पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में आयोजित तीन दिवसीय 47वाँ नेशनल डेयरी इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस-2019 का उद्घाटन बिहार के विकास प्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एवं पशु-मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस आदि उपस्थित थे।
बता दें कि उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसान गोबर के साथ-साथ गो-मूत्र का इस्तेमाल ऑर्गेनिक खेती में करें तो पर्यावरण संरक्षण के साथ उत्पादन भी बढ़ेगा। उन्होंने इंडियन डेयरी एसोसिएशन के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि इस संगठन के पूर्वी क्षेत्र का मुख्यालय बिहार में खुले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में 30 डिसमिल जमीन पर किसानों को मिलने वाली सब्सिडी की राशि अब 6000 से बढ़ाकर 8000 कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि 22 हज़ार 7 सौ दुग्ध समितियों से लगभग 12 लाख लोग जुड़े हैं जिसमें महिलाएं मात्र ढाई लाख हैं। अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि सरकार की मंशा है कि बिहार दूध उत्पादन में जल्द से जल्द देश के टॉप 3 राज्यों में शामिल हो। इसके लिए बिहार में उन्होंने पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना और पशु विज्ञान केंद्र बनाने की घोषणा की।
यह भी बता दें कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि पटना में जब डेयरी प्रोजेक्ट बना तब वर्ष 2005 में जहां कम्फोड द्वारा 4 लाख लीटर दूध प्रतिदिन सप्लाई किया जाता था वहीं यह बढ़कर 20 लाख लीटर हो गया है। मौके पर पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बिहार सरकार से मांग की कि सुधा स्टाल के आवंटन में आरक्षण लागू हो।
चलते-चलते यह भी बता दें कि जहाँ अमेरिकन नोबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ इंस्टुंग्लेट ने बिहारी किसानों द्वारा की जा रही जैविक खेती को देखकर कहा कि बिहार के किसान कृषि वैज्ञानिकों से ज्यादा समझदार हैं वहीं सीएम नीतीश कुमार ने डेयरी क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों को भिन्न-भिन्न अवार्ड से सम्मानित किया। अंत में सीएम अपनी टीम के साथ डेयरी से संबंधित लगाई गई प्रदर्शनी का भी परिभ्रमण किया….. और देख-देखकर सबों ने प्रसन्नता जाहिर की।