मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार, 05 मई को सभी राजनीतिक दल के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सर्वदलीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने कोरोना संकट से मुकाबले के लिए सभी दलों से सहयोग की अपील की। इस महत्वपूर्ण बैठक में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, जदयू के बिजेन्द्र प्रसाद यादव, भाजपा के प्रेम कुमार, हम के जीतन राम मांझी, राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी, कांग्रेस के सदानंद सिंह, भाकपा माले के महबूब आलम एवं लोजपा के राजू तिवारी शामिल रहे। इन नेताओं के अलावे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा कोरोना संकट से निपटने के लिए उठाए गए कदमों व किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिहार में बाहर से आने वाले लोगों के कारण कोरोना संक्रमण का फैलाव ज्यादा हुआ। बाहर से आने वाले लोगों के कॉन्टैक्ट्स से भी कोरोना संक्रमण की चेन बनी, जिसे तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों में जिला प्रशासन संबंधित विधायकों से भी सुझाव लें। विधायकों व राजनीतिक दलों से प्राप्त सुझाव के आधार पर आगे की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बैठक में विपक्ष से आग्रह किया कि वे केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से बैंकों के जरिए गरीबों को दी जा रही 12162 करोड़ की सहायता राशि व खाद्यान्नों के वितरण में सहयोग करें। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार, राहत और बचाव कार्यों में जनप्रतिनिधियों की सेवा ले। उनके सुझाव का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को जवाबदेही देने का आश्वासन दिया। हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने राज्य सरकार को एक अलग पोर्टल बनाने का सुझाव दिया, जिस पर किसी भी राज्य में फंसे बिहारी श्रमिक अपना निबंधन करा सकें।