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मधेपुरा की मानव श्रृंखला ने बाल विवाह- दहेज के खिलाफ ठंड की भी ना सुनी

जहाँ नीतीश सरकार की रीढ़ माने जाने वाले, वित्त-वाणिज्य-विधि एवं बिजली जैसे विभिन्न दुरूह विभागों को सहजतापूर्वक चलाने वाले और साहसिक कदम उठाते हुए जन-जन को लाभ लेने हेतु जागरूक करने वाले मधेपुरा जिला के प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव हो तथा डायनेमिक डीएम मो.सोहैल व एसपी विकास कुमार की पूरी सक्रिय टीम  हो- जो हर घर, हर डगर एवं हर मोड़ पर एक-दूसरे से यही कहते सुने जाते हों-

बनें श्रृंखला के भागीदार , दहेज मुक्त बने बिहार

दहेज़ बिहार छोड़ो , बाल विवाह से नाता तोड़ो

तो भला मधेपुरा की मानव श्रृंखला- बाल विवाह व दहेज के खिलाफ भीषण जानलेवा ठंड के साथ-साथ सरस्वती पूजनोत्सव की भी ना सुनी…… तो ना चाहने वाले भी क्या करें ! बिहार में 4 करोड़ से अधिक लोगों ने 14,000 किलोमीटर मानव श्रृंखला बनाकर नीतीश सरकार के नये व बड़े सामाजिक परिवर्तन की मजबूत बुनियाद रख दी है |

बता दें कि वर्तमान बिजली मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने सभी मीडिया कर्मियों को ‘रीत’ और ‘नीति’ दो शब्दों की कुशल व्याख्या करते हुए संक्षेप में यही कहा कि समाज चलता है रीत से और सरकार चलती है नीति से | अंधविश्वास बढ़ने से समाज रीत से भटककर कुरीतियों के रास्ते चलने लगता है | इससे मुक्ति दिलाने के लिए सरकार को नीति बनाने की जरूरत पड़ती है | समाज को जगाने की और उसकी सहभागिता की आवश्यकता होती है |

इस अवसर पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने मीडिया से यही कहा कि समाज को बदलने में बहुत समय लगता है और बदलने वालों को बहुत कुछ सहना पड़ता है | राजा राममोहन राय को सती प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति को दूर करने में कितने पत्थर खाने पड़े | नीतीश सरकार ने तो नशा, बाल विवाह और दहेज जैसी कुरीतियों को एक साथ दूर करने का कठोर संकल्प ले लिया है  | परंतु, सफलता इसलिए मिलेगी कि इस संकल्प को पुरुषों से अधिक महिलाओं एवं बच्चों का समर्थन है | डॉ. मधेपुरी ने कहा कि नीतीश सरकार की साइकिल और पोशाक योजना ने तो लड़कियों के हौसलों को पंख लगा दिया है जिसे अन्य राज्य भी ललचाई नजर से देखने लगे हैं और अपनाने भी लगे हैं |

यह भी जानिए कि इस जिले में कहीं दहेज विरोधी नारों से गूंज उठी सड़कें तो कहीं बाल विवाह न करने का लिया गया संकल्प | एक तरफ दिखा जोश तो दूसरी और कुरीतियों के खिलाफ बेमिसाल एकजुटता | उत्साह और उमंग के साथ हर किसी की रही हिस्सेदारी | ठंड में भी उमड़ पड़ा हुजूम | 11:00 बजे से ही दिखने लगी थी भीड़ |

मधेपुरा के भूपेन्द्र चौक पर मानव श्रृंखला में देखे गये- ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र, डॉ.मधेपुरी एवं  बिहार सरकार के वित्त सचिव राहुल कुमार सिंह (आईएएस), जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी, उपाध्यक्ष रघुनंदन दास, आदित्य कुमार, जदयू जिलाध्यक्ष प्रो.बिजेन्द्र प्रसाद यादव, आनंद मंडल, बी.बी. प्रभाकर जैसे प्रमुख जनों को और आकाश में देखा गया ‘ड्रोन’ को उड़-उड़कर फोटो लेते हुये |

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पांच करोड़ लोगों ने बनाई 13668 किलोमीटर लंबी मानव-श्रृंखला

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का साथ देने एक बार फिर पूरा बिहार उमड़ पड़ा और करोड़ों बिहारवासियों ने दहेज और बालविवाह से मुक्ति का पवित्र संकल्प लिया। रविवार को दोपहर 12 से 12.30 बजे के बीच राज्य के आम हों खास नागरिक, बच्चे हों या बूढ़े, पुरुष हों या महिलाएं, सभी एक समान उत्साह से भरे हुए नजर आए। दैनिक जागरण के मुताबिक श्री नीतीश कुमार के आह्वान पर इस बार 13668 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला में करीब पांच करोड़ लोग शामिल हुए और इस तरह बिहार विश्व की सबसे लंबी मानव श्रृंखला का साक्षी बना। बता दें कि इससे पहले भी यह कीर्तिमान बिहार के ही नाम था। शराबबंदी के लिए बनी मानव-श्रृंखला में 2016 में इसी 21 जनवरी के दिन लगभग 4 करोड़ लोग जुटे थे। ध्यातव्य है कि पिछली बार सड़कों पर ही श्रृंखला बनाई गई थी। इस बार यह लोगों पर छोड़ा गया था। लोगों ने गांव-कस्बे-मोहल्ले में जहां चाहा वहां श्रृंखला बनाई।

मानव-श्रृंखला की शुरुआत श्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में गुब्बारा छोड़कर की। श्रृंखला बनाने के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह और दहेज के खिलाफ पहले से ही कानून हैं, लेकिन ये कुरीतियां फैलती जा रही हैं। इसलिए हम बापू के जन्मदिवस 2 अक्टबूर से इसके विरोध में अनवरत अभियान चला रहे हैं। आगे भी यह कार्यक्रम जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि लोगों में बाल विवाह व दहेज के खिलाफ जागरुकता आ रही है। उनके संकल्प का प्रकटीकरण सार्वजनिक तौर पर भी होना चाहिए। इसलिए इस मानव-श्रृंखला का आयोजन किया गया।

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष श्री बशिष्ठ नारायण सिंह ने मानव-श्रृंखला को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि श्री नीतीश कुमार ने राजनीति को जिस तरह समाज से जोड़ा है, वह अनोखा है और उसका असर मानव-श्रृंखला के लिए घर से बाहर निकलने वाली बिहार की करोड़ों जनता की आंखों में देखा जा सकता है। वर्तमान समय में पूरे देश में दूसरा कोई ऐसा राजनेता नहीं, जिसने समाज-सुधार को अपना एजेंडा बनाया हो। बिहार की जनता ने अपने नेता के आह्वान पर एक बार फिर जैसा उत्साह दिखाया है, उससे उनके संकल्प को और बल मिलेगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के साथ गांधी मैदान में विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चौधरी, उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, पथनिर्माण मंत्री श्री नंदकिशोर यादव, कृषिमंत्री श्री प्रेम कुमार समेत कई वरिष्ठ नेता व नागरिक मानव-श्रृंखला का हिस्सा बने। वहीं ईको पार्क के निकट स्ट्रैंड रोड पर बनी मानव-श्रृंखला में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष श्री बशिष्ठ नारायण सिंह के नेतृत्व में विधान परिषद के पूर्व सभापति श्री अवधेश नारायण सिंह, विधानपार्षद व जेडीयू बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रो. रामवचन राय, विधानपार्षद व पार्टी के मुख्य सचेतक श्री संजय कुमार सिंह (गांधीजी), विधानपार्षद व कोषाध्यक्ष डॉ. रणवीर नंदन, विधानपार्षद व मुख्य प्रवक्ता श्री संजय सिंह, विधानपार्षद श्री ललन सर्राफ एवं जेडीयू मीडिया प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. अमरदीप समेत हजारों कार्यकर्ता व नेता शामिल हुए।

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मधेपुरा में ऐतिहासिक मानव श्रृंखला होगी बाल विवाह व दहेज के खिलाफ

मधेपुरा जिला के डायनेमिक डीएम मो.सोहैल, एसपी विकास कुमार, एसडीएम  द्वय संजय कुमार निराला व एस जेड हसन की पूरी टीम गत वर्ष के शराबबंदी के पक्ष में आयोजित मानव श्रृंखला के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त करने में लगी है | क्योंकि, नीतीश सरकार का यह आह्वान है कि बाल विवाह एवं दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों को दूर किये बिना प्रदेश और देश का विकास संभव नहीं | उन्होंने कहा कि इन कुरीतियों को दूर करने के लिए जन जागरण आवश्यक है | साथ ही समाज में जागरूकता लाने के लिए जनता की सहभागिता सर्वाधिक जरूरी भी |

यह भी जानिये कि बाल विवाह और दहेज जैसी कुरीतियाँ समाज का कोढ़ है जिससे सर्वाधिक प्रभावित होता है- शिक्षा | इन कुरीतियों से मुक्ति पाने तथा शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए इस धरती के शलाका पुरुष बाबू रास बिहारी लाल मंडल द्वारा 1911 ई. में ही दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें सारे भारत से 16000 जनप्रतिनिधि आये थे जिसकी अध्यक्षता नेपाल के तुलसी सिंह ने की थी |

उन दिनों 5 वर्ष की उम्र में ही लड़के की शादी हो जाती थी | इस उम्र सीमा को एक बारगी 10 वर्ष करने पर नेपाल से आये प्रतिनिधिगण विरोध में खड़े हो गये | तब जाकर 6 वर्ष की उम्र पर सहमति बनी | यह भी जान लीजिए कि स्थानीय टी.पी. कॉलेज के प्रधानाचार्य, विधायक, सांसद, उपकुलपति व कुलपति रह चुके डॉ.महावीर प्रसाद यादव की शादी मात्र 6 वर्ष की उम्र में हुई थी | उन दिनों छोटे लड़के को शादी कराने के लिए गोद में या पालकी में ले जाया जाता था और सबसे पहले बच्चे को दूध पिलाया जाता | आज 30 वर्ष के पार भी शादी करने वाले लड़के को ‘विद्य’ के रूप में दूध पिलाया जाता है | इस अंधविश्वास को भी हटाना होगा |

यह भी बता दें कि दहेज खत्म करने को लेकर भी कानून बने हैं, फिर भी पुलिस-हाकिम सभी असमर्थ हैं | कानून कोर्ट में रुके-पड़े हैं | अपनी बेटी के वर खातिर उनके भी सिर झुके हुए हैं | तब से आज तक प्रयास किया जा रहा है लेकिन समाज को सफलता नहीं मिल पाई है | सिक्ख समुदाय में तो कुछ सुधार नजर आता है लेकिन अन्य वर्गों के लोग तो शादियों में दहेज लेकर लाखों रुपये रोशनी एवं पटाखे में बर्बाद कर देते हैं | परंतु, बेटियों को अच्छी शिक्षा देने के समय उनका हाथ खाली रहता है |

बता दें कि एक ओर जहाँ दहेज एवं बाल विवाह बन्दी को लेकर मधेपुरा के डीएम,एसपी, एसडीएम द्वय एवं तेरहो प्रखंडों के बीडीओ, सी.ओ. से लेकर शिक्षा विभाग के सभी संस्थानों व समस्त पदाधिकारियों, शिक्षकों सहित सभी मिलकर मानव श्रृंखला हेतु रूट चार्ट तैयार कर रहे हैं | तैयारी यह भी की जा रही है कि गत वर्ष 21 जनवरी को शराब बन्दी को लेकर बनी मानव श्रृंखला में प्रदर्शन करने वाले 11 लाख 34 हजार की संख्या को इस बार बहुत पीछे छोड़ देना है और सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन कर जिले का नाम रौशन करना है |

वहीं दूसरी और राज्य के मुखिया नीतीश कुमार में आस्था-विश्वास रखने वाले जदयू, युवा जदयू एवं सभी प्रकोष्ठों से जुड़े सारे सदस्यगण 21 जनवरी 2018 को इन कुरीतियों द्वय के विरुद्ध आयोजित की जाने वाली मानव श्रृंखला को ऐतिहासिक बनाने के लिए प्राइवेट एवं सरकारी-प्राइमरी, मिडिल स्कूलों से लेकर उच्च विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों के छात्रों को इस अभियान में जोड़ने हेतु जगाने में अहर्निश लगे हैं |

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