दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक में जदयू ने कई मुद्दों पर बड़ी बेबाकी से अपना स्टैंड स्पष्ट किया। पार्टी ने जहां एक ओर क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म पर जीरो टॉलरेंस की नीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, वहीं दूसरी ओर यह भी साफ-साफ कहा कि जदयू 2019 का चुनाव एनडीए के साथ लड़ेगी। बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने एनडीए में सीट शेयरिंग पर किसी टकराव से भी इनकार किया। साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई जारी रखने की बात भी उन्होंने कही।
गौरतलब है कि आज की इस बैठक में जदयू ने सैद्धांतिक तौर पर एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव भी पारित किया। इस मुद्दे पर भाजपा के रूख का समर्थन करते हुए पार्टी ने कहा कि इससे चुनाव के खर्चे कम होंगे। साथ ही काला धन पर भी लगाम लगेगा। लेकिन वहीं असम में नागरिकता संशोधन बिल पर भाजपा से अलग राय जाहिर करते हुए पार्टी ने इसका विरोध करने का फैसला किया। बकौल त्यागी इस बिल का असम में विरोध है और इससे संवैधानिक संकट भी खड़ा हो जाएगा।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मणिपुर में होने जा रहे चुनाव के संदर्भ में केसी त्यागी ने कहा कि इन राज्यों में हम अपने दम पर कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। त्यागी ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि हम बीजेपी की मदद कर रहे हैं, लेकिन हम न तो उनका सपोर्ट कर रहे हैं और न ही उनका विरोध कर रहे हैं। हम उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं। वहीं पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के बाहर होने और नई पार्टी बनाए जाने के बाद असली जदयू को लेकर चली रही बहस को लेकर केसी त्यागी ने कहा है कि जदयू एक ही है, जिसका नेतृत्व नीतीश जी कर रहे हैं।
केसी त्यागी ने बिहार भाजपा के नेता व केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को आड़े हाथों लिया। बिहार में नवादा की सांप्रदायिक घटना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मंत्री जेल जाकर दंगे के आरोपितों से मिलते हैं। किसी मंत्री का बिहार की व्यवस्था पर सवाल उठाना, आरोपितों से सहानुभूति दिखाना और उनसे मिलना सर्वथा अनुचित है।