुल्हाय मार्ग (डाकबंगला रोड) में ‘लोकल मैरिज ब्यूरो’ का उद्घाटन स्थानीय विधायक, पूर्व आपदा निवारण मंत्री बिहार सरकार द्वारा फीता काटकर किया गया, जहां मुख्य अतिथि थे प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी (पूर्व परीक्षा नियंत्रक बीएनएमयू) एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व उपाध्यक्ष नगर परिषद रामकृष्ण यादव, डॉ.एनके निराला (पतंजलि जिला संयोजक भारत स्वाभिमान) एवं सुनील कुमार वार्ड- 20 के पार्षद प्रतिनिधि मौजूद थे। सबों ने इसकी सराहना की तथा उद्गार व्यक्त करते हुए इसे जनहित में लाभकारी बताया।

बता दें कि मैरिज ब्यूरो के संचालक श्री रमेश प्रसाद यादव जो बर्षों से ए टू जेड समस्याओं का निदान कर लोगों को सहूलियत पहुंचाते रहे हैं। वह किसी परिचय के मोहताज नहीं है। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रेणू यादव भी वर-वधु के बीच को-ऑर्डिनेटर का काम संभाल लेगी।

उद्घाटन के पश्चात उपस्थित नर-नारियों को संबोधित करते हुए विधायक प्रोफ़ेसर चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय संस्कृति में विवाह एक महत्वपूर्ण कार्य है जिसे पूर्व में अगवा द्वारा ठीक किया जाता था। आजकल इस कालखंड में लोगों को समय नहीं है, इसलिए अब ‘मैरिज ब्यूरो’ की जरूरत महसूस की जाने लगी है। प्रत्येक अखबार के रविवारीय अंक में वर-वधू का विज्ञापन गरीब-मजदूर-किसान नहीं कर पाते। उनके लिए यह मैरिज ब्यूरो लाभदायक साबित होगा।

मुख्य अतिथि डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा भारत में 4 वेद, 18 पुराण और 16 संस्कारों में 15वें नंबर पर है विवाह संस्कार है। इस लोकल मैरिज ब्यूरो के माध्यम से लोगों को धोखा नहीं मिलेगा। इस मैरिज ब्यूरो द्वारा बिहार के ही वर-वधू की शादी कराई जाएगी। दूसरे राज्य के लड़के बिहार की लड़कियों को ब्याह कर ले जाते और बेच दिया करते। अब उस पर रोक लग जाएगी। दहेज पर भी अंकुश लगेगा।  इस अवसर पर पतंजलि के सदस्यों की उपस्थिति सराहनीय देखी गई।

 

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रिटायर्ड आईएएस भगवानदास टेकरीवाल (पीएमजी) का डॉ.मधेपुरी के साथ शिक्षण संस्थानों में भ्रमण

पटना में चीफ पोस्ट मास्टर जनरल रह चुके सिंहेश्वर स्थान के रिटायर्ड आईएएस श्री भगवानदास टेकरीवाल, पत्नी श्रीमती पुष्पा टेकरीवाल, शिक्षाप्रेमी मनोहर लाल टेकरीवाल के पौत्र एवं द्वारिका लाल के सुपुत्र हैं। स्मरण करें कि मनोहर लाल के नाम सहरसा में कॉलेज और सहरसा, बैजनाथपुर व सिंहेश्वर आदि में हाईस्कूल है। वैसे शिक्षा प्रेमी परिवार के भगवान बाबू भारत सरकार के एडिशनल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं।

बकौल भगवान बाबू जब डॉ.महावीर प्रसाद यादव मधेपुरा के सांसद हुआ करते थे तब महावीर बाबू के साथ आए डॉ.मधपुरी जी के अनुरोध पर मधेपुरा में खपरैल घर में चल रहे डाकघर को वर्तमान पक्का घर बनाने के लिए तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्री डूमर लाल बैठा द्वारा उद्घाटन कराया गया था। साथ ही इस इलाके में दर्जनों ग्रामीण पोस्ट ऑफिस भी खोले गए थे…।

Principal Dr.K.P.Yadav, Retired IAS Bhagwan Das Tekriwal, Educationist Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri, Dr.Arun Kumar and others at T.P.College Madhepura.
Principal Dr.K.P.Yadav, Retired IAS Bhagwan Das Tekriwal, Educationist Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri, Shishir Tekriwal, Arvind Pransukhka, Dr.Arun Kumar, Sabnam and Namita at T.P.College Madhepura.

कई वर्षों बाद भगवान बाबू के सिंहेश्वर आने की जानकारी मिलते ही समाजसेवी प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी द्वारा अपने शिष्य प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार के साथ उनके घर जाकर उनसे शिक्षण संस्थानों के एक दिवसीय भ्रमण के लिए सहमति ली गई। भगवान बाबू अपने पुत्र शिशिर टेकरीवाल, पुत्र वधू नमिता, पुत्री शबनम और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद प्राणसुखका के साथ बीएनएमयू (नॉर्थ कैंपस एवं साउथ कैंपस) भ्रमण करते हुए बीएनएमवी परिसर में प्रधानाचार्य प्रो.(डॉ.)पीएन पीयूष, डॉ.नवीन कुमार सिंह, डॉ.नारायण यादव आदि के साथ डॉ.महावीर प्रातिभ पीठ में बैठकर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाते रहे। बाद में टीपी कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो.(डॉ.)केपी यादव के स्वागत से अभिभूत होकर डॉ.महावीर बाबू के घर जल ग्रहण कर संतुष्ट हुए। चर्चा के क्रम में डॉ.मधेपुरी ओम शांति को समर्पित इंजीनियर शिव प्रसाद बाबू सहित हरि बाबू, विजय बाबू… ओंकार बाबू के सामाजिक कार्यों की चर्चा विस्तार से की।

अंत में सद्भाव एवं सम्मान के साथ टेकरीवाल परिवार को डॉ.मधेपुरी, डॉ.अरुण एवं उनकी धर्मपत्नी डॉ.नमिता और उनकी बहन श्यामा ने विदाई दी और इसी तरह पुनः आने का वचन भी लिया।

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