बिहार के समग्र विकास के लिए सतत व्यग्र रहने वाले माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो दिवसीय सरकारी एवं व्यक्तिगत क्षेत्र भ्रमण के दरमियान जब शनिवार को सुबह 10:00 बजे एमएलसी ललन सर्राफ के निवास से मधुबनी के लिए निकलने ही वाले थे कि उसी क्षण बीएन मंडल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति व पूर्व सांसद एवं वर्षों टी.पी.कॉलेज मधेपुरा के प्रधानाचार्य रहे डॉ.आर.के.यादव रवि द्वारा उन्हें ससम्मान गुलाब फूल का बुके दिया गया। तत्क्षण बिहार जदयू मीडिया सेल के अध्यक्ष डॉ.अमरदीप द्वारा हाल में प्रकाशित जदयू संदेश हस्तगत कराया गया जिसे हाथ में लेते ही मुख्यमंत्री ने प्रसन्न होकर पन्नों को पलटना शुरू कर दिया।

लगे हाथ मधेपुरा के प्रखर समाजसेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी द्वारा जेपी सेनानियों के हितार्थ माननीय मुख्यमंत्री महोदय से विस्तृत चर्चा भी की गई। उस समय मंत्री डॉ.रमेश ऋषिदेव, विधायक निरंजन मेहता, जदयू नेता सियाराम यादव, एमएलसी ललन सर्राफ एवं प्रदेश अध्यक्ष व्यवसायिक प्रकोष्ठ मूलचंद गोलछा मौजूद थे। बकौल डॉ.मधेपुरी बिहार के रामानुजन कहे जाने वाले अद्भुत गणितज्ञ व बीएन मंडल विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर उनकी अंत्येष्टि को राजकीय सम्मान के साथ संपन्न किए जाने की घोषणा करने वाले संवेदनशील सीएम नीतीश कुमार के प्रति उन्होंने हृदय से कृतज्ञता ज्ञापित किया, क्योंकि 60 के दशक में डॉ.मधेपुरी और डॉ.वशिष्ठ बाबू दोनों एक साथ सायंस कॉलेज पटना के छात्र रहे थे।
डॉ.मधेपुरी ने गणितज्ञ डॉ.वशिष्ठ बाबू की प्रतिभा की ऊंचाइयों को अपनी आंखों से देखा था। तभी तो सायंस कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य नासु नागेंद्र नाथ जैसे गणितज्ञों की अनुशंसा पर पटना विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति जॉर्ज जैकाॅब ने उनके लिए विशेष परीक्षा आयोजित की थी।
यही कारण है कि 1983 में इसी गणितज्ञ डॉ.वशिष्ठ नारायण सिंह के रांची मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती होने के समाचार को पढ़कर डॉ.मधेपुरी ने तत्कालीन समाजसेवी वरीय अधिवक्ता शिवनेश्वरी प्रसाद की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर उस अद्भुत गणितज्ञ को आर्थिक मदद करने की संवेदना जताई थी कि एक-दो दिन बाद कर्पूरी सरकार ने उनके इलाज पर आने वाले खर्च सरकारी कोष से वहन करने की घोषणा कर दी।