जिले के घैलाढ़ प्रखंड के जागीर गांव के निवासी डॉ.नारायण प्रसाद यादव एक लोकप्रिय एवं हरदिल अज़ीज़ होम्योपैथी डॉक्टर के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके थे। कठिन रोगों के मरीज उनके अनुभव एवं विलक्षण प्रतिभायुक्त इलाज से ठीक होते रहे। डॉ.यादव ने सुपौल जिला के रहरिया अस्पताल एवं सहरसा हॉस्पिटल में 15 वर्षों तक सरकारी चिकित्सक के रूप में अपनी सेवा दी। बाद में नवहट्टा ब्लॉक में सरकारी चिकित्सक रहने के बाद सेवानिवृत्ति की तिथि तक मधेपुरा के सरकारी अस्पताल में कार्यरत रहे। उन्होंने अपनी कुशल चिकित्सीय इलाज के चलते हर जगह भरपूर लोकप्रियता हासिल की।
डॉ.नारायण प्रसाद यादव ने 14 फरवरी सरस्वती पूजा के दिन हार्ट अटैक के कारण पटना के आईजीआईएमएस में अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे धर्मपत्नी प्रोफ़ेसर गीता यादव, जो पूर्व में रही जिला परिषद की सदस्या, 8 वर्षों तक बीएन मंडल विश्वविद्यालय की सीनेटर, फाइनेंस कमेटी की मेंबर और वर्तमान में राज्य महिला आयोग की सदस्या हैं, के अतिरिक्त बैंक आफ बडौदा मुंबई में कार्यरत एकमात्र पुत्र प्रीतम कुमार एवं दो पुत्री पूजा शेखर व नीनू यादव को छोड़ 65 वर्ष की उम्र में चिकित्सा जगत को भारी क्षति पहुंचाकर चले गए।
डॉ.नारायण द्वारा चार साल पूर्व मधेपुरा में निजी अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर स्थापित किया गया था, जिसका उद्घाटन उन्होंने अपने गुरु समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी द्वारा कराया था।
डॉ.नारायण के निधन की जानकारी मिलने पर मधेपुरा के सचेतन नागरिकों एवं उनसे इलाज कराये और ठीक हुए अनगिनत नर-नारियों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। टीएमबीयू के पूर्व प्रति कुलपति डॉ.केके मंडल, टीपी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर सच्चिदानंद यादव, बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, पूर्व सिंडिकेट सदस्य डॉ.परमानंद यादव, पूर्व जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.अरुण कुमार, सीनेटर डॉ.नरेश कुमार, टीपी कॉलेजिएट के पूर्व प्राचार्य डॉ.सुरेश भूषण, प्रोफेसर सुलेन्द्र कुमार आदि ने शोक व्यक्त करते हुए यही कहा कि उनका कर्म सदा लहराएगा। साथ ही सबों ने ईश्वर से प्रार्थना की भी की कि उनके शोक संतप्त पारिवारिक जनों को इस अपार दुख को सहन करने हेतु धैर्य और साहस दे।