161st Ravindranath Tagore Jayanti.

मधेपुरा में कवींद्र रवींद्र की 161वीं जयंती मनी

आज 7 मई का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है जिस दिन जन्म ग्रहण करने वालों में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का भी जन्म हुआ था। यह वही शख्स है जिन्हें 1913 में प्रथम भारतीय के रूप में नोबेल पुरस्कार मिला था। यह वही शख्स है जिन्होंने 2 देशों भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान की रचना की है। भारत का राष्ट्रगान जन गण मन… और बांग्लादेश का आमार सोनार बांग्ला..  तो संपूर्णता में उनकी ही रचनाएं हैं। गुरुदेव ने अपने जीवन में 2200 से अधिक गीतों की रचनाएं की है।

वैसे युगपुरुष कवींद्र रवींद्र की 161वीं जयंती कौशकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सचिव डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच अपने निवास वृंदावन में ऑनलाइन मनाई है। विश्व विख्यात कवि साहित्यकार एवं दार्शनिक युग द्रष्टा की जयंती पर डॉ.मधेपुरी ने छात्रों एवं शिक्षकों से गुरुदेव के भावों को उद्धृत करते हुए बस इतना ही कहा-

महाविद्यालय और विश्वविद्यालय महापुरुषों के निर्माण का कारखाना है और सारे के सारे शिक्षक उन्हें बनाने वाले कारीगर हैं।

अंत में डॉ.मधेपुरी ने कहा कि इस कोरोना काल में सभी लोग कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें और सरकार तथा जिला प्रशासन को अनुशासित होकर सहयोग करें ताकि कोरोना की तीसरी लहर को रोका जा सके।

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