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वित्तरहित शिक्षकों को गति देने में लगे हैं कोसी के MLC डॉ.संजीव

Bihar Teacher's MLC Dr.Sanjeev Kumar Singh , Sanjeev Shyam Singh and Sanjay Kumar Singh

कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी डॉ.संजीव कुमार सिंह, तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी प्रो.संजय कुमार सिंह एवं गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी संजीव श्याम सिंह सरीखे त्रिमूर्ति ने शिक्षा विभाग के नये मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा एवं सचिवों के साथ शिक्षकों के हित में विभागीय समीक्षात्मक बैठक अंततः ‘शिक्षक दिवस’ के एक दिन बाद यानि 6-9-2017 को आयोजित करने की सहमति ले ही ली | जानकारी मिलते ही बिहार के विभिन्न कोटि के शिक्षकों एवं अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों, मदरसा एवं संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों, प्रोजेक्ट विद्यालय के शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों के रूप में नियुक्त होने वाले शिक्षकों के बीच खुशी की लहर उठने लगी है |

यह भी बता दें कि अनुदानित माध्यमिक, उच्च माध्यमिक यानि इंटर महाविद्यालय एवं डिग्री महाविद्यालय में G.E.R बढ़ाने हेतु सीट वृद्धि का प्रावधान एवं ऐसे संस्थानों के लंबित सभी अनुदान एकमुस्त विमुक्त करने हेतु विशेष प्रावधान पर विचार किया जाना है | विद्यालयों के संयोजक के पद पर पूर्व के प्रावधान  को ही लागू किये जाने की व्यवस्था पर विचार किया जायेगा |

यह भी जानिये कि राज्य सरकार द्वारा सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों को प्राप्त अनुदान की राशि शिक्षकों एवं कर्मियों के बीच वितरित नहीं करने पर विश्वविद्यालय द्वारा वैसे कालेजों के शासीनिकाय को भंग कर तदर्थ समिति गठित कर दी जायेगी | वर्षों से लंबित संबंधन एवं पदसृजन की प्रक्रिया भी शुरु होगी |

बता दें कि अधिनियमानुसार सम्बद्ध डिग्री महाविद्यालय में 19-4-2007 के बाद नियुक्त शिक्षकों को भी चयन समिति के माध्यम से सेवा नियमितीकरण के संबंध में 6 सितंबर की बैठक में कोसी के शिक्षक प्रतिनिधि डॉ.संजीव कुमार सिंह अपने सहयोगियों के साथ अपनी ही सरकार पर शिक्षकों के हित में जोर-शोर से दबाव डालेंगे तथा अमलीजामा पहनाकर ही दम लेंगे | इसी बैठक में 1128 मदरसा शिक्षकों एवं 531 संस्कृत शिक्षकों के वेतनमान की चर्चा भी की जायेगी |

कोसी शिक्षक प्रतिनिधि डॉ.संजीव कुमार सिंह ने अंत में बताया कि अल्पसंख्यक विद्यालय के शिक्षकों के अर्जित अवकाश, सेवानिवृत्त शिक्षकों के बकाये सेवान्त लाभ, कार्यरत शिक्षकों के कालबद्ध प्रोन्नति का लाभ, 1975 से पूर्व नियुक्त डिमोंस्ट्रेटर को छठे वेतन पुनरीक्षण का लाभ दिलाने के साथ-साथ 1966 के बाद पी-एच.डी. प्राप्त शिक्षकों को 3 वेतन वृद्धि का लाभ दिलाने के लिए पुरजोर कोशिश की जायेगी और इसके साथ-साथ BPSC द्वारा नियुक्त शिक्षकों के लिए वेतन विमुक्ति की चर्चा भी जमकर की जायेगी |

इन त्रिमूर्तियों के द्वारा ऐसे-ऐसे 19 विचारनीय बिंदुओं पर (25 अगस्त को ही) आगामी 6 सितंबर को बैठक आयोजित किये जाने के लिए सरकार से स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है | अब देखना है कि हमें कितनी सफलता मिलती है…….!

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