दो दिन पहले माननीय सुप्रीम कोर्ट से मुख्य चुनाव आयोग ने यही कहा कि किसी भी चुनाव में एक उम्मीदवार को 2 सीटों से चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि इससे राष्ट्रीय संपत्ति और समय दोनों का अपव्यय होता है | चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि यदि कोई उम्मीदवार दोनों सीट जीतने के बाद एक सीट खाली करता है तो उस सीट के लिए होने वाले उपचुनाव का पूरा खर्च उससे वसूल किया जाना चाहिए |
बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के विरुद्ध दाखिल किया गया यह हलफनामा (यह कि 2 सीटों से चुनाव लड़ने के प्रावधान को खत्म किया जाय) याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय की मांग के समर्थन में किया गया है | इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा की जा रही है, जिसके अटॉर्नी जनरल हैं- के.के.वेणुगोपाल |
यह भी जानिए कि ऐसे ही उम्मीदवार जब चुनाव जीतने के बाद संसद की सदस्यता ग्रहण करते हैं तो 20-20 दिनों तक भ्रष्टाचार निवारण बिल को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच उत्पन्न जबरदस्त टकराहट से संसद की कार्यवाही बार-बार ना जाने कितनी बार ठप्प करनी पड़ती है……. कभी-कभी तो दिन भर में 11 बार तक ओलंपिक खेल की तरह संसदीय इतिहास में भी नये-नये रिकॉर्ड बनते रहते हैं |
बता दें कि भारतीय संसद के बजट सत्र- 2018 का आज 6 अप्रैल को समापन हो रहा है | देश के बुद्धिजीवियों के बीच जहाँ विगत 2 महीनों से इन छह मुद्दों-
- नीरव मोदी बैंक घोटाला
- किसानों द्वारा आत्महत्या
- SSC परीक्षा घोटाला
- CBSE पेपर लीक
- Facebook डाटा चोरी
- SC/ST कानून आदि पर सबसे ज्यादा बहस चलती रही है वहीं लोकसभा में केवल SC/ST Act पर मात्र डेढ़ मिनट चर्चा हो पाई |
यह भी जानिये कि बजट सत्र के दूसरे हिस्से के 20 दिनों में मात्र 4 घंटे 52 मिनट लोकसभा चली और आज तक में देश का लगभग 216 करोड़ रुपये बेमतबल खर्च हो गये |
यह बात सबों को जान लेनी चाहिए कि जहाँ संसद सत्र के दरमियान प्रतिदिन 6 घंटे कामकाज के लिए निर्धारित हैं वहीं भारतीय संसद 20 दिनों में 292 मिनट ही चली यानि 5 घंटे से भी कम कामकाज हुए…….. हुआ केवल हंगामा……. जिसमें स्पीकर सुमित्रा महाजन को 44 बार सदन को स्थगित करना पड़ा और 42 बार कहना पड़ा- ‘I am Sorry !’ 15 बार तो एक,दो,तीन मिनट में ही सदन को स्थगित करने को मजबूर होना पड़ा स्पीकर को….. !
तभी तो विगत कई वर्षों से महामहिम भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के करीबी रहे समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी द्वारा दोनों सदनों (विधानसभा एवं लोकसभा) में खासकर पिंजरे बनवाने की चर्चाए बार-बार की जाती रही हैं | डॉ.मधेपुरी के अनुसार प्रत्येक सदस्य की सीट के चारों तरफ 7 फीट ऊंचे लोहे का जंगला बने जिसमें माननीय बंद रहे और उसमें ऑटोमेटिक इलेक्ट्रॉनिक लॉक लगाने का प्रावधान हो जिसका रिमोट स्पीकर के पास रहे | तभी सदन में विकास की बातों पर भरपूर चर्चाएं हो पायेंगी |
ऐसा होगा तभी सदन में पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के बीच न तो अभद्रतापूर्वक हाथापाई होंगी और न कभी कोई मंत्री किसी महिला विधायिका की साड़ी खींचेंगे और ना ही कोई महिला विधायिका दूसरी दफा यह कहेगी- “सरकार मेरे शील को अक्षुण्ण रखने की जब तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं करेगी तब तक मैं सदन में प्रवेश नहीं करूंगी !”