Venkaiah Naidu at IGNOU Convocation

इग्नू के 32वें दीक्षांत समारोह में प्रदान की गई डिग्री

उच्च शिक्षा की चाहत रखने वालों के लिए वरदान इग्नू के 32वें दीक्षांत समारोह का लाइव प्रसारण दिल्ली स्थित इग्नू के मुख्यालय से किया गया…… जहाँ से भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू द्वारा संपूर्ण देश भर में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययनरत एवं उत्तीर्ण शिक्षार्थियों को संबोधित किया गया। समस्त क्षेत्रीय केन्द्रों पर बुधवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया और डिग्रियां प्रदान की गई।

बता दें कि कोसी क्षेत्रीय इग्नू केंद्रों द्वारा सहरसा में आयोजित समारोह में बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के कुलपति प्रो.अवध किशोर राय ने दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर डॉ.राय ने कहा कि उच्च शिक्षा की चाहत रखने वालों के लिए इग्नू वरदान है क्योंकि इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि अधिकतम उम्र सीमा की कोई पाबंदी नहीं है। उच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु इग्नू से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। गृह कार्यों में व्यस्त महिलाओं के लिए इन विषयों….. एमएच, एमकॉम, एमईसी, एमईजी, एमपीए, एमपीएस, बीटीएस……. आदि में शिक्षा प्राप्त करने के लिए ही तो इग्नू की स्थापना की गई है। कुलपति डॉ.राय द्वारा मास्टर डिग्री के 50 शिक्षार्थियों को डिग्री प्रदान की गई।

यह भी जानिए कि 8 जिले में जेल बंदियों, महिलाओं एवं अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र के लिए इग्नू के 16 अध्ययन केंद्र कार्यरत हैं। इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रति कुलपति डॉ.फारुख अली, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक डॉ.तकीउद्दीन अहमद व निदेशक डॉ.मिर्जा बेग, इग्नू के सहायक सचिव जयप्रकाश ओझा, प्रो.जवाहर झा, प्राचार्य डॉ.रेणु सिंह, डॉ.के.एस.ओझा, डॉ.राणा जयराम सिंह आदि ने 250 शिक्षार्थियों को डिग्री प्रदान की।

सभी शिक्षाविदों ने अपने संबोधनों में योग्य शिक्षकों की उपस्थिति के बावजूद कॉलेज के रेगुलर क्लासेस में छात्रों की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की और यही कहा कि छात्रों की उपस्थिति को लेकर शिक्षकों, अभिभावकों एवं विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एक सामूहिक प्रयास होना अनिवार्य है।

वर्तमान में पूरे भारत में 903 विश्वविद्यालय हैं, 40 हज़ार कॉलेज हैं तथा 30 लाख शिक्षार्थी इग्नू में नामंकिंत है। क्षेत्रीय केंद्र सहरसा के 8 जिले में 16 अध्ययन केंद्र क्रियाशील है जिसमें लगभग 17 हज़ार शिक्षार्थी नामांकित है।

कार्यक्रम का संचालन सहायक कुलसचिव ओझा जयप्रकाश ने किया और राजकुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

सम्बंधित खबरें