भारतीय गणतंत्र के राष्ट्रपति-चुनाव हेतु चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने निर्वाचन कार्यक्रमों का एलान करते हुए आज 14 जून को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है |
बता दें कि नोटिफिकेशन में नसीम जैदी ने घोषणा की कि नामांकन की अंतिम तारीख 28 जून होगी और स्क्रूटनी 29 जून को | नाम वापसी की अंतिम तिथि 01 जुलाई तय की गयी है | जुलाई महीने के 17 तारीख को पूरे देश के 32 मतदान केंद्रों पर 4120 विधायकों एवं 776 सांसदों द्वारा वोट डाले जायेंगे तथा मतों की गिनती 20 जुलाई को राजधानी दिल्ली में होगी | विजयी घोषित प्रत्याशी को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जायेगी- 25 जुलाई को क्योंकि महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है |
यह भी बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने उद्घोषणा की कि राजनीतिक दल अपने विधायकों एवं सांसदों को राष्ट्रपति चुनाव के बाबत व्हिप जारी नहीं कर सकता है | मतदान 29 राज्यों के विधानसभाओं, दो केंद्र शासित राज्यों (पांडिचेरी और दिल्ली) एवं एक संसद भवन यानि कुल 32 मतदान केंद्रों पर होगा- जहाँ सीक्रेट बैलेट एवं चुनाव के लिए खास निर्वाचक पेन का इस्तेमाल किया जायेगा अन्यथा वैसे वोट को अवैध माना जायेगा |
माननीय विधायकगण एवं लोकसभा-राज्यसभा के सांसदगण याद कर लेंगे कि आयोग द्वारा 17 जुलाई को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ही वोट डालने का समय निर्धारित किया गया है | साथ ही यह भी कि कोई भी विधायक जरूरत पड़ने पर संसद भवन के मतदान केंद्र पर या संसद सदस्य किसी भी राज्य के विधानसभा परिसर स्थित मतदान केंद्र पर अपना वोट डाल सकेंगे बशर्ते उन्हें चुनाव आयोग को 10 दिन पहले इस बाबत सूचित करना होगा |
ध्यातव्य है कि राष्ट्रपति पद के लिए खड़े होने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को 50 प्रस्तावको एवं 50 अनुमोदकों के हस्ताक्षर युक्त नामांकन पत्र जमा करने होंगे | कोई भी प्रस्तावक या अनुमोदक किसी एक ही उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर कर सकेगा |
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने एलान किया है कि किसी को भी अपना बैलेट पेपर दिखाकर वोट डालने का अधिकार नहीं होगा | ऐसा करने पर वोट रद्द भी हो सकता है |
फिलहाल राष्ट्रपति चुनाव के बाबत नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है | जहाँ एक ओर भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने राष्ट्रपति प्रत्याशी के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी के नाम का प्रस्ताव किया है वहीं दूसरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सर्वानुमति के लिए पहले केंद्र सरकार पहल करे- विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार की बात तब आयेगी जब सत्ता पक्ष सर्वानुमति नहीं बना पाता है |
और केंद्र की सत्ता संभाल रही भाजपा सरकार द्वारा एक त्रि-सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है जो अन्य दलों से बातचीत कर उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति बनाने की हर संभव कोशिश करेगी | समिति में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली एवं शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू सरीखे वरिष्ठ एवं अनुभवी नेता शामिल हैं |
यूँ तो इस बाबत सोनिया गांधी, नीतीश कुमार एवं लालू प्रसाद में बातें भी हुई हैं | विपक्षी दलों की बैठकें भी बुलाई गई है | नीतीश द्वारा वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ही विपक्ष की ओर से दोबारा प्रत्याशी बनाने की मंशा भी व्यक्त की जा चुकी है | अटकलों के बाजार में पक्ष-विपक्ष के बीच आम सहमति को लेकर बिहार फ्रंटफुट पर खड़ा दिख रहा है | तभी तो जदयू के राष्ट्रीय नेता शरद यादव को भाजपा की ओर से धर्मनिरपेक्ष छवि के प्रत्याशी दिये जाने पर किसी तरह की आपत्ति नहीं होगी- ऐसा माना जा रहा है |
बहरहाल इन तीनों नामों- प्रणब मुखर्जी, गोपाल कृष्ण गांधी और शरद यादव की चर्चाएं अटकलों के बाजार में तेजी पर है जबकि नामांकन के लिए अभी 14 दिन शेष हैं तथा सत्ता पक्ष की त्रि-सदस्यीय समिति की कोशिश अभी बाकी है……….. देखिए आगे-आगे होता है क्या ?