बिहार राज्य की सीमा नेपाल से सटे होने के कारण बिहार का बाढ़ प्रभावित होना स्वाभाविक है | नेपाल में 24 घंटे में 311 मि.मी. बारिश हुई है तभी तो कोसी हुई विकराल….. सीमांचल के ढेर सारे गाँव हुए जलमग्न और पलायन शुरू |
बता दें कि बिहार के 9 जिले…..(शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा और मुजफ्फरपुर ) के लगभग 20 लाख लोग बाढ़ की चपेट में है | उत्तर बिहार की नदियों में जबरदस्त उफान आ गया है | कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है |
यह भी बता दें कि दरभंगा में कमला बलान तथा शिवहर में बागमती नदी का तटबंध कई स्थानों पर टूट गया है | लोगों के साथ-साथ जानवरों को भी भारी तबाही हो रही है | कोसी के जलस्तर में सर्वाधिक वृद्धि होने से अररिया के पांच प्रखंडों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है | अबतक बिहार में दर्जनों लोगों की जानें जा चुकी हैं |
यह भी जानिए कि इस भयावह स्थिति को कंट्रोल करने के लिए कदाचित पहली बार छप्पनों (56) फाटक (शनिवार रात 10:30 बजे से रविवार सुबह 6:00 बजे तक) खोल दिये गये | इसके बाद धीरे-धीरे 26 फाटकों को बन्द कर दिया गया….. बैरेज के 30 फाटक अभी भी खुले हैं |
सूबे बिहार के अति संवेदनशील सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ के मसलों पर एक हाई लेवल मीटिंग की और तुरंत हेलीकॉप्टर से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी व मोतिहारी में बाढ़ से संघर्ष कर रहे लोगों की स्थिति का जायजा लेने हेतु हवाई सर्वेक्षण किया | बाढ़ की विभीषिका को देखकर मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य तेज करने, राहत कैंप लगाने तथा कम्युनिटी किचेन की व्यवस्था करने को कहा |
चलते-चलते यह भी बता दें कि सीएम ने उच्चाधिकारियों से आदमी व पशुओं की दवा से लेकर पर्याप्त मात्रा में चारा का भी इंतजाम करने को कहा | साथ ही कम्युनिटी कैंप के भोजन की गुणवत्ता के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी ध्यान दिये जाने की बात कही | सीएम ने राहत व बचाव हेतु एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम तैनात रखने को कहा जो अपनी ड्यूटी के प्रति हमेशा चौकन्ना रहे |