सूबे के आंदोलनरत शिक्षक संघ-संगठनों से छात्रहित में वार्ता हेतु हस्तक्षेप करने के लिए कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के बिहार विधान परिषद सदस्य डॉ.संजीव कुमार सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है जिसकी प्रतिलिपि सूबे के शिक्षा मंत्री एवं विभागीय अपर मुख्य सचिव को भी प्रेषित की गई है।
बता दें कि विधान पार्षद डॉ.संजीव ने पत्र में लिखा है कि सूबे के नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में वर्तमान विसंगतिपूर्ण वेतन संरचना तथा उनकी लंबित सेवा-शर्तों की अधिसूचना के साथ-साथ राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन के संदर्भ में मुख्यमंत्री के द्वारा विधान परिषद में विस्तार से सरकार का पक्ष रखा गया। इसी बाबत शिक्षा मंत्री द्वारा भी सकारात्मक वक्तव्य सभी सदस्यों के सामने आया, परंतु अभी तक वार्ता हेतु कोई विभागीय पहल नहीं होने से छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन एवं मैट्रिक व इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य बुरी तरह प्रभावित है।
सूबे के सीएम को उन्होंने यह भी कहा कि वित्त अनुदानित एवं गैर अनुदानित शिक्षण संस्थानों के शिक्षक-शिक्षिकाएं भी अपने चिर प्रतीक्षित “वेतनमान आधारित घाटानुदान” की मांगों के समर्थन में लगातार शांतिपूर्ण तरीके से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर हैं, परंतु अंततः आपसे ही समाधान की अपेक्षा भी इन सबों को है।
विधान पार्षद डॉ.संजीव ने पत्र में यह भी लिखा है कि संप्रति आपकी संकल्पित राजनीतिक इच्छाशक्ति “न्याय के साथ विकास” की अवधारणा एवं सिद्धांत के विपरीत शिक्षा विभाग तथा संबंधित जिला प्रशासन द्वारा शांति पूर्ण तरीके से आंदोलनरत शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रति दमनात्मक रवैया यथा निलंबन एवं बर्खास्तगी की कार्रवाई तथा प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई से गतिरोध बढ़ता जा रहा है। डॉ.सिंह ने अंत में यह भी कहा कि विभाग एवं जिला प्रशासन का यह कृत्य बिहार राज्य शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियमावली के भी विपरीत है। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री जी से यह भी अनुरोध किया कि वे शिक्षा विभाग के मंत्री एवं शीर्षस्थ पदाधिकारियों को आंदोलनकारी संघ-संगठनों से सम्मानजनक वार्ता हेतु अविलंब दिशा निर्देश दे।
चलते-चलते यह भी बता दें कि मधेपुरा के भीष्म पितामह कहे जाने वाले तथा डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के अत्यंत करीबी रहे शिक्षाविद् डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी से जब इस बाबत कुछ कहने को कहा गया तो डॉ.मधेपुरी ने बस इतना ही कहा कि गतिरोध बढ़े यह ठीक नहीं…. जल्द ही शिक्षकों की समस्या का समाधान हो…. मैं भी तो नीतीश सरकार की सामाजिक क्रांति के प्रतीक “साइकिल-पोशाक योजना” और वैश्विक क्रांति के प्रतीक “जल, जीवन और हरियाली” का प्रशंसक हूँँ…. प्रवक्ता हूँँ….. सर्वाधिक सूक्ष्म हिस्सा भी हूँँ ।