कोसी और मिथिलांचल के बीच 84 वर्षों से टूटा रेल संपर्क फिर से होगा चालू- सांसद पप्पू यादव

सहरसा जंक्शन से सरायगढ़ तथा सरायगढ़ से निर्मली-सकरी होते हुए मिथिलांचल को जोड़ने वाले रेल खंड के बचे कार्यों को अब युद्ध स्तर पर पूरा किया जाएगा। जानिए कि 84 वर्षों से कोसी एवं मिथिलांचल के बीच रेल संपर्क टूटा रहा…..।

बता दें कि कोसी-मिथिलांचल व सीमांचल की रेल समस्याओं पर सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और महाप्रबंधक एल.सी.त्रिवेदी के साथ डीआरएम आर.के.जैन की देर तक वार्ता हुई। सहरसा जंक्शन सहित दौरम मधेपुरा स्टेशन के विकास के बाबत पूर्व के प्रस्ताव की स्वीकृति की जानकारी खुद सांसद पप्पू यादव ने मधेपुरा अबतक को दी। इससे पूर्व सांसद को रेल महाप्रबंधक एल.सी.त्रिवेदी द्वारा अंगवस्त्रम तथा पौधा लगा हुआ गमला भेंट कर सम्मानित किया गया।

यह भी जान लें कि सहरसा से गढ़बरुआरी तक 16कि.मी. रेल लाइन का अमान परिवर्तन कार्य पूरा कर लिया गया है। इससे आगे सुपौल-सरायगढ़-सकरी से भी आगे तक के बचे कार्यों में तेजी लाई जा रही है। वर्ष 2019 के जून महीने से पहले सहरसा-सरायगढ़-निर्मली रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा।

यह भी बता दें कि सामरिक दृष्टि से बिहार में रक्सौल के बाद सहरसा रेलवे स्टेशन को महत्वपूर्ण माना गया है। अतः सहरसा रेलवे स्टेशन को कारु खिरहरि हाल्ट से पंचवटी के रास्ते रेल द्वारा अपनी जमीन पर नया ट्रैक बिछाया जाएगा ताकि पूरब (यानि मधेपुरा) की दिशा से आने वाली ट्रेनों को सहरसा पहुंचने पर इंजन को बदलने की समस्या ही समाप्त हो जाय क्योंकि पहले भी इसी रास्ते से ट्रेन मधेपुरा की ओर जाती और आती थी।

महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी के साथ हुई बैठक के बाद सांसद पप्पू यादव ने मधेपुरा अबतक को पुनः बताया कि बनमनखी-बिहारीगंज रेलखंड पर ट्रेन की आवाजाही मार्च 2019 से शुरू हो जाएगी और बनमनखी-बराहारा कोठी दिसंबर तक चालू हो जाएगा। अंत में मधेपुरा और सहरसा स्टेशन को मॉडल स्टेशन बनाने की चर्चा के क्रम में उन्होंने कहा कि शहर के बंगाली बाजार में पूर्व से प्रस्तावित रेल ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए अब किसी टेंडर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अब इस ओवर ब्रिज का निर्माण एनएचआई द्वारा ही किया जाएगा।

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